हरियाणा मे जारी हो नई और संशोधित मीडिया पॉलिसी : हरियाणा न्यूज पेपर सोसाइटी

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हरियाणा न्यूजपेपर सोसाइटी,hnsआई एन वी सी न्यूज़

चंडीगढ़ ,
 हरियाणा न्यूज पेपर सोसाइटी के महासचिव सुभाष चंद बजाज ने बताया के  हरियाणान्यूजपेपर सोसाइटी  के प्रधान  सुरेन्द्र सिंह हुड्डा के नेर्तत्व में  हरियाणा न्यूजपेपर सोसाइटी के एक 6 सदस्यीयशिष्टमंडल ने आज 17 मई को चंडीगढ़ मे  हरियाणा के  मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की। इसमुलाकात के दौरान मध्यम व लघु समाचार पत्रों से सम्बन्घित विषयो पर चर्चा हुई तथा प्रदेश की नई औरसंशोधित मिडिया पालिसी बनाने का एक ज्ञापन दिया गया ।इस मोके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अतिरिक्त मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य , मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव व वित्तायुक्त सूचना व जनसंपर्क  आर के खुल्लर ने भी बैठक में सकारात्मक विचार रखे जिन का 6 सदस्यीय शिष्टमंडल ने स्वागत किया।

सोसाइटी  के प्रधान  सुरेन्द्र सिंह हुड्डा  ने कहा कि  दिन-प्रतिदिन जारी होने वाले विज्ञापनों का 80 प्रतिशतकेवल उन्हीं समाचार-पत्रों को दिया जाए जिनका प्रकाशन या मुद्रण हरियाणा से हो। चंडीगढ़ भले ही हरियाणाकी राजधानी है परंतु आर.एन.आई.(RNI) के अनुसार इसका दर्जा अलग राज्य केन्द्र-शासित प्रदेश के रूप मेंस्थापित है। अत: चंडीगढ़ से प्रकाशित या मुद्रित समाचार-पत्रों को हरियाणा का न मानते हुए केन्द्र शासित प्रदेशचंडीगढ़ का माना जाए।

उन्होंने बताया की मुख्यमंत्री  मनोहर लाल खट्टर से मांग की गई है कि प्रदेश की नई और संशोधित मीडियापॉलिसी बनाई जाये  और  मांग की है कि नई मीडिया पॉलिसी को तैयार करने में निम्रलिखित बिदुओं का संज्ञानलिया जाए ताकि एक बेहतर और त्रुटिहीन पॉलिसी का निर्माण हो सके।

उन्होंने बताया कि समाचार पत्रों की तीन श्रेणियां होती हैं जिसमें  : (क) बड़े समाचार पत्र ,   (ख) मध्यमसमाचार पत्र ,  (ग) लघु समाचार पत्र शामिल हैं , को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा जारी होने वाले विज्ञापनोंका उचित आवंटन हो। साथ ही  समाचार पत्रों के माध्यम से जन-मानस को अच्छी और बुरी सूचनाएं प्रतिदिनप्राप्त होती हैं, उस स्थिति में किसी भी चुनिंदा समाचार-पत्रों का एकाधिकार किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था मेंबेहद चिंताजनक हो सकता है। अत: जो समाचार-पत्र सुचारू रूप से प्रकाशित व प्रसारित हो रहे हों, उन्हें समानदृष्टि से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि चुनिंदा समाचार-पत्रों का एकाधिकार स्थापित न हो।

मांग पत्र में कहा गया है कि प्रदेश और राष्ट्रहित में है मध्यम और लघु समाचार-पत्रों को समाज और सरकारों सेप्रोत्साहन मिले, क्योंकि मध्यम और लघु समाचार-पत्रों की पहुंच ग्रामीण आंचल के छोटे-से-छोटे गांव से लेकरहर विकसित शहर की अधिकांश कालोनियों तक होती है। वर्तमान में हरियाणा से कुल 2161 समाचार पत्रों काआर.एन.आई. ( RNI ) में पंजीकरण है, जिसमें मुख्यत: हिन्दी के 1524, अंग्रेजी के 200, पंजाबी के 25, तथाउर्दू के 88 के अतिरिक्त कुछ अन्य भाषाओं में भी पंजीकरण जारी है। परंतु भारत सरकार की विज्ञापनों को लेकरबनी संस्था डी.ए.वी.पी. (DAVP) में हरियाणा से कुल 87 समाचार- पत्रों  का पंजीकरण शामिल हैं जिसकाविवरण निम्रलिखित है  ( क) बड़े समाचार-पत्र   – 04 ,  (ख) मध्यम समाचार-पत्र  – 53 ,     ( ग) लघु           – 30 अत: यह स्पष्ट है कि मध्यम व लघु समाचार-पत्र प्रदेश में व इसके साथ लगते अन्य क्षेत्रों में सर्वाधिकप्रसारित क्षमता रखतें है, जिनको कि पारदर्शिता पूर्ण प्रोत्साहन मिलना चाहिए।

