कार्तिक पूर्णिमा ,चंद्रग्रहण और उपाय

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580 वर्षों में सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण 19 नवंबर को होगा और यह पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा। साल 2021 का आखिरी चंद्र ग्रहण 15वीं सदी के बाद सबसे लंबा होगा। आखिरी बार इतना लंबा ग्रहण 18 फरवरी 1440 को लगा था।

चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है। जबकि पूर्ण चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा और सूर्य पृथ्वी के विपरीत दिशा में होते हैं, आंशिक चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी की छाया का केवल एक हिस्सा चंद्रमा को कवर करता है। इस बीच, जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया के फीके पेनुमब्रल हिस्से से होकर गुजरता है, तो एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होता है।

चंद्रग्रहण का हिन्दू ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है। प्रत्येक ग्रहण मनुष्य के व्यक्तिगत जीवन पर बहुत प्रभाव डालता है। ग्रहण से उत्पन्न होने वाली नकारात्मक ऊर्जा आपके जीवन को कष्ट पहुंचाने में समर्थ होती है। प्राचीन भारतीय शास्त्रों में त्वचा को प्रभावित करने वाले चंद्र ग्रहण के कुछ उल्लेख मिलते हैं। जाहिर है, ग्रहण के दौरान मानव शरीर का कफ दोष असंतुलन से गुजरता है। यह दोष मांसपेशियों की वृद्धि, प्रतिरक्षा कार्य और स्थिरता को नियंत्रित करता है। इसलिए, चंद्र ग्रहण त्वचा रोग और अन्य बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकता है। ग्रहण के प्रभाव आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को भी प्रभावित करता है। ग्रहण के कारण बहुत सी परेशानियां होती है।

चंद्रग्रहण पर जरूर करें ये ख़ास दान :

1. चावल – चावल को अक्षत कहते हैं, जिसका संबंध चंद्रमा से होता है। अक्षत का प्रयोग हमेशा शुभ कार्यों से पहले किया जाता है। ग्रहण के बाद आप चावल का दान कर सकते हैं जिससे घर में पैसों की कोई कमी नहीं है।

2. दूध – चंद्र ग्रहण के बाद दूध दान करने से देवी लक्ष्मी और भगवान नारायण की कृपा मिलती है। इसी के साथ शास्त्रों की माने तो दूध का विशेष महत्व चंद्रमा के साथ है।

3. चीनी – चंद्र ग्रहण के बाद चीनी का दान करने से इष्ट देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।

4. चांदी – कहा जाता है चंद्र ग्रहण के बाद चांदी का दान बेहद खास होता है। वास्तव में इसके दान से व्यक्ति को तीक्ष्ण बुद्धि और धन के साथ समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

चंद्र ग्रहण पर जरूर करें ये काम :

– हिंदू मान्यता के अनुसार, नकारात्मक ऊर्जा पृथ्वी को घेर लेती है, इसलिए ग्रहण काल में मंत्रों का जाप करने से हानिकारक ऊर्जा तरंगों की ताकत कम हो जाती है।

– तुलसी के पत्तों को बहुत पवित्र माना जाता है। इन पत्तों को भोजन और पानी में रखने से वे किरणों के संपर्क के दुष्प्रभावों से बचेंगे।

– ग्रहण के बाद नहाना या सिर धोना शुभ माना जाता है।

– मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के बाद पवित्र नदी गंगा में स्नान करने से समस्त कष्ट दूर होते है।

– ग्रहण के बाद अनाज, फल, वस्त्र आदि का दान करें क्योंकि इसे समृद्धि प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है।

580 सालों के बाद इतना लम्बा चंद्रग्रहण, सभी राशियों के लिए ख़तरनाक साबित होगा, इससे बचने के लिए myjyotish ख़ास आपके लिए लाया है विशेष दान पूजा। यह पूजा आपके कष्टों को दूरकर आपकी कुंडली में चंद्र की स्थिति को मजबूत बनाएगा, जिससे आपको पारिवारिक रिश्तों में मजबूती,धन – धान्य, सुख – शान्ति, समृद्धि एवं संपनन्नता की प्राप्ति होगी। यह पूजा माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने का प्रभावशाली उपाय है।

ग्रहण तिथि: 19 नवंबर, 2021
कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण होने के कारण इसके कुप्रभाव और अधिक हो जाएंगे। ऐसे में घर से बाहर निकलकर दान करना शुभ नहीं होगा। इसलिए सिर्फ आपके लिए हम ये पूजा केवल रु251 /- में हरिद्वार की पावन भूमि में संपन्न कराएंगे। इस दिन दान करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। यह सुनहरा मौका अपने हाथ से जानें न दे। इस पूजा को शीघ्र – अतिशीघ्र बुक करें। ये पूजा तुरंत बुक करने के लिए विजिट करें PLC

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