इस शिवलिंग को श्रीराम द्वारा किया गया था स्थापित

0
24

जैसे कि सब जानते हैं सावन मास चल रहा है इस मास में भगवान शंकर की आराधना विशेष रूप से की जाती है। यही कारण है कि लोग देश भर में स्थित विभिन्न प्राचीन मंदिरों में जाकर भगवान शंकर का पूजन करते हैं। इस कड़ी में हम आपको कई मंदिरों के बारे में बता चुके हैं, आज हम आपको बताने जा रहे हैं प्रयागराज में स्थित कोटेश्वर महादेव मंदिर के बारे में जिसे कोर्टितीर्थ के नाम से भी जाना जाता है। वहीं कुछ लोग इसे शिवकुटी के नाम से भी जानते हैं। सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर में विराजमान शिवलिंग को स्थापित श्रीराम द्वारा किया गया था। आइए जानते हैं कि क्या है इस मंदिर का पौराणिक रहस्य-

गंगा नदी के किनारे बसे इसको तीरथ मंदिर का संबंध श्री राम जिसे माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में शिवलिंग का निर्माण भगवान श्रीराम ने अपने हाथों से किया था जिसे उन्होंने रावण पर विजय पाने के बाद प्रयागराज में बनाया था। मान्यता है कि शिवलिंग की पूजा करने के दर्शन मात्र से एक करोड़ शिवलिंग की पूजा के बराबर का फल प्राप्त होता है।

इसके अलावा इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार लंका का रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान श्री राम माता सीता और लक्ष्मण जी प्रयागराज होते हुए जब युद्ध जा रहे थे। तो वह भारद्वाज मुनि का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे। परंतु भारद्वाज मुनि ने भगवान श्रीराम पर ब्रह्म हत्या का पाप होने के कारण उनसे मिलने से मना कर दिया इस पर जो भगवान शंकर ने उनसे इस पाप से मुक्ति का उपाय पूछा तब उन्होंने कहा कि उन्हें एक करोड़ शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा करनी होगी। इस पर प्रभु श्री राम ने मुनि से पूछा कि अगर पृथ्वी पर एक करोड़ शिवलिंग में से किसी दिन एक की भी पूजा नहीं हुई तो उससे भी ज्यादा पाप लगेगा। तब मुनि ने भगवान श्री राम के पास संदेश भेजा कि गंगा तट रेत का एक-एक कण शिवलिंग के समान हैं। ऐसे में अगर आप इसी रेत से एक भी शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा कर देंगे तो आपका पाप धुल जाएगा। इसके बाद श्रीराम ने ऐसा ही किया बताया जाता है। तहा जाता है इस शिवलिंग को कोटेश्वर महादेव के नाम से जाना जाने लगा। PLC

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here