Home Search

निर्मल रानी लेखिका - search results

If you're not happy with the results, please do another search

कूप मंडूकों की घातक ‘तजऱ्-ए-सियासत’

0
-  निर्मल रानी- इन दिनों देश के विभिन्न राज्यों से मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगने या हटाए जाने की खबरें आए दिन आ रही...

मांस सेवन के विवाद में उलझा स्मार्ट बनता भारत

0
- निर्मल रानी - हमारा देश भारतवर्ष विभिन्न धर्मों,जातियों तथा अलग-अलग विश्वासों के मानने वालों का देश है। हमारे देश का संविधान देश के सभी...

अधिकार नहीं ज़रूरत बने आरक्षण व्यवस्था

0
-  निर्मल रानी - हमारे देश में नौकरी,पदोन्नति,शिक्षण संस्थाओं में दािखला तथा संसदीय निर्वाचन व्यवस्था जैसे और भी कई क्षेत्रों में लागू की गई जाति...

कलयुग का मिथक बनती ‘मां की ममता’

0
-निर्मल रानी- इंटरनेट के माध्यम से सूचना के क्षेत्र में आई क्रांति के वर्तमान दौर में आए दिन पूरे विश्व से आने वाले तमाम ऐसे...

फिल्मी धुनों व धार्मिक भजनों का यह ‘कॉकटेल

0
- निर्मल रानी -भारतीय फिल्म उद्योग प्रत्येक वर्ष अरबों रुपये का कारोबार करता है। इसमें एक बड़ा हिस्सा इन्हीं िफल्मों में इस्तेमाल होने वाले...

कलयुग के यह स्वयंभू भगवान

0
-   निर्मल रानी - भारतवर्ष को पूरे विश्व में विभिन्न प्रकार के धर्मों,आस्थाओं,नाना प्रकार के विश्वास तथा अध्यात्मवाद के लिए जाना जाता है। इस...

साहित्य या तमाशा?

0
-निर्मल रानी-पिछले दिनों फेसबुक पर वास्तविकता से भरा हुआ एक व्यंग्य पढऩे को मिला जो इस प्रकार था-‘एक अंग्रेज़ डॉक्टर भारत में घूम-फिर रहा...

डॉ कलाम को सलाम : तुम न जाने किस जहां में खो गए…

0
 तुम न जाने किस जहां में खो गए...- निर्मल रानी -अबुल पाकिर जैनुलआबदीन अब्दुल कलाम जिन्हें देश डा० एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से...

सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने के ‘शासकीय’ प्रयास

0
- निर्मल रानी -वैसे तो 1947 में हुए भारत-पाक विभाजन के समय से ही यह बात लगभग प्रमाणित हो चुकी है कि धर्म तथा...

‘मन की बात’ या ‘जनगण’ से एक तरफा संवाद?

0
 - निर्मल रानी - नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री बनने के फौरन बाद से ही देश की जनता को संबोधित करने के माध्यम के रूप में...

Latest News

Must Read