संघीय बजट 2021-22 : जान और जहान दोनो का रखा ध्यान

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–  डाॅo रोहित राय –

वित्त मंत्री ने कोविड -19 से उत्पन्न चुनौतियों तथा भावी आर्थिक विकास की आवश्यकताओं के बीच एक अच्छा संतुलन प्रस्तुत किया है। जहाँ एक तरफ स्वास्थ्य बजट को 137 प्रतिशत बढाकर 2.23 लाख रूपये कर दिया गया है वहीं आत्मनिर्भर भारत योजना के लिए 27.1 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जो जी0डी0पी0 का 13% है। 5.54 लाख करोड़ रूपये के पूंजीगत व्यय के साथ आधारभूत संरचना क्षेत्र में पी0पी0पी0 माडल आधारित नेशनल इंफ़्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन तथा भारत माला जैसे योजनाओं पर बल दिया गया है। आर्थिक सुधारों की दिशा में आगे बढते हुए बीमा क्षेत्र में 74 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति दी गई है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के स्वास्थ में सुधार के लिए 20 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए 2 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है जिससे विभिन्न शहरों में फिटनेस सेन्टर स्थापित किए जायेंगे। अब केवल पूरी तरह से फिट वाहन ही सडकों पर चल सकेंगे। शिक्षा क्षेत्र में इसी साल उच्च शिक्षा आयोग का गठन किया जायेगा साथ ही नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के लिए 5 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। सामाजिक क्षेत्र में वन नेशन वन राशन कार्ड,  उज्ज्वला योजना , पोषण मिशन 2.0 . शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 इत्यादि योजनाओं पर बल दिया गया है। बजट में करदाताओं को कोई विशेष राहत नहीं दी गई है , केवल पेंशन आय प्राप्त कर रहे 75 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ नागरिकों को ही कर से छूट प्रदान की गई है ।

इसका कारण वित्त मंत्री के ऊपर राजकोषीय घाटे को कम से कम रखने की बाध्यता हो सकती है। इसके बावजूद राजकोषीय घाटा अगले वर्ष 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है । यद्यपि कर प्रणाली को सरल एवं पारदर्शी बना कर करदाताओं को राहत प्रदान करने की बात बजट में आवश्य की गई है। तीन वर्ष पुराने कर के मामले अब नहीं खुलेंगे। संक्षेप में बजट तत्कालीन परिस्थितियों में स्वास्थ्य राहत के साथ-साथ रोजी-रोटी, रोजगार तथा आर्थिक विकास को भी समान रूप से महत्व देता है।

 

परिचय – : 

डाॅo रोहित राय

लेखक व् शिक्षक 

  सिस्टेंट प्रोफेसर – अर्थशास्त्र माधव प्रसाद त्रिपाठी राजकीय महिला महाविद्यालय  

संपर्क – : 
मोo नं0- 9140690067 , ई- मेल- rairohit.au@gmail

लेखक के अपने निजी विचार।

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