कृष्ण जन्माष्टमी 2022 के बारे में जाने सभी कुछ

0
30

कृष्ण जन्माष्टमी 2022 के बारे में जाने सभी कुछ

हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण पर्वों में से एक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है जिसे भारत में ही नहीं बल्कि और भी कई देशों में भी बड़े हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व हर साल भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। माना जाता है भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को अर्धरात्रि यानी ठीक 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।

नारायण के इस अवतार का मुख्य उद्देश्य मुथरा के राजा कंस के बढ़ते अत्याचार को समाप्त करके उसका विनाश करना था साथ ही पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करना था। जिसके लिए उन्होंने कंस की बहन देवकी की कोख से जन्म लिया। बहुत से भक्त इस दिन व्रत-उपवास भी रखते है, जिसमें अर्धरात्रि तक यानी 12 बजे कृष्ण जन्म तक उपवास रखना होता है।

मथुरा में इस दिन मनाई जा रही है कृष्ण जन्माष्टमी

जन्माष्टमी के दिन जो भी व्रत रखते हैं उन्हें सुबह स्नान करके माता देवकी के लिए सूतिका गृह बनाना चाहिए। इसे फूलों से सजाना चाहिए। सूतिका गृह में बाल गोपाल सहित माता देवकी की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। इसके बाद देवकी मां, भगवान श्री कृष्ण, यशोदा माता, वसुदेव और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।

जनमष्टमी की पूजा के वक्त इन्हें रखें थाली में:

चंदन/कुमकुम, चावल, गंगाजल, मिसरी, मक्खन, गोपी चन्दन, दीपक, धूपबत्ती, कर्पूर, माचिस, पुष्प, मोरपंख

भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को इस दिन स्नान करवाकर उन्हें पीताम्बर यानी पीले रंग के कपड़े धारण करवाएं और पीले रंग के आभूषणों से उनका श्रृंगार करें। श्रृंगार करने के बाद उन्हें झूले पर झुलाएं।

इस अवसर पर जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें रात में 11 बजे स्नान करके शास्त्रानुसार विधि पूर्वक नंदलाल की पूजा करनी चाहिए। रात में 12 बजे के बाद भगवान श्रीकृष्ण के जन्म समये के बाद उन्हें दूध, दही, घी, मिसरी और गंगाजल से अभिषेक कराना चाहिए। इसके बाद माखन, मिसरी अथवा पंजीरी का भोग लगाकर भगवान श्रीकृष्ण की आरती करनी चाहिए। PLC/GT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here