एनआरआई से शादी, तो पहले करें पूरी छानबीन

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परेशानी से बचने को शादी को रजिस्टर्ड कराएं 
आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली ,
 
एनआरआई दूल्हों से शादी करने के बाद किसी प्रकार की धोखाधडी से बचाने के लिए शारदा विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ मिलकर एक सेमिनार का आयोजन किया। इसमें विवाह से पहले बरती जाने वाली सावधानियों और फ्रॉड से बचाव को लेकर एक्सपर्ट ने अपने विचार रखे। 
शारदा विवि के लॉ कॉलेज की प्रोफेसर डॉण् उर्मिला यादव ने बताया कि आजकल लगातार देखने में आ रहा है कि माता पिता अपनी पूरी जीवन की गाढी कमाई खर्च कर अपने बच्चों की शादी एनआरआई दूल्हों से कर रहे हैं। इसके कुछ दिनों बाद ही लडकी को या तो छोड दिया जाता है या फिर उसे कई प्रकार से प्रताडित किया जाता है। इसी मुदृदे पर लोगों को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग के सौजन्य से हमलोगों ने सेमिनार का आयोजन किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आयोग की सदस्य डॉ० राजुल बेन एल देसाई ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग महिलाओं के हित संरक्षण के लिए दृढ़ता से समर्पित व संकल्पित है। भारत सरकार उन महिलाओं को कानूनी सहायता प्रदान करती है जो धोखे की शिकार हुई हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सात दिन के अंदर शादी का पंजीकरण जरूर कराएं। इससे पहले पूरी छानबीन जरूर करें। 

मैसूर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर इंदिरा रामाराव ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए। उन्होंने कई राज्यों के केस स्टडी से लॉ के छात्रों को रूबरू कराया। हैदाराबाद विवि के समाजशास्त्र की प्रोफेसर अजेलिउ नुमाई ने एनआरआई से विवाहित महिलाओं की परेशानियों पर प्रकाश डाला और उनसे बचने के तरीके बताए। उन्होंने किरणजीत अलुवालिया मामले और कई अन्य महिलाओं पर किए गए हिंसा के कृत्यों के विभिन्न उदाहरण भी दिए। कार्यक्रम में लॉ कॉलेज के डीन प्रो प्रदीप कुलश्रेष्ठ भी मौजूद रहे। 
 
पूर्व सचिव विधि आयोग डॉण् पवन शर्मा ने कानूनी बारीकियों को स्पर्श कियाए उन्होंने यह भी कहा कि हमें महिला पीड़ितों की बेहतर काउंसलिंग सुनिश्चित करने की आवश्यकता हैए चाहे वे भारत में हों या विदेश मेंए क्योंकि यह वह स्थिति है जब पीड़ित अपने परिवार के साथ मानसिक आघात से पीड़ित होता हैए और पीड़िता को इससे निजात मिलनी चाहिएए मैडम ने कहा कि शादियों को आधार कार्ड नंबर से जोड़ा जाए ताकि शादियों में सार्वभौमिकता हो और इसे अनिवार्य रूप से पंजीकृत किया जाएण्
 
अंत मेंए प्रोफेसर डॉण् उर्मिला यादव द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गयाय डॉण् उर्मिला ने उच्च सामाजिक प्रासंगिकता से संबंधित इस तरह के महत्वपूर्ण विषय पर प्रतिभागियों को संबोधित करने के लिए सभी अतिथियों को धन्यवाद दियाए उन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए तकनीकी टीम और छात्रों के समन्वयकों के योगदान को भी स्वीकार किया और पूरे कार्यक्रम  संचालित मिस ऐश्वर्या द्वारा किया गया ।।
 
जागनै धोखे से बचवाली युवतियों के धोखे का शिकार कर धोखा खाने वाली युवतियों की मदद के लिए तीन केंद्रीय कानूनों में संशोधन होगा। मैरिज एक्टए पासपोर्ट एक्ट और कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर में संशोधन संबंधी महिला और बाल विकास विभाग के प्रस्ताव को कानून मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।
 
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव राकेश श्रीवास्तव के अनुसार प्रस्तावित संशोधन अगली कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए पेश किए जाएंगे। मैरिज एक्ट में प्रस्तावित संशोधन होने के बाद एनआरआई की शादी का सात दिन के अंदर.अंदर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर उसका पासपोर्ट और वीसा रद्द कर दिए जाएंगे। वहींए पासपोर्ट कानून में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार अगर कोई एनआरआई अपनी पद्यी के आरोपों का जवाब देने कोर्ट में नहीं आता तो सरकार उसका पासपोर्ट जब्त कर सकेगी। सीआरपीसी में प्रस्तावित संशोधन से पद्यियों को छोड़ने वाले एनआरआई को विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर डिस्प्ले करके ही समन जारी किए जा सकेंगे। वेबसाइट पर समन डिस्प्ले होने के बाद उसे तामील हुआ मान लिया जाएगा। कोई प्रतिक्रिया नहीं देने पर उसे भगोड़ा घोषित कर संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू की जा सकेगी। अभी तक 200 से ज्यादा युवतियों ने एनआरआई के खिलाफ शादी में धोखा देने की शिकायत दर्ज कराई है।

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