राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक बयान ने पाकिस्तान के प्रधामनंत्री इमरान खान को काफी सुकून दिया है. दरअसल रूसी राष्ट्रपति ने पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि पैग़बर मोहम्मद का अपमान करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत नहीं आता है. पुतिन के इस बयान पर अब इमरान खान की ओर से कहा गया है कि इस्लामोफ़ोबियो के खिलाफ इस संदेश को गैर मुस्लिम नेताओं तक फैलाया जाना चाहिए.
रूसी समाचार एजेंसी तास के मुताबिक़, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वार्षिक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि पैग़बर मोहम्मद का अपमान करना धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है और जो लोग इस्लाम का पालन करते हैं, उनकी पवित्र भावनाओं का हनन है. बीबीसी हिंदी की खबर के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से गुरुवार को वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा सवाल पूछा गया. पुतिन से कहा गया कि कई बार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर भ्रम पैदा होता है और यह दूसरों का हनन का कारण भी बनती है. ऐसे में आप इन दोनों के बीच के फर्क को कैसे समझाने का प्रयास करेंगे. इस सवाल के जवाब में रूसी राष्ट्रपति ने पैगंबर मोहम्मद का उदाहरण देकर अपनी बात समझाने की कोशिश की.
पुतिन ने कहा, पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमान क्या है? मेरा मानन है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है. मेरा मानना है कि यह किसी व्यक्ति की आस्था के अपमान की कोशिशें हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी इंसान लोगों की आस्था का अपमान करता है तो यह चरमपंथ को बढ़ावा देता है. स्वतंत्रता एक ऐसी चीज़ है, जो ख़ुद से आती है और आपके इर्द-गिर्द के लोगों का सम्मान करने से आती है.
इमरान खान ने पुतिन के बयान का किया स्वागत
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बयान का स्वागत किया है. उन्होंने पुतिन के बयान से जुड़ी ख़बर को ट्वीट करते हुए लिखा, मैं राष्ट्रपति पुतिन के बयान का स्वागत करता हूं, जो मेरे संदेश की पुष्टि करता है कि हमारे पवित्र पैगंबर का अपमान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है. सभ मुसलमान नेताओं को पुतिन के इस संदेश को इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने के खिलाफ गैर मुस्लिम देश के नेताओं तक पहुंचाना चाहिए. PLC