हरियाली तीज और  हरे रंग का महत्व 

0
27

हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तीज को आती है जबकि भाद्रपद शुक्ल तीज को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। हरियाली तीज के दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं। इन 16 श्रृंगार में हरे रंग का खासा महत्व होता है। आओ जानते हैं हरे रंग का महत्व।
क्यों करती है 16 श्रृंगार : सोलह श्रृंगार अखंड सौभाग्य की निशानी होती है इसीलिए भी महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। महिलाएं यह श्रृंगार अपने पति के लिए करती हैं। पति की खुशहाली, तरक्की, सेहत और दीर्घायु के लिए वह श्रृंगार करके माता पार्वती और शिवजी की पूजा करती है। हरियाली तीज के दिन महिलाएं सुबह गृह कार्य और स्नान से निवृत्त होकर सोलह श्रृंगार करके अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा होती है।

16 श्रृंगार : मेहंदी, बिंदी, झुमके, बाजूबंद, मांग टीका, मंगल सूत्र, नथ, काजल, सिंदुर, कमरबंद, बिछिया, पायल, अंगूठी, चूड़ियां, साड़ी और गजरा। उपरोक्त में से मेहंदी, चूड़ियां, साड़ी, कमरबंद, बाजूबंद, मांग टीक, झुमके, बिंदी आदि में हरे रंग का उपयोग किया जाता है।

1. इस रंग से दिमाग भी शांत रहता है और घर में क्लेश भी नहीं होता है।

2. इस रंग से जीवन में उत्साह व उमंग बढ़ जाता है।

3. हरा रंग जीवन में खुशहाली बढ़ता है।

4. ज्योतिष मान्यता अनुसार हरे रंग को बुध का रंग माना जाता है। इससे बुध प्रबल होता है जिससे संतान सुख की कामना पूर्ण होती है।
5. कहते हैं कि हरे रंग की कांच की चूढ़ियां पहनने से पति की उम्र लंबी होती है।

6. हरे रंग को स्वास्थ्यवर्धक रंग भी माना जाता है।
7. आयुर्वेद में इस रंग को कई रोगों के उपचार के लिए लाभदायक माना गया है।

8. हरे रंग से आंखों की ज्योति बढ़ती है। कहते हैं हरियाली को देखने से आंखों को सुकून मिलता है।
9. हरा रंग माता पार्वती का रंग है और भगवान शिव को भी यह रंग प्रिय है।

10. सावन माह में प्रकृति में चारों ओर हरियाली छाई रहती है। इसीलिए भी हरियाली तीज पर महिलाएं अपने श्रृंगार में हरे रंग का उपयोग ही करती हैं।PLC.
 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here