जन्माष्टमी और भगवान् श्री कृष्ण के रूप

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सनातन यानि हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण का जन्म कारावास में हुआ था। इनका जन्म किसी से रहस्य से कम नही हैं क्योंकि ये भी कहा जाता है कि इनका प्राक्ट्य गर्भ से नहीं हुआ था। तो वहीं ये मान्यता है कि इन्हें जन्म देने वाली माता देवकी थी, और इनका पालन पोषण करने वाली माता यशोदा। शास्त्रों में इनके स्वरूप का जो उल्लेख मिलता है, उससे पढ़ने वाला हर व्यक्ति इनकी मनमोहक छटा पर मोहित हो जाता है। धार्मिक ग्रंथों में इनको योगेश्वर के नाम से भी जाना जाता है क्योंति श्री कृष्ण योग के हर अंग में पारंगत थे। इसी योग के चलते इनका शरीर बेहद अद्भुत था। बता दें 31 अगस्त को इस वर्ष की जन्माष्टमी का पर्व पड़ रहा है। इसी खास अवसर पर हम आपको बताने हैं श्री कृष्ण के शरीर से जुड़े ऐसे ही 5 चमत्कारिक विशेषताओं के बारे में जिनसे बहुत कम लोग रूबरू हैं।

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार श्री कृष्ण की त्वचा का रंग मेघश्यामल था, न की काला या सांवला, यही कारण है इसीलिए इन्हें श्याम कहा जाता है।
कहा जाता है इनके शरीर से एक मादक गंध निकलती थी, जिसे युद्ध काल में छुपाने का वे हर समय प्रयत्न करते रहते थे।
शास्त्रों के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण के परमधामगमन के समय न तो उनका एक भी केश श्वेत था और न ही उनके शरीर पर कोई झुर्री थीं। वे जवान ही थे। कथाओं के अनुसार 119 वर्ष की उम्र में वे अपने धाम चले गए थे।
कहा जाता है इनकी मांसपेशियां मृदु परंतु युद्ध के समय विस्तॄत हो जातीं थीं, इसलिए सामान्यतः लड़कियों के समान दिखने वाला उनका लावण्यमय शरीर युद्ध के समय अत्यंत कठोर दिखाई देता था।
इनके केश घुंघराल तथा इनकी आंखों बहुत बड़ी-बड़ी सुंदर व मनमोहक थीं।
ये तन पर पीले वस्‍त्र और सिर के मुकुट पर मोर, गले में बैजयंती माला और हाथों में बांसुरी धारण करते थे, जिससे उनका रूप मनोरम नजर आता है। PLC

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