गोपाल वर्मा की कविता : पेशावर!!! ये क्या किया तूने?
हाल ही पाकिस्तान के पेशावर शहर के आर्मी पब्लिक स्कूल में तालिबान आतंकवादियों द्वारा बड़ी संख्या में बच्चों की क्रूर हत्या ने पूरी मानवता को हिला कर रख दिया था . विश्व भर से लोगों ने इस घटना की कड़ी शब्दों में निंदा की और लोगों ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं . इस घटना पर कर्नल गोपाल वर्मा की एक कविता आपके समक्ष प्रस्तुत है !
पेशावर!!! ये क्या किया तूने?
बच्चों की क़हानियो में
अब परियाँ नही होंगी|
नहीं होंगे अब
राजा, रानी,
भालू, लोमड़ी,
बाग बग़ीचों
के किस्से,
बच्चों की कहानियों में|स्कूल के बच्चों को,
कहानियों में अब बतलाया जाएगा
कि कोई अंकल लोग आएँगे स्कूल में,
कुछ वर्दी सी पहने,
इक बड़ा सा झोला टाँग,
अपने कंधो पर
या उनके स्कूल में
आकर कुछ दाढ़ी वाले,
घुस कर उनकी क्लास में
उन्हे कालीमा पढ़ने का कह कर,
आठ आठ की पंक्ति में कर देंगे खड़ा
और उन सबको फिर,
छोड़ देने की बात कह कर
दाग देंगे उन पर ए के ४७ से गोलियाँ,
उनके सीने में,
उनके नन्हे नन्हे जिस्मों में,
गोलियों के छर्रे घुस जाएँगे उन नन्ही हथेलियों में
जिनकी लकीरों में यही लिखा है
शौक से कवि, कविताएँ
दिल्ली पोवेट्री के पुस्तक अन्न छन्द में और वर्तमान साहित्य में प्रकाशित
संगीत संस्था स्पिक मेके से जुड़े
अभिनय,नृत्य,संगीत, शेरो-शायरी में रूचि
संपर्क – वर्तमान में देश की राजधानी दिल्ली में निवास – ९८१११२१२४२.
Unbeatable lines..homage to the victims