भ्रम की स्थिति पैदा करके आजमगढ़ और मुस्लिम समाज को कटघरे में खड़ा करने
में ज्यादा दिलचस्पी रखती हैं। पीयूसीएल ने बृजलाल पर आरोप लगाया कि अगर बृजलाल कहते हैं कि मुंबई एटीएस की कोई टीम यूपी नहीं आई है और मुंबई धमाकों का यूपी कनेक्सन नहीं मिला
है, तब ऐसे में उन्हें मुंबई आतंकवाद निरोधी दस्ते के प्रमुख मारिया द्वारा लगातार आ रहे बयानों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। क्योंकि मुंबई एटीएस के यूपी आने और उसके द्वारा युवकों से पूछताछ और उठाने की खबर लगातार छापी जा रही है और इन खबरों का आधार मुंबई एटीएस और यूपी
पुलिस और खूफिया विभाग हैं। पीयूसीएल ने कहा कि अगर बाहर की एटीएस टीम सूबे में आती है और प्रदेश पुलिस महानिदेशक को इसकी जानकारी नहीं है तो इससे निर्दोषों के गंभीर मानवाधिकार उत्पीड़न और गैरकानूनी गिरफ्तारियों का खतरा पैदा होने का डर है, जैसा कि पूर्व में भी अनेक अवसरों पर हुआ है और एटीएस पर गंभीर आरोप लगते रहे हैं। पीयूसीएल ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वो तत्काल कथित पुलिसिया और खूफिया स्रोतों द्वारा अखबारों में सांप्रदायिक मंशा से प्लांट की जा रही खबरों पर रोक लगाए।
कथित स्रोतों वाली सांप्रदायिक खबरों पर रोक लगाए सरकार- PUCL
मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज(PUCL) ने मुंबई बम धमाकों की जांच पर मुंबई आतंकवाद निरोधी दस्ते के प्रमुख राकेश मारिया और उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक बृजलाल के अंर्तविरोधी बयानों पर सवाल उठाया है। पीयूसीएल के प्रदेश संगठन सचिव शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने कहा कि एक तरफ राकेश मारिया कह रहे हैं किमुंबई एटीएस उत्तर प्रदेश भेजी जा चुकी है, वहीं बृजलाल कह रहे हैं किमुंबई एटीएस नहीं आई है। ऐसे में सवाल उठता है कि आतंकवाद से निपटने के नाम पर बनाई गई यह एजेंसी आतंकियों तक पहुंचने में दिलचस्पी रखती है या