घर की दीवारों और कलाकृतियां

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शास्त्रों की बात , जानें धर्म के साथ आज कल लोगों में हाई स्टटेस को मेंनटेन करनी की होड़ लगी हुई है। जिसके चलते लोग अपने घर को नए नए रूप से बनवाते हैं, सजाते संवारते हैं। मगर कईं बार इस दौरान लोग य भूल जाते हैं कि कुछ चीज़ों को घर आदि में लाते समय वास्तु का ध्यान रखना अधिक आवश्यक होता है। तो चलिए जानते हैं वास्तु के कुछ ऐसे नियम जिनका पालन करके व्यक्ति अपने दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकते हैं। इतना ही नहीं साथ ही साथ घर परिवार के लोगों को जीवन में आ रही परशानियों से भी छुटकारा मिल सकता है।

जो लोग घर की दीवारों पर कलाकृतियां लगाते हैं उसके लिए आप देवी लक्ष्मी, गाय और बछड़ा, कमल के फूल, मोर का जोड़ा अथवा शंख, स्वास्तिक चिन्ह और युग्म मीन की कलाकृतियां ही होनी चाहिएं।

सूअर, चील, सांप, राक्षस, गिद्ध, उल्लू, हाथी, बाघ, शेर, भेड़िया, रीछ, गीदड़ आदि जंगली जानवरों की कलाकृतियों से बचना चाहिए।

इसी के साथ रामायण और महाभारत के हिंसक दृश्य, तलवारों के प्रयोग वाले लड़ाई के दृश्य, इंद्रजाल, भयानक दैत्यों या राक्षसों की पत्थर, काष्ठ या धातु की मूर्तियों और रोते या चिल्लाते हुए लोगों के दृश्यों से संबंधित चित्र घर में अच्छे नहीं होते।

घर या भवन में वही प्रदर्शित किया जाना चाहिए, जो देखने वालों की आंखों को अच्छा लगे। उन्हें प्रसन्नता देने वाला हो। सजावट के लिए वस्तुएं या तस्वीर और चित्रों के चयन करते समय सौंदर्य और सांस्कृतिक पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए।

सुसज्जित लाइटें, झाड़-फानूस, पुस्तकों की अलमारी, फूलदान, सोफा, मेज और कुर्सी आदि बड़ी सावधानी से रूचिपूर्वक चुनने चाहिएं और अनुकूल स्थानों पर रखने चाहिएं ताकि वे आकर्षक दिखें। PLC

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