बसपा की हार के लिए मायावती मुसलमानों को दोषी ठहरा दिया हैं , बसपा मुख्यालय द्वारा रविवार को जारी बयान के अनुसार, ‘‘उत्तराखंड की समीक्षा में पाया गया कि उत्तर प्रदेश की तरह ही वहां भी सत्ताधारी भाजपा को हराने के लिए जी-जान तो काफी लगाया परंतु खासकर मुस्लिम समाज के लोगों ने सही विकल्प चुनने में चूक की जिसके कारण भाजपा के खिलाफ गरीबी, महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर जबर्दस्त नाराजगी के बावजूद इसका सीधा लाभ दोबारा भाजपा को मिला।”
मायावती ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव परिणाम की समीक्षा करते हुए अपने पदाधिकारियों से कहा कि पार्टी को उम्मीद के मुताबिक सही सफलता नहीं मिली है जिसका पार्टी को काफी दुख व चिंता भी है। लेकिन हिम्मत हारने की भूल कतई नहीं करना है बल्कि कमियों को दूर करके आगे बढ़ने का अपना प्रयास जी जान से करते रहना है।
मायावती ने कार्यकर्ताओं को नसीहत दी कि जो भी कमियां संगठन के कार्यों में नजर आई हैं उन्हें दूर करके आगे बढ़ने का प्रयास लगातार जारी रखना है। अपने विरोधी राजनीतिक दलों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह भी याद रखना है कि धनबल से लैस राजनीतिक विरोधी ‘गंदी निगेटिव पॉलिटिक्स’ तथा साम, दाम, दंड, भेद जैसे हथकंडे अपनाने में महारत रखते हैं और वे दूसरों को गलत साबित करके खुद अच्छा बन जाते हैं।”
बसपा की उत्तराखंड इकाई के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक में मायावती ने वहां संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की पराजय की समीक्षा की और उन्हें भविष्य में भी काम करते रहने को प्रेरित किया।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा ने दो सीटों पर जीत हासिल की और पार्टी को कुल 4.82 प्रतिशत मत मिले। उत्तर प्रदेश में बसपा को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली है हालांकि यहां पार्टी को 1.88 प्रतिशत मत मिले। PLC