चीन को सबक सिखाने के लिए पूर्वी मोर्चे पर भारत ने तैनात किए राफेल

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चीन को सबक सिखाने के लिए पूर्वी मोर्चे पर भारत ने तैनात किए राफेल

नई दिल्ली. चीन के साथ जारी सीमा विवाद  के बीच भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा   पर अपनी ताकत को और बढ़ा दिया है. भारतीय वायुसेना   ने पूर्वी वायु कमान  के तहत हासीमारा के वायुसेना स्टेशन में राफेल विमान को अपने 101 स्क्वाड्रन में शामिल किया है. बता दें पश्चिम बंगाल के हासीमारा में पहले मिग 27 था, जिसे अब सेवामुक्‍त कर उसकी जगह पर राफेल की तैनाती की गई है. भूटान के आसपास जिस तरह से चीन अपनी सैन्‍य ताकत को बढ़ा रहा है उसके जवाब में भारतीय वायुसेना राफेल की तैनाती की है.

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में भारतीय वायुसेना की ताकत को और बढ़ाने और दुश्‍मन को करारा जवाब देने के लिए हासीमारा में राफेल को शामिल करने की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है. उन्‍होंने बताया कि चीन जिस तरह से धीर-धीरे बॉर्डर पर अपनी सैन्‍य ताकत बढ़ा रहा है उसे देखते हुए भारतीय वायुसेना को भी बेहतर कदम उठाने की जरूरत है. भारत और चीन की सेना के बीच पिछले डेढ़ साल से सीमा विवाद बना हुआ है. इस विवाद को सुलझाने के लिए और सीमा पर तनाव कम करने के लिए राजनयिक और सैन्य स्तर पर बातचीत जारी है लेकिन अभी तक पूरी तरह से सीमा विवाद सुलझ नहीं सका है.

इस खास मौके पर वायु सेना प्रमुख ने 101 स्क्वाड्रन के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए बताया कि इसे फाल्कन्स ऑफ चंब एंड अखनूर की उपाधि दी गई है. भदौरिया ने कहा इस बात पर किसी भी तरह का कोई संदेह नहीं है कि स्क्वाड्रन को जब कभी भी जहां भी जरूरत होगी वहां पर हावी रहेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि विरोधी हमेशा उनकी उपस्थिति से भयभीत रहेंगे.

 

राफेल विमानों की पहली स्क्वाड्रन हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन पर तैनात है. भारत द्वारा लगभग 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 विमानों की खरीद के लिए फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर करने के लगभग चार साल बाद, अत्याधुनिक पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप 29 जुलाई, 2020 को भारत पहुंची थी. plc

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