आतंक के खिलाफ भारतीय मुसलमान

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– तनवीर जाफरी –

Moslims,Indian-Muslims-Agaiभारत व पाकिस्तान के मध्य जम्मू-कश्मीर व  पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में इन दिनों तनावपूर्ण स्थिति चल रही है। भारतीय सैन्य शिविर पर हुए पाक प्रायोजित उड़ी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर में कथित रूप से की गई सर्जिकल स्ट्राईक के बाद पाकिस्तान द्वारा की जाने वाली किसी संभावित जवाबी कार्रवाई का सामना करने के लिए मुस्तैद भारतीय सेना ने सीमा से सटे इलाकों तथा नियंत्रण रेखा के आसपास रिहायशी इलाकों को खाली करवा लिया है। लगभग तीन दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का दंश झेल रहे भारत ने सीमा पर आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की पाक सेना की अनेक कोशिशों को भारतीय सैनिकों द्वारा पहले भी कई बार नाकाम किया है। विकट भौगोलिक परिस्थितयों के चलते खासतौर पर सर्दियों के मौसम में पाकिस्तान किसी न किसी पहाड़ी इलाके से भारतीय इलाकों में घुसपैठ कराने में सफल भी होता रहा है। परिणास्वरूप देश में अब तक यही पाक प्रायोजित आतंकी संसद पर हमले व मुंबई पर आक्रमण जैसी दर्जनों आतंकी घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। पिछले दिनों जब भारत के लोगों को यह खबर मिली कि हमारे विशेष जांबाज़ कमांडों दस्ते ने नियंत्रण रेखा पार कर कई आतंकी शिविरों को तबाह किया और अनेक आतंकवादी मार गिराए उस समय पूरे भारत में जश्र का माहौल देखा गया।

इस भारतीय सैन्य कार्रवाई का जश्र देश के हिंदू-मुस्लिम,सिख व ईसाईयों ने मिलजुल कर मनाया। कहा जा सकता है कि भारतीय सेना का यह आतंकवाद विरोधी आप्रेशन भारत में राष्ट्रीय व सांप्रदायिक एकता की भी एक मिसाल कायम कर गया। जिन भारतीय मुसलमानों के लिए पाकिस्तान समय-समय पर अपने घडिय़ाली आंसू बहाकर उनके प्रति अपनी झूठी चिंता जताता रहता है उन्हीं भारतीय मुसलमानों ने लगभग पूरे देश में भारतीय सेना की पाक में की गई आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के पक्ष में आतिशबाजि़यां छोड़ीं,मिठाईयां बांटी और कई शहरों में जुमे की नमाज़ के बाद भारतीय सेना का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से रैलियां भी निकालीं। देश में कई मदरसों के बच्चे जुलूस की शक्ल में भारतीय सेना का मनोबल बढ़ाने हेतु सडक़ों पर रैलियां निकालते देखे गए। उत्तर प्रदेश के लखनऊ,आगरा,कानपुर तथा इलाहाबाद जैसे शहरों में जहां मुसलमानों की काफी बड़ी आबादी रहती है इन शहरों में खासतौर पर मुसलमानों ने ज़बरदस्त जश्र मनाया। सर्जिकल स्ट्राईक की खबर सुनते ही मुसलमान अपने हाथों में तिरंगा लेकर सडक़ों पर उतर आए और सेना की बहादुरी के लिए उसकी प्रशंसा की तथा आतंकवाद के विरुद्ध भारतीय सेना की सफलता की कामना की। बलिया व आज़मगढ़ जैसे पूर्वांचल के कई जि़लों से भी ऐसे ही समाचार प्राप्त हुए।

