शराबबंदी सरकार विरोधी नहीं, शराब विरोधी है। यह बात छतरपुर पहुंची भाजपा की वरिष्ठ नेता और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कही। उमा सोमवार को छतरपुर आईं थीं, जहां से वो मंगलवार को मैहर माता के दर्शन के लिए पहुंची हैं। छतरपुर में मीडिया से बात करते हुए हुए उन्होंने कहा कि मां गंगा से मेरा बहुत गहरा लगाव है। ये लगाव अपने-आप हुआ, मैंने खुद से बनाया नहीं है। मैं पिछले डेढ़ सालों से गंगा के लिए कुछ कर ही नहीं सकी और ये स्वेच्छा से हुआ है। लॉकडाउन और विपरीत परिस्थियों के कारण में कुछ नहीं कर पाई। इन्हीं कारणों से शराबबंदी पर भी मैं कुछ नहीं कर सकी।

14 जनवरी से करूंगी शुरुआत

उमा भारती ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि गंगा का एक फेज का काम जो बचा हुआ है, वो 14 जनवरी को पूरा होगा और इसके पूरे होते ही मै खुद शराबबंदी के अभियान में शामिल होंगी। शराबबंदी अभियान से जो लोग जुड़े हुए हैं, मैंने उनसे कहा है कि पहले आप ये देखिए कि कितने लोग ऐसे हैं जो खुद से शराब छोड़ सकते हैं और उसके बाद धार्मिक स्थलों पर कहां-कहां शराब की दुकानें हैं, इसकी एक सूची बना लीजिए। इसके बाद 14 जनवरी से शराब अभियान में मैं पूरी तरह से जुड़ जाऊंगीं।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वे लोग कहते हैं कि शराबबंदी पर उमा भारती पिछले आठ महीने क्यों शांत थीं? इस पर उमा ने कहा कि मुझे आप बताएं कि कोरोना दूसरे ग्रह पर था क्या? पिछले आठ महीने से कोई घर से नहीं निकल सका तो शराबबंदी अभियान कैसे चलाते?

शराबबंदी के लिए सरकार का मुझ पर कोई दवाब नहीं है। मैं सरकार का हिस्सा तो हूं नहीं जो मुझ पर दवाब बनेगा। सीएम चौहान तो खुद शराबबंदी के खिलाफ हैं, वो तो मुझसे कहते हैं कि उमा आप तो शराबबंदी के साथ-साथ नशाबंदी का भी अभियान चलाएं। सीएम ने मुझसे कहा है कि जितना शराब नुकसान करता है उतना ही नशा भी नुकसान करता है।

लखीमपुर खीरी पर उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने साफ कह दिया था कि इस घटना में जो भी लिप्त होगा उससे छोड़ा नहीं जाएगा। लेकिन वे किसी के दबाब में किसी पर कारवाई नहीं करेंगे और देखिए मंत्री के आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया है। PLC

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