राजेश पाण्डेय ने बिगाड़ा सभी दलों का चुनावी समीकरण

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Rajesh-Panday-BSPराहुल तिवारी,
आई एन वी सी न्यूज
लखनऊ,
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने के साथ की उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से “पूर्वांचल ” में सभी सियासी दलों ने अपनी अपनी गोंटिया बिछानी शुरू कर दी है | जहाँ एक ओर पूर्वांचल के आजमगढ़ जिले से सूबे की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के मुखिया “मुलायम सिंह यादव ” सांसद है तो गोरखपुर जनपद से भाजपा के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ सांसद है | पुरे देश की निगाहे इन दोनों जिलों पर लगातार बनी रहती है | आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर अगर देखा जाये तो अभी तक बहुजन समाज पार्टी ने सभी दलों पर तैयारियों के नाम पर बढ़त हांसिल कर ली है | योगी आदित्यनाथ का गढ़ कहे जाने वाले गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से बसपा ने गोरखपुर विश्वविद्द्यालय के पूर्व छात्र नेता राजेश पाण्डेय को अपना प्रत्याशी बना कर सभी दलों में खलबली मचा दी है |छात्र राजनीती से निकले राजेश पाण्डेय को युवाओं के साथ क्षेत्र के सभी वर्गों का भारी समर्थन प्राप्त हो रहा है | राजेश पाण्डेय के बसपा प्रत्याशी बनाये जाने से अभी तक प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस अपने प्रत्याशियों के चयन में ही उलझे हुए है | वही सपा ने वर्तमान विधायक विजय बहादुर यादव पर दावं लगाया है | यह वही विजय बहादुर यादव है जो पिछले दो बार से अलग अलग क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत रहे है | लोकसभा के चुनाव में योगी आदित्यनाथ से मनमुटाव होने के बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थम लिया | समाजवादी पार्टी में भी उनकी गणित कुछ सही नहीं रही है , विगत जिला पंचायत के चुनावों में विजय बहादुर यादव के भाई अजय यादव अध्यक्ष पद के उम्मीदवारी के लिए सपा से टिकट चाह रहे थे | ऐन वक्त पर सपा आलाकमान ने उनका टिकट काट कर ,गोरखपुर के सपा महासचिव मनुरोज़न यादव की पत्नी गीतांजलि यादव को थमा दिया | मनुरोज़न यादव को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का काफी करीबी बताया जाता है | सपा के अन्धरुनी अंतर्कलह से सपा के परंपरागत मतदाता भी उलझन में पड़े हुए है | ऐसे में भाजपा की विजय रोकने के लिए वे बसपा के पक्ष में जाने का मन बना चुके है | बसपा प्रत्याशी राजेश पाण्डेय का मिलनसार व् तेज़ तर्रार स्वभाव सभी को बहुत पसंद आ रहा है | राजेश पाण्डेय की जनसभाओ व् रैलियों में जनसैलाब उमड़ रहा है | बसपा का शोशल इंजीनियरिंग फार्मूला गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा में पुर्णतः सही होता दिख रहा है |केंद्र सरकार द्दारा की गई नोट बंदी से लोकल मतदाताओं का गुस्सा बढ़ा है भाजपा से | भाजपा के प्रत्याशी न घोषित होने के कारण भाजपा के सवर्ण मतदाता भी व्यक्तिगत संबंधो के कारण भरी संख्या में बसपा प्रत्याशी से जुड़ते जा रहे है | एक बात जो साफ़ तौर पर देखने में आ रही है की मुस्लिम बहुल गोरखपूर ग्रामीण विधानसभा की मुस्लिम बिरादरी सपा के अंतर्कलह से बसपा प्रत्याशी के साथ पूरी तरह जुड़ चुकी है | ऐसे में यह देखना लाजमी होगा की अन्य दल अपनी कौन की तयारी के साथ मैदान में आते है | एक बात तो तय है की भाजपा के गढ़ में राजेश पाण्डेय ने पूरी तरह खलबली मचा दी है |​

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