पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने पुरस्कार के लिए पुस्तकें आमंत्रित कीं

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अमर वर्मा 

नई दिल्ली. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय हिंदी में मौलिक लेखन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से वर्ष 2009 के लिए पृथ्वी विज्ञान तथा इससे संबंधित विषयों अर्थात 1. समुद्र के सजीव तथा निर्जीव संसाधन 2. गहरे समुद्र संस्तर से बहुधात्विक पिण्डिकाएं 3. अटार्कटिक अनुसंधान 4. समुद्री पर्यावरण -प्रदूषण नियंत्रण 5. तरंग ऊर्जा का इस्तेमाल और समुद्र तापीय ऊर्जा रूपांतरण 6. उपग्रह मौसम विज्ञान 7. जल विज्ञान 8. प्राकृतिक आपदाओं संबंधी विज्ञान 9. कृषि मौसम विज्ञान 10. सुनामी विज्ञान और तूफान महोर्मि 11. जलवायु विज्ञान 12. ध्रुवीय विज्ञान आदि पर मूल रूप से हिंदी में लिखी गई पुस्तकें (प्रकाशित) आमंत्रित करता है।
 
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पदाधिकारियों को छोड़कर सभी भारतीय नागरिक इस योजना में भाग ले सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत तीन पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं. प्रथम पुरस्कार 50, 000 रुपए, द्वितीय पुरस्कार 40,000 रुपए और तृतीय पुरस्कार 30,000 रुपए का है.
 
इस योजना के अंतर्गत पुरस्कार वर्ष सहित पिछले तीन वर्ष के दौरान लिखी गई प्राकृतिक पुस्तकों पर ही विचार किया जाएगा। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पिछले तीन वर्षों के दौरान भेजी गई पुस्तकों पर विचार नहीं किया जाएगा। आवेदन के साथ पुस्तकों की सात प्रतियां भेजना आवश्यक है । इस प्रतियोगिता के लिए आवेदन पत्र तथा योजना के निबंधन और शर्तों से संबंधित विस्तृत सूचना डाक द्वारा या व्यक्तिगत रूप से सहायक निदेशक (राजभाषा), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, महासागर भवन, ब्लॉक -12, लोदी रोड, केन्द्रीय कार्यालय परिसर, नई दिल्ली 110001 से प्राप्त की जा सकती हैं। यह सूचना मंत्रालय की वेबसाइट http://www.moes.gov.in पर भी उपलब्ध है। 31 जुलाई 2009 के बाद प्राप्त होने वाली पुस्तकों पर विचार नहीं किया जाएगा।

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