भारतीय मुसलमानों के कई प्रमुख उलेमाओं ने भी इस अवसर पर कहीं पत्रकार सम्मेलन आयोजित कर तो कहीं अपने वक्तव्य जारी कर अपने विचारों को व्यक्त किया तथा पाकिस्तान को भारतीय मुसलमानों का रुख स्पष्ट करने की कोशिश की। जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव महमूद मदनी तथा देवबंद के हीऔर कई उलेमा ने इस अवसर पर कहा कि पाकिस्तान की भारत विरोधी हरकतें अब असहनीय हो चुकी थीं। लिहाज़ा भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राईक का कदम उठाना ज़रूरी था। और ऐसा करना देश के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देना है। इन उलेमाओं ने कहा कि आतंकी कार्रवाई तथा आतंकी हमलों का भविष्य में भी इसी प्रकार जवाब दिया जाएगा। एक मुफ्ती ने फरमाया कि भारतीय सेना की यह कार्रवाई उन लोगों के लिए मुंहतोड़ जवाब है जो भारत पर बुरी नज़र रखते हैं। इसी प्रकार एक अन्य आलिम ने कहा कि भारतीय मुसलमान देश के दुश्मनों को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। हालांकि भारत व पाकिस्तान के मध्य पहले भी कई बार तनावपूर्ण हालात पैदा हुए। यहां तक कि युद्ध भी हो चुके हैं। परंतु भारतीय मुसलमानों ने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान के विरुद्ध कभी भी सडक़ों पर उतरकर प्रदर्शन करने या मुस्लिम आलिमों द्वारा आतंकवाद को संरक्षण देने हेतु पाकिस्तान की निंदा किए जाने की खबरे कम ही सुनने को मिलीं।

परंतु इस बार आिखर ऐसा क्या है जिसकी वजह से भारतीय मुसलमानों को पाकिस्तान को यह जताना पड़ रहा है कि भारतीय मुसलमान पहले भारतीय नागरिक हैं तथा एक सच्चा मुसलमान होने के नाते राष्ट्रप्रेम उनकी रग-रग में भरा हुआ है। अभी कुछ वर्ष पूर्व पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने एक भारतीय मीडिया हाऊस द्वारा आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए भारतीय मुसलमानों की स्थिति पर चिंता जताने का प्रयास किया था तथा उनके प्रति हमदर्दी दिखाना चाह रहे थे उस समय जमीयत-उलेमाए-हिंद के यही महासचिव महमूद मदनी ने खड़े होकर जनरल मुशर्रप्ऊ़ को यह कहते हुए टोक दिया था कि वे भारतीय मुसलमानों की चिंता छोडक़र अपने देश के मुसलमानों की िफक्र करें। भारतीय मुसलमान भारतीय नागरिक होने के नाते अपनी सभी स्थानीय समस्याओं से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। मदनी का यह जवाब सुनकर जनरल मुशर्रफ बगलें झांकने लगे थे। इसी प्रकार कश्मीर जैसी कश्मीरी नागरिकों की आंतरिक समस्या को लेकर न केवल पाक हुकूमत बल्कि पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकवादी संगठन भी कश्मीरी मुसलमानों को उकसाने तथा उनके राजनैतिक विवादों को धार्मिक व जेहादी रूप देने की कोशिश करते रहे हैं। इस प्रकार के विषयों को इस्लाम व जेहाद आदि से जोडक़र पाकिस्तान मुस्लिम जगत की हमदर्दी भी बटोरना चाहता है और इसी के नाम पर उसे पैसे भी मिलते रहते हैं।

परंतु दरअसल पाकिस्तानी आतंकी संगठनों,वहां के स्वयंभू जेहादी समर्थकों व पाक हुक्मरानों की इस प्रकार की इस्लाम व मुसलमान विरोधी हरकतों से भारतीय मुसलमान खासतौर पर बहुत तंग आ चुका है। जब-जब भारत में पाकिस्तान द्वारा प्रेषित आतंकवादी किसी आतंकी घटना को अंजाम देते हैं और बेगुनाह भारतीय लोग मारे जाते हैं तब-तब भारतीय मुसलमानों को ही इस बात की सफाई देनी पड़ती है कि आिखर आतंकवाद का इस्लामी शिक्षाओं से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें बार-बार यह बताना पड़ता है कि आतंकवाद का अपना कोई धर्म नहीं होता। परंतु भारतीय मुसलमानों की पारंपरिक विरोधी यहां की हिंदूवादी शक्तियां फिर यह सवाल करने लगती है कि जब आतंंकियों का कोई धर्म नहीं होता तो अधिकांश आतंकवादी लोग मुसलमान ही क्यों होते हैं? ज़ाहिर है इस तरह के सवाल खड़े होने का कारण ही यही है कि पाकिस्तान जैसा देश और वहां के हुक्मरान,वहां की सेना कई दशकों से धर्म और जेहाद के नाम पर पाकिस्तान के गरीब व बेरोज़गार लोगों को भडक़ा कर सीमा पार कराती आ रही है। और यह आतंकी भारत में बेगुनाहों को अपना निशाना बनाते आ रहे हैं। तालिबान,आईएस तथा अलकायदा जैसे दूसरे आतंकी संगठन भी इसी तजऱ् पर दुनिया में आतंकवाद को बढ़ावा देते रहे हैं।

