नई दिल्ली । केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि कोविड-19 के प्रकोप से पैदा हुए मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने के लिए सरकार की मुद्रा नोटों को छापने की कोई योजना नहीं है। दरअसल वित्त मंत्री से पूछा गया था कि क्या आर्थिक संकट से उबरने के लिए मुद्रा नोटों के मुद्रण की कोई योजना है। प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा, नहीं। अनेक अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों ने मोदी सरकार को सुझाव दिया है कि कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था में मदद के लिए और अधिक मुद्रा नोटों को छापा जाए। वित्तमंत्री ने सोमवार को लोकसभा में प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 2020-21 के दौरान भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि विकास दर में कमी का अनुमान महामारी और महामारी को रोकने के लिए किए गए उपायों के कारण है।
वित्त मंत्री ने लोकसभा में कहा कि लॉकडाउन के खुलने के साथ ही अर्थव्यवस्था के प्रमुख घटक मजबूत बने हुए हैं। साथ ही आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत सरकार की तरफ से दिए जा रहे समर्थन की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही से ही अर्थव्यवस्था संकट से उबरने के रास्ते पर मजबूती से आगे बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था को रास्ते पर लाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए निर्मला ने बताया कि सरकार ने महामारी के असर से निपटने, आर्थिक विकास को गति देने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आत्मनिर्भर भारत के तहत 29.87 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। पीएलसी।PLC.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here