तालिबान आज कर सकता है अफगानिस्तान पर कब्जे का ऐलान

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अफगानिस्तान | अफगानिस्तान  के राष्ट्रपति अशरफ गनी  ने अपने देश छोड़ने की वजह बताई है. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि वह इसलिए अफगानिस्तान से भागे ताकि लोगों को ज्यादा खून-खराबा न देखना पड़े. मुश्किल वक्त में मुल्क छोड़कर भागने के लिए अशरफ गनी की आलोचना हो रही है. अशरफ गनी  ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘अगर वह अफगानिस्तान में रुके रहते तो बड़ी संख्या में लोग देश के लिए लड़ने आते. ऐसे में वहां असंख्य लोगों की जान जाती. साथ ही काबुल शहर पूरी तरह से बर्बाद हो जाता. इसलिए उन्होंने देश छोड़ने का फैसला लिया. अब तालिबान जीत चुका है. वह अफगान लोगों के सम्मान, संपत्ति और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है.’

अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह  कल से दो बार ट्वीट करके बोल चुके हैं कि वो अफगानिस्तान में ही हैं और देश छोड़ कर नहीं गए हैं. सालेह के देश छोड़ने पर अफगान मीडिया ने अभी तक कुछ नहीं कहा है. सिर्फ राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ा है.

सूत्रों ने बताया कि काबुल से राजनयिकों की निकासी पर निर्णय लेने के लिए भारत अफगानिस्तान में तेजी से बदलती स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है.

अमेरिका ने अपने नागरिकों और मिशन से जुड़े स्टाफ को निकालने के लिए 6000 सैनिकों को तैनात किया.

तालिबान कर सकता है कब्जे का ऐलान
तालिबान ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर कब्जे का दावा किया है. अब तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जे और अपनी सरकार का ऐलान कर सकता है.

राष्ट्रपति भवन पर तालिबान लड़ाकों का कब्जा
काबुल में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर तालिबान लड़ाकों का कब्जा हो गया है। अल-जजीरा न्यूज नेटवर्क पर प्रसारित वीडियो फुटेज में तालिबान लड़ाकों का एक बड़ा समूह राजधानी काबुल में स्थित राष्ट्रपति भवन के भीतर नजर आ रहा है. तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर अपने कब्जे की घोषणा राष्ट्रपति भवन से करने और देश को फिर से ‘इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ का नाम देने की उम्मीद है. बीस साल की लंबी लड़ाई के बाद अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से निकलने के कुछ ही दिनों के भीतर लगभग पूरे देश पर फिर से तालिबान का कब्जा हो गया है.

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ब्रिटिश सैनिक देश के लोगों को काबुल से निकालकर स्वदेश लाने के लिये वहां पहुंच गए हैं. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को मंत्रिमंडल की आपात समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि ब्रिटिश नागरिकों और बीते 20 साल में अफगानिस्तान में ब्रिटिश सैनिकों की मदद करने वाले अफगानियों को जल्द से जल्द बाहर निकालना प्राथमिकता है. उन्होंने स्काई न्यूज से कहा, ‘दिन-रात काम कर रहे राजदूत आवेदन प्रक्रिया में मदद के लिये हवाई अड्डे पर मौजूद हैं.’

अपने दूतावास को हवाई अड्डे पर ट्रांसफर कर रहा फ्रांस
फ्रांस अपने सभी नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए काबुल स्थित फ्रांसीसी दूतावास को फिलहाल अबू धाबी हवाई अड्डे पर स्थानांतरित कर रहा है. विदेश मंत्री ज्यां य्वेस ली द्रेन ने रविवार को एक बयान में कहा कि आने वाले कुछ घंटों में संयुक्त अरब अमीरात में सैनिकों और विमानों की तैनाती की जाएगी. फ्रांस अपने नागरिकों को निकाले की प्रक्रिया हफ्तों पहले शुरू कर चुका है और जुलाई के मध्य से चार्टर उड़ाने भी शुरू की जा चुकी हैं.

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल को अपनी गिरफ्त में लेने के बाद तालिबान काबुल की जरूरी जगहों पर अपना कब्जा कर रहा है. इसके बाद काबुल में लोग अपने घर में कैद हो गए हैं. PLC.

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