नवगीत : लेखिका मधु प्रधान

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नवगीत

1-
उठा है फिर झुरमुटों में
पंछियों का शोर
पायलें पनघट से बोलीं
हो गई लो भोर ।
हम हैं बंजारे डगर में
इस नगर से उस नगर में
चक्र में बंध कर नियति के
नाचते ज्यों मोर ।
अजब सांचें में ढ़ले हैं
क्षितिज को छूने चले हैं
बांध कर मुट्ठी में अपनी
आँधियों का जोर ।
नेह भीने स्वर सुहाने
कल कहाँ होंगे न जाने
याद रह जायेगी बस
भीगे नयन की कोर ।
क्षर हुई अक्षर कथाएं
समय की पाहुन प्रथायें
खींचती है इक अदेखी
रज्जु अपनी ऒर।।

2-
खिल गई सुबह
हो गया शोर
फिर भी कितने
अंधियारे हैं
जो मन को
घेरे बैठे हैं ।
रात ठिठुरती
बर्फीली सिहरन से
कंपता रोम-रोम
क्या बीत रही
उनसे पूछो
जो फुटपाथों पर
लेटे हैं ।
बेबसी सिल गई होंठ मगर
आँखों से छलक रहे
शिकवे
कुछ तरस रहे
इक टुकड़े को /कुछ
सारी धूप लपेटे हैं ।
मासूम निगाहों को
केवल रोटी के
सपने आते हैं
भोली मुस्कानों से पूछो
वे कितने दर्द समेटे हैं ।।

3-

मेरे आँगन में
उतरी है
कोमल सी
रतनारी धूप ।
नर्म हुए सूरज के तेवर
नयन अधखुले
अलसाए से
बाँह छुड़ा कर
दौड़ गई है
बिखरी क्यारी -क्यारी धूप ।
जैसे उड़ती
सोन चिरैया
आ मुँडेर पर
बैठ गई हो
कुछ पल रुक कर
घूम रही है
घर आँगन बँसवारी धूप ।
पी से मिल
लौटी मुग्धा सी
चहक रही
कुछ लजा रही
किससे मन को
हार गई है
छुईमुई कचनारी धूप।।

4-

सपनों में जो आता रहता
अब वो अपना गाँव कहां है |
कल-कल करती नदी खो गई
कहाँ गए तालाब कमल के
तन-मन को जो शीतल करदें
सोते मीठे -मीठे जल के
पथ की थकन मिटाने वाली
पीपल की वह छाँव कहाँ है।।
धूप खिली खेतों पर लेकिन
लगती है कुछ धुंधलाई सी
हुई प्रदूषित हवा धुंए की
हलकी बदली है छाई सी
महकाती थी जो मुंडेर को
कागा की वह काँव कहाँ है ।।
बखरी -बखरी भरी हुई पर
मुठ्ठी इतनी भिंची हुई है
मन से मन के बीच अदेखी
रेखाएं सी खिंची हुई हैं
चटक रही कच्ची दीवारें
अपनेपन का भाव कहाँ है ।।

__________________________

drmadhupradhan,poetdrmadhupradhan,dr.madhupradhanपरिचय -:
डॉ. मधु प्रधान
लेखिका व् कवयित्री

शिक्षा        – एम.ए.(हिंदी), बी.एड., एम.बी.ई.एच.
बाल साहित्य  – बाल साहित्य संग्रह, बाल कथा संग्रह, बाल उपन्यास, राष्ट्र गीत संग्रह, दूरदर्शन से अनेकों बार गीत ग़ज़ल प्रसारण .2014 – उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा वर्ष 2013 में प्रकाशित कृति

 सम्मान व्  पुरस्कार

‘नमन तुम्हें,मेरे भारत’ पर    नज़ीर अकबराबादी सर्जना पुरस्कार
2013 – पं. बाल मुकुंद द्विवेदी स्मृति सम्मान
2012 – मानस परिषद् द्वारा विशिष्ट साहित्यकार सम्मान
2009 – मानव विकास शिक्षा समिति द्वारा प्रख्यात गीतकार सम्मान
2003 – भारतीय बाल कल्याण संस्थान, उत्तर प्रदेश द्वारा बाल साहित्यकार सम्मान
2001 – उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मलेन द्वारा राजभाषा सम्मान प्रशस्ति पत्र
2000 – अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टीट्यूट द्वारा रिसर्च बोर्ड आफ एडवाईजर्स में नामांकन
1999 – सांस्कृतिक साहित्य खनन श्रंखला, सावनेर, नागपुर द्वारा काव्य वैभव श्री सम्मान
1998 – जैमनी अकादमी, पानीपत हरियाणा द्वारा अखिल भारतीय लघु कथा प्रशस्ति पत्र
1997 – पानीपत अकादमी हरियाणा द्वारा मानद आचार्या उपाधि प्रकाशित कृति  – नमन तुम्हें, मेरे भारत राष्ट्र गीत संग्रह

संपर्क  -:

3ए/58ए , आजाद नगर , कानपूर मोब. 08562984895, 08187945039

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