त्रिवेणी धाम (धारा जी) एक अलौकिक तीर्थ क्षेत्र अर्थात वास्तविक त्रिवेणी धाम यही है, यही है, यही है – डॉ शर्मा

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पीठाधीश्वर स्वामी विश्वरूप दास के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता एवं भगवान कुबेर सेवक राम चरण गौतम और डॉ डीपी शर्मा
पीठाधीश्वर स्वामी विश्वरूप दास के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता एवं भगवान कुबेर सेवक राम चरण गौतम और डॉ डीपी शर्मा

पीठाधीश्वर स्वामी विश्वरूप दास ने आगे बताया कि यही त्रिवेणी धाम वास्तविक त्रिवेणी धाम है जहां पर नागा पीठ के प्राचीनतम संस्थापक जगतगुरु चतुर चिंतामणि नागा जी महाराज ने पहाड़ी पर तपस्या की थी और तीन धाराओं यानी गंगा जमुना सरस्वती (श्वेत नील एवं रक्त वर्ण) की तीन धाराओं को धरती पर अवतरित किया।

 

आई एन वी सी
न्यूज़ नई दिल्ली ,

 

त्रिवेणी धाम धारा जी अजीतगढ़ जिला सीकर राजस्थान के तीर्थ क्षेत्र का दौरा कर यूनाइटेड नेशंस के इंटरनेशनल परामर्शक एवं स्वच्छ भारत मिशन के प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्रीय ब्रांड एंबेसडर डॉ डीपी शर्मा ने तीन पहाड़ियों से गिरने वाली तीन धाराओं और उससे निकलने वाली नदी के संगम स्थल पर स्थित दुनिया के प्राचीनतम चतुः संप्रदाय नागा पीठ को देखा तो भाव विभोर होकर उनके मुंह से निकल गया कि वास्तविक श्रेणी धाम यहीं है, यहीं है, यहीं है ।

 

नागा बाबा की गुफा, पीठ की दिव्यता एवं 700 साल से भी अधिक पुरानी बाबा की समाधि देखकर ऐसा प्रतीत होता है यह स्थान अलौकिक एवं स्वर्गीय अनुभूति देने वाला है। ज्ञात रहे कि इन तीनों धाराओं को अवतरित एवं पीठ को स्थापित जगतगुरु चतुर चिंतामणि नागा जी महाराज ने किया। वास्तविक त्रिवेणी धाम (धारा जी) अजीतगढ़ के पीठाधीश्वर स्वामी विश्वस्वरूप दास काठिया ने बताया कि एक प्राचीन मान्यता है कि भगवान गोविंद यहां पर बाटी का भोग ले रहे थे और आधी बाटी अपने हाथ में लेकर निकल गए और इसी कारण राजस्थान में नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी में आधी बाटी का भोग आज भी लगाया जाता है।

पीठाधीश्वर स्वामी विश्वरूप दास ने आगे बताया कि यही त्रिवेणी धाम वास्तविक त्रिवेणी धाम है जहां पर नागा पीठ के प्राचीनतम संस्थापक जगतगुरु चतुर चिंतामणि नागा जी महाराज ने पहाड़ी पर तपस्या की थी और तीन धाराओं यानी गंगा जमुना सरस्वती (श्वेत नील एवं रक्त वर्ण) की तीन धाराओं को धरती पर अवतरित किया। 22 वीं पीढ़ी के जगतगुरु पीठाधीश्वर स्वामी विश्वरूप दास काठिया महाराज ने आगे बताया कि 15 वी शताब्दी के शिलालेख यह बताते हैं कि यह पीठ 700 साल से भी अधिक प्राचीन है। ऐसी भी मान्यता है कि नागा बाबा जब कामा भरतपुर में ब्रज क्षेत्र पधारे थे तब उनकी तपस्या और सनातन नागा परंपरा से प्रसन्न होकर भगवान कृष्ण ने तत्कालीन पीठाधीश्वर चतुर चिंतामणि के केस भी सुलझाए थे।

ज्ञात रहे कि स्वच्छ भारत मिशन के प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्रीय ब्रांड एंबेसडर डॉक्टर डीपी शर्मा सपरिवार एवं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं भगवान कुबेर सेवक राम चरण गौतम के साथ इस तीर्थ क्षेत्र में अपने निजी दौरे के लिए पधारे थे।

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