गुलाम नबी आजाद की दावेदारी को सबसे मजबूत

0
19

नई दिल्ली राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस उलझन में है। पार्टी चाहकर भी महाराष्ट्र और तमिलनाडु की एक-एक सीट पर उम्मीदवारों के नाम तय नहीं कर पा रही है, क्योंकि दावेदारों की फेहरिस्त काफी लंबी है। एक तरफ जहां पार्टी के असंतुष्ट नेता अपनी दावेदारी जता रहे हैं। वहीं, कई युवा नेता भी उच्च सदन में जाने के लिए बेताब हैं।

राज्यसभा की सात सीट के लिए हो रहे चुनाव में कांग्रेस को दो सीट मिल सकती हैं। महाराष्ट्र में एक सीट वरिष्ठ नेता राजीव सातव के निधन से खाली हुई है। वहीं, दूसरी सीट तमिलनाडु में डीएमके के साथ गठबंधन में मिल सकती है। सबसे ज्यादा दावेदारी महाराष्ट्र की सीट के लिए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, मिलिंद देवडा और संजय निरुपम के साथ अविनाश पांडे व रजनी पाटिल भी दावेदारों में शामिल हैं।

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे में चर्चा के दौरान डीएमके ने राज्यसभा की एक सीट कांग्रेस को देने का वादा किया था। डीएमके के साथ टिकट बंटवारे को वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने अंतिम रुप दिया था। डीएमके के साथ आजाद के बेहतर रिश्ते रहे हैं और वह खुद इस सीट के लिए दावेदार है। ऐसे में उनके नाम पर सहमति बन सकती है। पर उनके साथ प्रवीण चक्रवर्ती भी राज्यसभा पहुंचना चाहते हैं।

महाराष्ट्र में राजीव सातव की सीट पर उनकी पत्नी प्रज्ञा सातव भी दावेदारी जता रही है। प्रदेश कांग्रेस के कई नेता भी चाहते हैं कि प्रज्ञा सातव को उम्मीदवार बनाया जाए। वहीं, मिलिंद देवडा कांग्रेस नेतृत्व को पुराना वादा याद दिला रहे हैं। पार्टी के एक नेता ने बताया कि मिलिंद 2019 में चुनाव नहीं लडना चाहते थे, तब पार्टी ने उनसे वादा किया था कि वह चुनाव हारते हैं, तो उन्हें राज्यसभा में भेज दिया जाएगा। वहीं, यूपी चुनाव को देखते हुए प्रमोद तिवारी भी महाराष्ट्र से राज्यसभा की उम्मीद कर रहे हैं।

तमिलनाडु से गुलाम नबी आजाद की दावेदारी को सबसे मजबूत माना जा रहा है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आजाद राज्यसभा पहुंच जाते है, तो असंतुष्ट नेताओं का समूह बिखर जाएगा। इससे जहां गुटबाजी खत्म होगी, वहीं पार्टी आजाद के अनुभव का लाभ ले सकेगी। पर मुश्किल यह है कि आजाद के साथ आनंद शर्मा भी दावेदार हैं। PLC

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here