उत्तर प्रदेश में बच्चों में पेट के कीड़े बड़ी समस्या !

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लखनऊ ,
बच्चों के विकास में उनका प्रारम्भिक जीवन काल अत्यन्त जोखिम भरा एवं महत्वपूर्ण होता है। प्रदेश में बच्चों में पेट के कीड़े भी बहुत बड़ी पब्लिक हैल्थ समस्या है। प्रदेश में 1-19 वर्ष के 75 प्रतिशत बच्चों में पेट में कीड़े होते है। कृमि संक्रमण से जहाँ एक ओर बच्चों का शारीरिक एवं बौद्धिक विकास बाधित होता है वहीं दूसरी ओर उनके पोषण एवं हिमोग्लोबिन स्तर पर भी दुष्प्रभाव पड़ता हैं। बच्चांे को कृमि संक्रमण से बचाव हेतु प्रदेश के 24 चयनित जनपदों ( आगरा, अलीगढ़, अमरोहा, बागपत, बिजनोर, बदाॅंयू, बुलन्दशहर, एटा, फिरोजााबद, गौतमबुद्धनगर, झाॅंसी गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, कासगंज, ललितपुर, मैनपुरी, मथुरा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ,सम्भल एवं शामली ) में  10 फरवरी 2016 को ‘‘राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस (छंजपवदंस क्मूवतउपदह क्ंल.छक्क्द्ध आयोजित किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत  ग्रामीण क्षेत्र के 1 से 19 वर्ष तक के आयु के बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिये आॅंगनवाड़ी केन्द्रों एवं सरकरी प्राईमारी एवं माध्यमिक विद्यालयों में पेट के कीड़ो की गोली (एलबेन्डाजोल 400 मि.ग्रा.) खिलाये जाने की योजना है।
इस वर्ष 24 जनपदों के 26068 प्राईमरी स्कूल के 19.74 लाख बच्चे 15011 माध्यमिक स्कूलों के 25.19 लाख एवं 46254 आॅंगनवाड़ी केन्द्रों में लगभग 70.06 लाख कुल 115 लाख बच्चों को यह दवा खिलाये जाने का लक्ष्य रखा है। इस अभियान में बाल एवं पुष्टाहार तथा बेशिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा का भरपूर सहयोग लिया जा रहा है। जो बच्चे किसी कारण से छूट जाते है उन्हें 15 फरवरी 2016 को माॅप-अप राउन्ड के समय यह दवा खिलाई जायेगी।
प्रदेश के छूटे हुये 51 जनपदों में से 33 जनपदों में माह दिसम्बर 2015 को फाईलेरिया कन्ट्रोल कार्यक्रम के अन्तर्गत यह दवा खिलाई जा चुकी है, 18 जनपदों में ट्रान्समिशन एनालिसिस सर्वे ( टास ) का कार्य चल रहा है रिजल्ट आने के उपरान्त यथा स्थिति पेट के कीड़ों की दवा खिलाई जायेगी।

कीड़ो की गोली (एलबेन्डाजोल 400 मि.ग्रा.) खिलाने से निम्न लिखित लाभ होते हैं-
1. एनीमिया में कमी होना एवं पोषण के स्तर में वृद्धि होना।
2. बच्चों में शारीरिक वृद्धि एवं वजन बढ़ना।
3. मानसिक एवं शारीरिक विकास में बढ़ोत्तरी होना।
4. अन्य बीमारियों से बचने हेतु प्रतिरोधी क्षमता बढ़ना।
5. स्कूल में उपस्थिति के बढ़ने में सहायक होना।
6. बच्चों में याद करने की योग्यता में वृद्धि एवं स्कूल में सक्रिय रहना।

कार्यक्रम की माॅनीटरिंग राज्य स्तर, जनपद एवं ब्लाॅक स्तर के स्वास्थ्य, शिक्षा आई0सी0डी0एस0 विभाग के अधिकारियों द्वारा की जायेगी। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष माॅनीटरिंग एवीडेन्स एक्शन संस्था द्वारा कराई जा रही है।

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