तो कोविड-19 के बाद दुनिया दो ध्रुवों में बंट जाएगी : डॉ डीपी शर्मा

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यदि विकासशील देशों ने डिजिटल डिवाइड एवं डिवोइड को डिजिटल डिप्लोमेसी से कम नहीं किया तो कोविड-19 के बाद दुनिया दो ध्रुवों में बंट जाएगी :  डॉ डीपी शर्मा

आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली ,

सेंट जेवियर्स कॉलेज नेव्टा मे भारत के आईसीएसएसआर द्वारा सहायता प्राप्त दो दिवसीय अन्तर्विषयी अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘इमर्जिंग न्यू वर्ल्ड ऑर्डर इन द पोस्ट पैन्डेमिक सिनैरियो’  जैसे व्यापक विषय पर 18, 19 फरवरी  2022 को देश विदेश से आये अतिथियों और शोधार्थियों के स्वागत के साथ शुरुआत हुई। दीप प्रज्वलन  के पश्चात संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को कॉलेज के मैनेजर रेव फादर डा आरोक्य स्वामी एसजे एवम प्राचार्य  रेव फादर डा ए रेक्स  एंजेलो एसजे ने अपने आशीर्वचनों द्वारा संबोधित किया। अपने स्वागत भाषण मे समस्त सम्मानित अतिथियों,  आगन्तुकों, पत्र वाचको, शोधार्थियों शोध की दिशा नवाचार करने के लिये शुभकामनाएं दी एवं विषय की प्रासंगिकता पर विचार रखे।

मुख्य वक्ता(कीनोट स्पीकर)  संयुक्त राष्ट्र की आईएलओ के आईटी सलाहकार और स्वच्छ भारत अभियान के प्रधानमंत्री द्वारा मनोनीत राष्ट्रीय ब्रांड एंबेसडर प्रोफेसर डी पी  शर्मा ने कॉन्फ्रेंस की मुख्य थीम की वर्तमान समय के अनुसार इसकी प्रासंगिकता पर विचार रखे। डॉ डीपी शर्मा ने कहा कि यदि हमने बदलते हुए समय की आवश्यकता अनुसार कम्युनिकेशन, कोलैबोरेशन एवं कंप्यूटेशन सिस्टम्स को समय के साथ नहीं बदला और मनुष्य ने स्वयं को रिइन्वेंट नहीं किया तो कोविड-19 बाद की स्थितियां रोजगार की दृष्टि से अत्यंत भयावह हो सकती हैं। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ विपिन चंद्र शर्मा ने कहा कि कोविड-19 बाद दुनिया की लोकतांत्रिक पद दिया भी बदल रही हैं।

डॉ डीपी शर्मा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोविड डिप्लोमेसी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रशंसा को भी उद्धृत किया। ‌सम्माननीय अतिथी प्रो प्रियंकर उपाध्याय, यूनेस्को शान्ति एवं अंतर्संस्कृति चेयर द्वारा शोध की दिशा में ऐसे समसामयिक विषयो पर शोध की महत्ता पर प्रकाश डाला । सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि एवं पूर्व कुलपति मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर जेपी शर्मा ने कहा कि इकॉनमी के साथ-साथ तकनीक ने जो संतुलन स्थापित कर कोविड-19 से निजात पाने में भारत की मदद की है वह अकल्पनीय है।

स्मारिका के विमोचन के बाद अतिथियो का अभिवादन किया गया। इसके बाद  प्लेनरी  सत्र मे प्रो जे  पी शर्मा, प्रो रश्मी जैन, डा बी एल सैनी, डा राकेश कुमार शर्मा, डा नवनीत शर्मा के विषय सम्बंधी गहन विचार सदन को सुनने को मिले। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के कन्वीनर डॉ धर्मवीर यादव ने कॉन्फ्रेंस की संपूर्ण रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कॉन्फ्रेंस कोविड के बाद एक अनूठा प्रयोग है जो कि ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों माध्यमों से आयोजित किया जा रहा है।

दो दिवसीय अन्तर्विषयी अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का  दो दिन तक विविध समसामयिक मुद्दों पर गहन विमर्श के बाद 19 फरवरी 2022 को समापन हुआ। समापन सत्र से पूर्व पेनल सत्र मे डा पंकज आनन्द, डा रश्मी चतुर्वेदी , मिस साधना गर्ग ने कोविड़ के उपरांत विश्व विषय पर विविध आयामों  से सम्बंधित प्रश्नो पर अपने विचार रखे तथा सदन के प्रश्नो का भी समाधान किया। तत्पश्चात् समापन सत्र मे डा रंजीत कौर ने संगोष्ठी का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

प्राचार्य  रेव फादर डा ए रेक्स  एंजेलो एसजे द्वारा संगोष्ठी के सफल आयोजन  के लिये बधाई देते हुए शोध का महत्व बताया। अतिथी प्रो रश्मी चतुर्वेदी द्वारा जेवियेर्स कॉलेज को संगोष्ठी के सफल आयोजन के लिये बधाई दी और अकादमिक सम्मेलनों  को इसी  प्रकार विमर्श का उत्कृष्ट साधन बनाने के लिये प्रयास करने की बात की। इसके बाद दो दिनो मे विविध सत्रो मे श्रेष्ठ पत्र वाचन के पुरस्कारों  की घोषणा की गयी। अन्त मे संगोष्ठी की सह आयोजक  मिस अंकिता राठोड ने धन्यवाद ज्ञापन किया । दो दिन के आठ सत्रो मे लगभग 400 पत्र वाचन हुए। संगोष्ठी के सत्रो की अध्यक्षता मे देश विदेश के गणमान्य अकादमिक  व्यक्तित्व आये जिन्होने अपने विचारो से शोधार्थीयो का उत्साह वर्धन किया।

 

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