वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल संदीप सिंह ने कहा है कि रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण भारतीय वायु सेना  पर खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना को रूस से भारत को रक्षा उपकरणों के लिए कल-पुर्जे प्राप्त करने में एक या दो महीने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। लगभग 70 प्रतिशत भारतीय रक्षा उपकरण रूस के हैं।
सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम जानते हैं कि (इस समय) भू-राजनीतिक स्थिति कठिन है।।। रूस के साथ हमारे संबंध बरकरार रहेंगे।” यह पूछे जाने पर कि क्या रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण भारतीय वायु सेना पर कोई असर पड़ेगा, सिंह ने कहा, ‘‘चीजें अभी सामने आ रही हैं। हमारी स्थिति बहुत मजबूत हैं और दोनों देशों के साथ हमारे संबंध (मजबूत) रहे हैं और आपने यह देखा है।”उन्होंने कहा, ‘‘हम स्थिति का आकलन कर रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि कुछ मुश्किलें होंगी, लेकिन मुझे लगता है कि इनसे हम पर बहुत असर नहीं पड़ना चाहिए। मुझे भरोसा है कि इसके कारण हम पर खास असर नहीं पड़ेगा।”
वायु सेना उप प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायुसेना कलपुर्जों और उपकरणों के शत-प्रतिशत स्वदेशीकरण का लक्ष्य लेकर चल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इसे 100 प्रतिशत की सीमा तक पहुंचने में समय लगेगा।”उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि आने वाले वर्षों में, भारतीय वायुसेना के पास अपनी अधिकांश प्रणालियां स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित होंगी। उन्होंने कहा , ‘‘अंतिम लक्ष्य यह है कि आपको आत्मनिर्भर बनना है।”भारतीय वायु सेना उप प्रमुख ने कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए तीन विमान रवाना हो गए हैं।उन्होंने कहा, ‘‘हम भारतीयों को बाहर निकालने के लिए हर रोज चार उड़ान संचालित कर सकते हैं।” PLC

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