हरतालिका तीज पूजन विधि,तीज व्रत पूजन सामग्री,दान करने के लिए सामग्री

0
16

हरतालिका तीज का पावन पर्व 30 अगस्त, मंगलवार को मनाया जाएगा। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हर साल हरतालिका तीज मनाया जाता है। इस दिन सुहागिनें पति की लंबी आयु के लिए निराहार और निर्जला उपवास रखती हैं। हरतालिका तीज व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजन का विधान है। इस व्रत को सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्याएं भी रख सकती हैं। आइये जानते हैं हरतालिका तीज व्रत पूजन सामग्री और व्रत नियम…

हरतालिका तीज व्रत पूजन सामग्री- सुहाग की सभी चीजे सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, काजल। इसके अलावा तुलसी, केला का पत्ता, आंक का फूल, मंजरी, शमी पत्र, जनैऊ, वस्त्र, फूल, अबीर, वस्त्र, फल, कुमकुम, चंदन, घी-तेल, दीपक, नारियल, माता की चुनरी, लकड़ी का पाटा, पीला कपड़ा, सुहाग पिटारा और तुलसी आदि।

दान करने के लिए सामग्री- हरतालिका तीज व्रत में सुहाग का सामान चढ़ाया जाता है। जिसमें बिछिया, पायल, कुमकुम, मेहंदी, सिंदूर, चूड़ी, माहौर, कलश, घी-तेल, दीपक, कंघी, कुमकुम और अबीर आदि शामिल है।

हरतालिका तीज व्रत नियम- हरतालिका तीज व्रत में भोलेनाथ व माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है। कुछ जगहों पर महिलाएं पूजा के लिए माता पार्वती, भगवान शिव व श्रीगणेश की मिट्टी से प्रतिमा बनाती हैं। यह व्रत निर्जला और निराहार किया जाता है। इस व्रत में अन्न या जल ग्रहण करने की मनाही होती है। हरतालिका तीज व्रत का पारण चतुर्थी तिथि में ही किया जाता है। व्रत रखने वाली महिलाओं को हरतालिका तीज व्रत कथा जरूर सुननी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार हरतालिका तीज व्रत शुरू करने के बाद जीवन भर इस व्रत को नियमित रूप से रखना चाहिए। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती को रेशमी वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। हरतालिका तीज व्रत की पूजा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद सबसे शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य के साथ सुख-शांति व समृद्धि की प्राप्ति होती है। PLC

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here