सोनाली बोस की कहानी “ हैप्पी न्यू ईयर ”

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सोनाली बोस की कहानी “ हैप्पी न्यू ईयर ”

sonali-bosearticle-of-sonali-bose-sonali-bose-sub-editor news-sub-editor-invc-new, sonali bose's story happy new year– हैप्पी न्यू ईयर –

घना कोहरा ,रूहों को जमाने वाली ठण्ड ,शाम से रात के एक बजे तक इंडिया गेट पर जेतू गुब्बारे बेचता रहा ! पूरा इंडिया गेट जश्न के माहौल में मदमस्त था क्योंकि आज न्यू ईयर ईव और उसके बाद हैप्पी न्यू ईयर जो होने वाला था ! जेतू भाग भाग कर इधर उधर जाकर जिनके हाथो में गुब्बारे नहीं थे उनको गुब्बारे बेचने की कोशिश में लगा था ! जेतू के मन में ठण्ड से ज़्यादा एक बात घर किये हुए थी कि आज अगर अच्छी कमाई हो जायेगी तो कल पूरा परिवार भर पेट खा लेगा ! जेतू का नाम जेतू कैसे पड़ा शायद जेतू को भी नहीं पता था ,शायद बचपन से माँ बाप से सुनता आ रहा था अगर, ‘जे तू’ कर लेगा तो तुझे इतने पैसे की कमाई हो जायेगी , अगर ‘जे तू’ कर लेगा तो यह हो जाएगा ,अगर ‘जे तू’ कर लेगा तो वह हो जाएगा ! लेकिन गर्म शानदार कपड़ो में लिपटे  बच्चों को देख कर अभी जेतू को कोई विचार नहीं आ रहा था ! शायद उसकी भूख उसके हर विचार पर बहुत ज़्यादा हावी थी !

शाम से ठण्ड और सर्द हवाओं ने पूरे दिल्ली शहर में सभी की हालत खराब कर रखी थी ,पर जेतू को शाम से ही गुब्बारे फुलाने का काम उसके बापू ने थमा दिया था ,माँ –बाप के साथ अब जेतू ने भी इंडिया गेट की एक सड़क पर अपना कब्ज़ा जमा रखा था ! शाम से ही पुलिस की सख्ती ने थोड़ा सा मन तो उदास कर दिया था पर अब जेतू पुलिस के साथ डील करना सीख चुका था !

बाप ने इंडियाindia गेट का राउंड सर्कल संभाला था तो माँ ने दो साल की अपनी बच्ची के साथ इंडिया गेट पर बने बच्चों के पार्क का एक गेट संभल लिया था ! आज सभी को अच्छी कमाई के आसार नज़र आ रहे थे ! शाम से रात हुई और अब रात से साल की बिदाई का वक़्त भी आ गया था ! आज नये साल का जश्न मनाने वाले सभी लोगों ने जेतू की परिवार की कमाई भी खूब करा दी थी ! देर रात तक खूब हंगामा हुआ ,फिर पुलिस की कार्यवाही के बाद सभी को इंडिया गेट खाली करना ही पड़ा !

पुलिसिया हिस्सेदारी के बाद भी जेतू के परिवार की कमाई खूब हुई थी ! पूरा परिवार खुश था, जेतू ने अपनी जेब से एक चॉकलेट निकाल कर अपनी बहन को दिया और कहा “ हैप्पी न्यू इयर ” छोटी से बच्ची ने चॉकलेट को हाथ में लेते हुये जेतू की तरफ ऐसे देखा जैसे इसका मतलब जानना चाह रही हो ! जेतू ने अपनी छोटी सी बहन के पास आकर धीरे से कहा,“ जब बड़े लोग क़ानून सरे –आम तोड़ते हैं ,खूब सारा पैसा बर्बाद करते हैं ,शराब पीकर  जश्न के नाम पर गरीब लोगों का और उनकी गरीबी का जम कर मज़ाक उड़ाते हैं , देर रात तक अमीर लोग सड़कों, होटलों , पार्को और मुझे नहीं पता कहाँ – कहाँ जाकर फ़िज़ूल खर्ची और मौज मस्ती करते तो उसे कहते हैं  “ हैप्पी न्यू ईयर ” !

sonali-bosearticle-of-sonali-bose-sonali-bose-sub-editor-invc-news-sub-editor-invc-new-1सोनाली बोस
उप – सम्पादक
इंटरनेशनल न्यूज़ एंड वियुज़ डॉट कॉम
व्
अंतराष्ट्रीय समाचार एवम विचार निगम

 

 

Sonali Bose
Sub – Editor
international News and Views.Com
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संपर्क –: sonali@invc.info & sonalibose09@gmail.com

5 COMMENTS

  1. बेजोड़ लघुकथा सोनाली जी….कहानी सहज रूप से आरम्भ होकर विलक्षण रूप में पूर्णाहुति को प्राप्त करती है. जैतू को देखकर उस गुब्बारेवाले की याद ताज़ा हो गयीं जिसके सारे गुब्बारे तप्त धूप में पंडित नेहरू ने खरीदी थी …..समय बदला शासन बदला लेकिन गरीब की ” आह ! बदल ना पायी हां चीत्कार जरूर बदल गयीं हैं ……जेतू ने अपनी छोटी सी बहन के पास आकर धीरे से कहा,“ जब बड़े लोग क़ानून सरे –आम तोड़ते हैं ,खूब सारा पैसा बर्बाद करते हैं ,शराब पीकर जश्न के नाम पर गरीब लोगों का और उनकी गरीबी का जम कर मज़ाक उड़ाते हैं , देर रात तक अमीर लोग सड़कों, होटलों , पार्को और मुझे नहीं पता कहाँ – कहाँ जाकर फ़िज़ूल खर्ची और मौज मस्ती करते तो उसे कहते हैं “ हैप्पी न्यू ईयर बहुत सुन्दर कहानी ..शायद ! अभी तक जो आपकी लिखी कहानियाँ मैंने पढ़ी हैं उनमे सर्वश्रेष्ठ …

  2. बहुत बढ़िया कहानी …..आम तोड़ते हैं ,खूब सारा पैसा बर्बाद करते हैं ,शराब पीकर जश्न के नाम पर गरीब लोगों का और उनकी गरीबी का जम कर मज़ाक उड़ाते हैं , देर रात तक अमीर लोग सड़कों, होटलों , पार्को और मुझे नहीं पता कहाँ – कहाँ जाकर फ़िज़ूल खर्ची और मौज मस्ती करते तो उसे कहते हैं “ हैप्पी न्यू ईयर ”

  3. सच में रात मैंने भी कई जेतू देखे ! शानदार कहानी

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