
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा है कि बड़ी राशि के अंतरण के लिए भारत में आरटीजीए (भुगतान के तत्काल निपटान) की सुविधा आगामी दिसंबर से चौबीसों घंटे शुरू कर दी जाएगी। इससे भारतीय वित्तीय बाजार को वैश्विक बाजारों के साथ एकीकृत करने के प्रयासों को मदद मिलेगी। आरबीआई की पुनर्गठित मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय पहली बैठक के बाद जारी सीमीक्षा रपट में यह जानकारी दी गई है।
इसके साथ ही भारत वैश्विक स्तर पर ऐसे गिने चुने देशों में शामिल हो जाएगा, जहां 24 घंटे, सातो दिन, बारहों महीने बड़े मूल्य के भुगतानों के तत्काल निपटान की प्रणाली उपलब्ध होगी। यह सुविधा दिसंबर 2020 से प्रभावी हो जाएगी। आरबीआई ने इससे पहले दिसंबर 2019 में एनईएफटी प्रणाली (नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर सिस्टम) को हर रोज चौबीसो घंटे खुला किया था।
रिपोर्ट के अनुसार एनईएफटी उस समय से चौबीसो घंटे सुचारु रूप से काम कर रही है। आरटीजीएस अभी केवल बैंकों के सभी कार्यदिवसों में (दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़ कर) सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक खुला रहता है। आरबीआई ने कहा है कि आरटीजीएस के चौबीसो घंटे उपलब्ध होने से भारतीय वित्तीय बाजार को वैश्विक बाजार के साथ समन्वित करने के निरंतर जारी प्रयासों तथा भारत में अंतराष्ट्रीय वित्तीय केद्रों के विकास में की मदद होगी।
इससे भारतीय कंपनियों और संस्थाओं को भुगतान में और आसानी होगी। रिजर्व बैंक ने जुलाई 2019 से एनईएफटी और आरटीजीएस के जरिए धन अंतरण पर शुल्क लेना बंद कर दिया था। देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। आरटीजीएस के जरिए बड़ी राशि का त्वरित अंतरण किया जाता है जबकि एनईएफटी का इस्तेमाल दो लाख रुपये तक की राशि को भेजने के लिए किया जाता है। PLC.