कविताएँ : कवि मधुसुदन महावर

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कविताएँ

 जब तेरा सजदा किया

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जब तेरा सजदा किया तो यूँ लगा
जैसे तेरी आँखोँ ने मुझे,
मेरी मंजिल कि ओर मोड़ दिया है,
जैसे तेरी मुस्कान तेरे अंदाज और तेरी बातोँ ने,
इस टूटे  हुए दिल को फिर से जोड़ दिया है |

जैसे तेरे प्यार की बारिश ने,
इस पत्थर दिल को मोँम किया हैँ,
ये सच कहीँ टूट ना जांए सपना बनकर,
तेरी चाहत कि ख्वाहिश मेँ,
मैँने रातोँ मे सोना छोड़ दिया है |

जिस पतवार के सहारे चाहते थे,
गम का सागर पार करना,
उस पतवार ने ही माँझी का हौँसला तोड़ दिया है,
वह आज भी तूफान मे खड़ा है,
उसे ना कोई छोर दिया है |

तेरे उस बेकद्र इंकार ने,
मेरी  रूह तक को झकझोर दिया है,
उन कसमोँ बातोँ और वादोँ का क्या,
जिन्हेँ तुने इतनी बेदर्दी से तोड़ दिया है,
काँटोँ से तो लोँग हो जाते  है घायल अक्सर,
पर आज किसी खुबसूरत फूल ने घायल कर दिया है |

मैँ किसी रास्तेँ का कोई पत्थर तो न था,
जो तेरी बेरहम ठोकर ने उसे तोड़ दिया है,
तेरी रुसवाई से खफा होकर मेरा आलम ये है,
कि अब मेरे दिल ने धड़कना छोड़ दिया हैँ |

तू शायद वापस कभी नहीँ आयेगी,
इस गम-ए-दिल को दूर करने,
इस एहसास मेँ,
मैँने जिन्दा होकर भी,जीना छोड़ दिया है |

 ये साथ आखिरी साँस तक निभाऊंगा मैं

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तुम यूँ ही मुस्कुराहती रहो,
मैं अब ना कभी रुलाऊंगा तुम्हे,
तेरे हर जख्म को,
अपनी ठंडी सांसो से सहलाऊंगा मैं |

तुम मुझसे यूँ रूठा न करो,
तुम जो रूठ गयी तो कैसे जी पाउँगा मैं,
तुम जो चलो दो पल साथ मेरे,
ये साथ आखिरी साँस तक निभाऊंगा मैं |

अब आ भी जाओ,
अब ना कभी तुम्हे सताऊंगा मैं,
जो ख्वाब मिट चुके है दिल के आँगन से,
उने फिर तेरी आँखों में सजाऊंगा मैं |

तुम अपने पाँव जमीं पे तो रख दो,
तेरे लिए अपनी पलकें बिछाऊंगा मैं,
तेरा चेहरा मुझे दिन-रात नज़र आता है,
कभी आ भी जाया करो मेरे सामने तुम,
तेरे दीदार के बिना मर जाऊंगा मैं  |

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Madhusudan Mahawar,poet Madhusudan Mahawar,poem writter by Madhusudan Mahawarपरिचय -:

मधुसुदन महावर

लेखक व् युवा कवि

मैं राजस्थान के पुष्कर शहर से हूँ | मैं 3 वर्ष से लेखन कार्य कर रहा हूँ | मैं कविताएँ, शायरियाँ और हिंदी गीत लिखता हूँ |

मैं गीत लिखने के साथ-साथ उन्हें बनाता भी हूँ | मैंने सूचना प्रोधोगिकी में इंजीनियरिंग की है |

संपर्क -:
Add. – In Front Of Ramdwara, Ajmer Road Pushkar. (Raj.)  Mob. – 9413225022  E-mail – ms.mhawar@gmail.com

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