मांग की गई है कि  हरियाणा सरकार द्वारा एक केन्द्रीय माध्यम जोकि डी.आई.पी.आर. (DIPR) है , के माध्यमसे ही सरकार और उससे संबंधित सभी प्रकार के बोर्ड, कॉरप्रेशन व अन्य संस्थाएं जिसमें विश्वविद्यालय आदिशामिल है, के विज्ञापन नीति अनुसार निर्णय लेते हुए जारी हों ताकि विज्ञापनों को जारी करने में किसी भी प्रकारके भ्रष्टाचार को रोका जा सके।

सरकार द्वारा जारी सभी प्रकार के विज्ञापनों के बिलों की प्राप्ति समय-सीमा में हो जिसका विवरण प्राप्ति के साथही ऑन-लाइन अंकित हो जाए तथा प्रेस काऊंसिल (भारत) के निर्देशनुसार प्राप्त बिलों का भुगतान सरकार द्वाराएक माह के भीतर हो जाए, जिसका विवरण भी ऑन-लाइन अंकित हो।

मांग पत्र में कहा गया है कि  विज्ञापनों के आंवटन में पारदर्शिता लाते हुए मूल्य के अनुसार आंवटन हो, जिसमेंनिम्रलिखित श्रेणी हो:  (क) लघु  समाचार-पत्र  (कुल मूल्य का आंवटन)   – 10 प्रतिशत  ,  (ख) मध्यमसमाचार-पत्र  (कुल मूल्य का आंवटन) – 40 प्रतिशत , (ग) बड़े समाचार-पत्र  (कुल मूल्य का आंवटन)  – 50प्रतिशत  जिसमें अंग्रेजी प्रकाशनों को 35 प्रतिशत, हिन्दी प्रकाशनों को 60 प्रतिशत तथा अन्य प्रकाशनों को 5प्रतिशत की दर से विज्ञापनों का आंवटन हो।

मांग पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में एक ही नाम से प्रकाशित समाचार-पत्र  के भिन्न-भिन्न संस्करणों की प्रसारसंख्या को जोड़ कर उस प्रकाशित समाचार-पत्र की श्रेणी तय की जाए। यदि एक ही समाचार-पत्र के प्रदेश के सभीसंस्करणों का प्रसार योग 75 हजार प्रतियां प्रतिदिन है तो उस प्रकाशन को बड़े समाचार-पत्र की श्रेणी में रखाजाए।

मांग पत्र में कहा गया है कि डी.आई.पी.आर. (DIPR) द्वारा प्रदेश से प्रकाशित होने वाले समाचार-पत्रों की हाजरीलगे ताकि उनके आस्तिव को प्रमाणित लगातार किया जा सके। हमारी संस्था (HNS) अपने सभी सदस्यप्रकाशनों की प्रतिदिन हाजरी प्रमाणों के साथ अपनी वेबसाइट पर डालेगा तथा सरकार जब भी चाहे हमारी संस्था(HNS) अपने सदस्ये समाचार-पत्रों की प्रतियां उपलब्ध करायेगा।

सोसाइटी  के प्रधान  सुरेन्द्र सिंह हुड्डा  ने कहा कि साथ ही हरियाणा न्यूजपेपर सोसाइटी उन सभी प्रकाशनोंको अपनी तरफ से सरकार के सम्मुख निवेदन करेगी जिनका न तो डी.ए.वी.पी में पंजीकरण है और न हीडी.आई.पी.आर हरियाणा में पंजीकरण है परन्तु जो निरंतर प्रभावशाली ढंग से अपने-अपने क्षेत्र से प्रकाशित होरहे हैं।

साथ ही उन्होंने मांग की है कि सरकार द्वारा बनने वाली मीडिया से संबंधित सभी कमेटियों में हरियाणा न्यूजपेपर सोसाइटी को  भी प्रतिनिधित्व मिले।

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