जानिए क्या हैं रथ सप्तमी व्रत का महत्व

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रथ सप्तमी के दिन करें सूर्य की उपासना, मिलेगा आरोग्य एवं समृद्धि का वरदान, जानें शुभ मुहूर्त एवं कथा
यह तिथि माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को पड़ती है। इसे माघी सप्तमी, रथ सप्तमी अथवा अचला सप्तमी, भानू सप्तमी के नाम से भी जाना जाता हैं। रथ या अचला सप्तमी के दिन आरोग्य देने वाले और प्रकाश के देवता माने गए भगवान सूर्यदेव की उपासना की जाती है। पौराणिक शास्त्रों में सूर्यदेव को आरोग्यदायक कहा गया है तथा सूर्य की उपासना से रोग मुक्ति का मार्ग भी बतलाया गया है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार यदि विधि-विधानपूर्वक यह व्रत किया जाए तो पूरे माघ मास के स्नान का पुण्य मनुष्य को प्राप्त होता है।

मान्यतानुसार इस दिन स्नानादि कार्यों से निवृत्त होकर सूर्यदेव की पूजा करने वाले व्यक्ति को अच्छा आरोग्य, धन-समृद्धि और संतान की प्राप्ति होती है। रथ सप्तमी व्रत को करने वाले मनुष्य के शरीर, हड्डियों की कमजोरी दूर होकर जोड़ों के दर्द से मुक्ति आदि कई रोगों से मुक्ति मिलती है। PLC

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