प्रौद्योगिकी, व्यवसाय, शासन एवं समाजिक उद्यमिता के तंत्र वैश्विक परिवर्तन के दौर में एक दूसरे के पूरक :  डॉ डीपी शर्मा

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DP Sharma

आई एन वी सी न्यूज़
जयपुर :  यूनाइटेड नेशंस के सामाजिक उद्यमिता एजेंडा 2030 को प्राप्त करने के लिए युवा सामाजिक उद्यमिता एवं विकास का समर्थन करें तभी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल को तेजी से हासिल किया जा सकता है। यह कहना है यूनाइटेड नेशन्स विकास कार्यक्रम से जुड़े रिसर्च सलाहकार, कंप्यूटर वैज्ञानिक एवं स्वच्छ भारत मिशन के एंबेसडर डॉ डीपी शर्मा का।

राजस्थान विश्वविद्यालय के उद्यमिता व कौशल विकास केंद्र तथा मीडिया फाउंडेशन – भारती युवा संसद के संयुक्त तत्वावधान में सामाजिक उद्यमिता, आत्मनिरीक्षण व भविष्य की रणनीति विषय को लेकर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का उद्घाटन समारोह आर.ए. पोद्दार प्रबंध संस्थान के सभागार में आयोजित किया गया। इस अवसर पर विषय विशेषज्ञों के साथ देश भर से आये प्रतिभागी उपस्थित थे।

कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से की-नोट स्पीकर के रूप में बोलते हुए डॉ डीपी शर्मा ने कहा कि परिवर्तन दुनिया का शाश्वत नियम है और इस परिवर्तन की टाइम काॅंप्लेक्सिटी पहले की तुलना में दशकों या आधी सदी से घटकर कुछ महीना या कुछ सालों पर पहुंच चुकी है। किसी भी सामाजिक तंत्र में उद्यमिता के इस वैश्विक परिवर्तन को आत्मसात करने के लिए हर व्यक्ति को टेक्नोलॉजी सेवी बनना होगा।

डॉ शर्मा ने बताया कि अभी अप्रैल 2023 में न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सामाजिक और यूनाइटेड इकोनॉमी पर एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया जिसमें प्रस्तावक योलांडा डियाज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि संस्थाओं को सतत विकास प्राप्त करने के लिए सामाजिक उद्योगों, सहकारी समितियां और अन्य सामाजिक उद्यमिता से जुड़े लोगों के काम को बढ़ावा देने और समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। ज्ञात रहे कि राजस्थान विश्वविद्यालय में आयोजित यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास नीतियों का भी वैश्विक स्तर पर समर्थन कर सकता है। डॉ शर्मा ने कहा कि फेसबुक, गूगलमीट, व्हाट्सएप एक फ्रीमियम मॉडल पर सामाजिक उद्यमिता के रूप में विकसित हुए मगर आज वे प्रीमियम मॉडल पर बिजनेस हाउस बन चुके हैं।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो. एडी सावन्त ने अपने उद्बोधन में पर्यावरणीय मुद्दों के जरिये उद्यमिता की संभावनाओं को रेखांकित किया।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अल्पना कटेजा ने की। इस सम्मेलन में एनडीटीवी के नेशनल एडिटर मिहिर गौतम ने अपने उद्बोधन में उद्यमिता के विभिन्न आयामों पर चर्चा करते हुए सोशल मीडिया में नई संभावना को तलाशने पर जोर दिया।

राजस्थान सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त कॉलेज एजुकेशन सुनील शर्मा ने राजस्थान सरकार के माध्यम से उद्यमिता तथा कौशल विकास के नए प्रयोग तथा इसके माध्यम से छात्रों में उद्यमिता के विकास के क्रियान्वयन पर चर्चा की।

आयोजन के समन्वयक प्रो. अनुराग शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहला अवसर होगा जब सामाजिक उद्यमिता से जुड़े चार पद्मश्री अंतर्राष्ट्रीय एवं ख्यातनाम कंप्यूटर वैज्ञानिक व स्वच्छ भारत मिशन के राष्ट्रदूत डॉ डीपी शर्मा एक साथ किसी एक आयोजन मंच पर रहे।

आयोजन के कल के सत्र में जे. नंद कुमार राष्ट्रीय संयोजक-प्रज्ञा प्रवाह, पद्मश्री सुंडाराम वर्मा कृषि विशेषज्ञ, पद्मश्री श्यामसुंदर पालीवाल पर्यावरण कार्यकर्ता, डीजीपी उमेश मिश्रा, प्रो. जीएस मूर्ति राष्ट्रीय समन्वयक-भारतीय ज्ञान प्रणाली (शिक्षा मंत्रालय-भारत सरकार), प्रो.संजीव शर्मा कुलपति-राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, वांगचोक शमशु संस्थापक और सीएमडी-हिमालयन हेली प्रमुख गणमान्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में उपस्थित थे। आयोजन में विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी, रिसर्च स्कॉलर तथा प्रोफेसरों की भी सहभागिता रही।

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