परंतु अब भारतीय मुसलमान एकमत होकर यह ठान चुके हैं कि वे यह प्रमाणित करके रहेंगे कि आतंकवाद से इस्लामी शिक्षाओं का कोई लेना-देना नहीं है। और जो आतंकवादी है वह मुसलमान नहीं हो सकता। इस दिशा में सबसे बड़ा कदम यह भी उठाया गया है कि मुस्लिम उलेमाओं ने सामूहिक रूप से यह फैसला किया है कि सीमा पार से आने वाला कोई भी आतंकी यदि भारत की धरती पर मार गिराया जाता है तो यहां के मुसलमान उलेमा उसके जनाज़े पर नमाज़ तक नहीं पढ़ेंगे। हालांकि मुंबई व भारतीय संसद पर हुए हमले में मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादियों की लाशों पर भी भारतीय उलेमाओं ने नमाज़ पढऩे से इंकार कर दिया था। परंतु अनेक उलेमाओं ने अब यह सामूहिक निर्णय ले लिया है कि भविष्य में किसी भी आतंकी के जनाज़े की नमाज़ अदा नहीं की जाएगी और भारतीय उलेमाओं का नमाज़ पढऩे से इंकार करना ही यह साबित करेगा कि मरने वाला व्यक्ति आतंकवादी है मुसलमान नहीं। कुछ उलेमाओं ने तो यहां तक कहा कि भारतीय सेना द्वारा पीओ के पाक अधिकृत कश्मीर में की गई सर्जिकल स्ट्राईक की कार्रवाई उस समय तक जारी रहनी चाहिए जब तक वहां से आतंकवादियों को जड़ से उखाड़ नहीं दिया जाता। एक आलिम ने तो यह भी कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखााने के लिए तो भारत के 25 करोड़ मुसलमान ही काफी हैं। जबकि भारत-पाक तनाव के वर्तमान वातावरण में कई उलेमाओं ने कश्मीरी अलगाववादी नेताओं की भी आलोचना की और कई आलिमों ने पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में वापस मिलाए जाने की मंशा भी ज़ाहिर की।

कुल मिलाकर भारत-पाक तनाव के वर्तमान वातावरण में भारतीय मुसलमानों ने जिस प्रकार की एकजुटता का प्रदर्शन किया उसकी निश्चित रूप से सराहना की जानी चाहिए। तथा पाकिस्तान को भी बखूबी समझ लेना चाहिए कि उसके नापाक राजनैतिक इरादों को भारतीय मुसलमानों का धर्म व जेहाद के नाम पर किसी प्रकार का कोई भी समर्थन या सहयोग कतई नहीं मिलने वाला। भारतीय मुसलमान एक सच्चा मुसलमान होने के नाते सच्चा राष्ट्रवादी है और रहेगा।

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tanver-jafriतनवीर-जाफरी About the Author

Tanveer Jafri

Columnist and Author

Tanveer Jafri, Former Member of Haryana Sahitya Academy (Shasi Parishad),is a writer & columnist based in Haryana, India.He is related with hundreds of most popular daily news papers, magazines & portals in India and abroad. Jafri, Almost writes in the field of communal harmony, world peace, anti communalism, anti terrorism, national integration, national & international politics etc.

He is a devoted social activist for world peace, unity, integrity & global brotherhood. Thousands articles of the author have been published in different newspapers, websites & news-portals throughout the world. He is also recipient of so many awards in the field of Communal Harmony & other social activities.

Contact – :
Email – tjafri1@gmail.com –  Mob.- 098962-19228 & 094668-09228 , Address –  1618/11, Mahavir Nagar,  AmbalaCity. 134002 Haryana

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