जानिए माघ पूर्णिमा 2022 के बारे में – कैसे प्राप्त होगा शुभ फल

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माघ पूर्णिमा 2022  क्या करे और क्या न करे – कैसे प्राप्त होंगे शुभाशुभ फल , मान सम्मान और कीर्ति  – ; शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 15 फरवरी को रात 09 बजकर 45 मिनट से प्रारंभ होगी जिसकी समाप्ति 16 फरवरी को रात 10 बजकर 28 मिनट पर होगी। ऐसे में माघ पूर्णिमा 16 फरवरी, बुधवार को मनाई जाएगी। माघी पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और उपवास रखकर किया जाता है

 माघ पूर्णिमा में स्नान, दान और पूजा-पाठ के लिए विशेष शुभ फलदायी रहेगा। इसके अलावा पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा अपनी स्वयं की राशि यानी कर्क में मौजूद रहेंगे। अश्लेषा नक्षत्र के साथ युति करते हुए शोभन योग बनेगा। यह योग ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही शुभ माना गया है। इस शुभ योग में किया गया दान-पुण्य और पूजा- पाठ विशेष फलदायी होता है।

इस साल माघ पूर्णिमा पर सुंदर योग बना है. शोभन योग माघ पूर्णिमा की रात 08:44 बजे तक है. इस योग में मांगलिक एवं शुभ कार्य किए जा सकते हैं. शोभन योग एक शुभ योग माना जाता है.

माघ पूर्णिमा को चंद्रोदय का समय शाम 05 बजकर 54 मिनट पर है. इस समय में चंद्रमा का उदय होगा. शोभन योग रात करीब पौने नौ बजे तक है, ऐसे में आप चाहें तो चंद्रमा एवं माता लक्ष्मी की पूजा साथ कर सकते हैं.

– माघी पूर्णिमा तिथि पर जल्दी से उठकर स्नान करें। फिर साफ कपड़े पहनकर पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें और सूर्य देव को जल देते हुए मां लक्ष्मी का आवाहन करें।

– पूर्णिमा तिथि पर मां लक्ष्मी का आगमन आपके घर में हो इसके लिए पूर्णिमा तिथि पर स्नान के बाद तुलसी के पौधे को जल जरूर अर्पित करें। शाम के समय तुलसी के पौधे के समक्ष घी का दीपक जलाएं इससे आपकी हर तरह की मनोकामनाएं पूरी होंगी।

नक्षत्र- श्लेषा
योग- शोभन
चंद्रमा- कर्क राशि
सूर्य- कुंभ राशि
गुरु- कुंभ राशि
शनि- मकर राशि
बुध- मकर राशि
मंगल- धनु राशि
शुक्र- धनु राशि
राहु- वृषभ राशि
केतु- वृश्चिक राशि
करण- विष्टि – 10:10:58 तक, बव – 22:28:46 तक
सूर्योदय- 06:59:11
सूर्यास्त- 18:11:44
– आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए माघ पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी को 11 कौड़ियां जरूर अर्पित करें।
पूर्णिमा के दिन देव आखिरी बार स्नान दान आदि करते हैं और इसके बाद अपने देवलोक लौट जाते हैं. इस कारण इस पूरे माह में ही दान, स्नान, भजन, कीर्तन और मंत्रों के जाप का विशेष महत्व बताया गया है. जो लोग पूरे माह ऐसा न कर सकें, वे कम से कम पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और जाप आदि कर सकते हैं. मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं. इस दिन गंगा स्नान करने से सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष की प्राप्ति होती है. प्रयाग में कल्पवास करके त्रिवेणी स्नान करने का अंतिम दिन माघ पूर्णिमा ही है

माघ पूर्णिमा के दिन शोभन योग का निर्माण हो रहा है। शोभन योग माघ पूर्णिमा के दिन रात 08 बजकर 44 मिनट तक है। इस योग को मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से दोपहर 03 बजकर 12 मिनट तक है।

राहु काल- दोपहर 12  बजकर 35 मिनट से दोपहर 13 बजकर 59 मिनट तक कोशिश करे की इस समय कोई शुभ कार्य न करे।

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