देवेन्द्र ने बचाई साख , मोदी का बढ़ा मनोबल

0
26

– संजय रोकड़े –

devendra-fadnavis,narendra-बीजेपी महाराष्ट्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। कड़ी मेहनत, समर्पण और जमीन पर काम करने की वजह से पार्टी अब शहरी और ग्रामीण महाराष्ट्र में मजबूत शक्ति बन गई है। लोगों ने भाजपा के विकास और अच्छी गवर्नेंस पर भरोसा जताया है। यह 2017 की शानदार शुरुआत है। पार्टी ने ऐसे क्षेत्रों में भी जीत हासिल की है जहां अतीत में वो कभी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पायी थी। पहले ओडिशा में अभूतपूर्व समर्थन और अब महाराष्ट्र के लोगों की असीम शुभकामनाएं। मैं हर एक भारतीय को भाजपा में लगातार विश्वास जताने के लिए धन्यवाद देता हूं। हम पूरी लगन से एक मजबूत और समृद्ध भारत बनाने के लिए काम कर रहे हैं। मैं महाराष्ट्र बीजेपी की पूरी टीम, सीएम देवेंद्र फणनवीस और राव साहब पाटिल (राज्य प्रमुख भाजपा) को लोगों के बीच अथक काम करने के लिए बधाई देता हूं। यह बाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के वोटर्स का शुक्रिया अदा करते हुए अपने ट्वीट में लिखी है। बेशक महाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है। इन निकाय चुनाव में बीजेपी को 150 फीसदी का फायदा हुआ है। यह सफलता इसलिए भी मायने रखती है कि यहां के शहरी निकाय चुनावों का महत्व दूसरे राज्यों के मुकाबले बहुत अधिक होता है। इन पर काबिज होने का मतलब राज्य-स्तरीय राजनीति में ताकत बढ़ाना है।

महाराष्ट्र की 10 महानगर पालिकाओं के चुनाव के नतीजे अगर सबसे अधिक खुश करने वाले किसी के लिए रहे है तो वह भाजपा है और अगर किसी को सर्वाधिक दुखी करने वाले रहे है तो वह है शरद पवार और राज ठाकरे। इन चुनावों में मुंबई शहर की जनता ने ही नही बल्कि राज्य के दूसरे इलाके की जनता ने भी भाजपा को दिल खोलकर अपना मत दिया है। इसी के चलते भाजपा एशिया के सबसे अमीर नगर निगम वृहन मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) में शिव सेना से महज कुछ सीटों से ही पीछे रही है। पुणे महानगर पालिका में भी भाजपा ने एनसीपी को पीछे छोड़ दिया है। इसके साथ ही नासिक महानगर पालिका में भी भाजपा ने काबिले तारिफ प्रदर्शन किया है। बता दे कि राज्य में ये चुनाव मिनी-विधान सभा के रूप में पहचाने जाते है। इसमें भाजपा के लिए बड़ी खुश खबरी ये रही कि वो राज्य के ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस और एनसीपी के वोट बैंक में सेंध मारने में कामयाब रही है। अबकि भाजपा नागपुर और नासिक में बहुमत हासिल करने के साथ ही पुणे, पिंपरी चिंचवाड, अकोला, अमरावती, सोलापुर और उल्हासनगर महानगर पालिकाओं में बढ़त हासिल करने में भी कामयाब रही है। बीएमसी की कुल 227 सीटों में से 84 शिवसेना और 81 भाजपा की झोली में गई हैं। देश की जनता के लिए भी ये चुनाव अहम थे। जनता की भी सबसे ज्यादा नजरें किसी पर टिकी थी तो वह है बृहन्नमुंबई (बीएमसी)। हालाकि शिवसेना ने अपना अच्छा प्रदर्शन करके पहले स्थान को बरकरार रखा। उससे कुछ ही कम सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर। अलबत्ता शिवसेना और भाजपा 270 सदस्यीय बीएमसी में बहुमत के आंकड़े से काफी दूर है। बताते चले कि सन् 2012 में शिवसेना- भाजपा ने मिल कर चुनाव लड़ा था बावजूद इसके शिवसेना को सत्तर और भाजपा को इकतीस सीटें मिली थीं, पर इस बार अलग-अलग लडऩे के बावजूद दोनों की सीटों में भारी इजाफा हुआ है। बाकी नगर पालिकाओं में भी भाजपा या तो बहुमत पाने में कामयाब हुई या फिर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है।

अगर पूरे महाराष्ट्र की सीटों के आंकड़ों पर नजर डालें तो भाजपा को मिली सीटों के आधे से भी कम सीटें शिवसेना को मिली हैं, शिवसेना के आधे से भी कम पर कांग्रेस है। मुंबई के बाद राज्य में सबसे अहम मानी जाने वाली पुणे की महानगर पालिका को भी भाजपा ने हथिया लिया है। अब तक इस पर राकांपा का कब्जा था लेकिन अबकि भाजपा ने हाथ से छीन लिया है। नाशिक की नगर महापालिका भी भाजपा ने मनसे से हथिया ली है। इस चुनाव में भाजपा के लिए खास बात ये रही कि उसने ऐसे क्षेत्रों में भी जीत हासिल की है जहां अतीत में वो कभी अच्छा प्रदर्शन तक नहीं कर पायी थी। ऐसा ही एक क्षेत्र है भयावह जल संकट के कारण खबरों में रहने वाला लातूर जिला। लातूर में भाजपा ने कांग्रेस के छह दशकों से चले रहे आ रहे वर्चस्व को तोड़ दिया है। हालाकि भाजपा नेता इसका श्रेय लातूर में पानी उपलब्ध कराने वाली राज्य सरकार की जलदूत ट्रेन और जलायुक्त शिविरों को दे रहे हैं। बता दे कि लातूर जिला परिषद में पिछले छह दशकों से कांग्रेस का कब्जा था। इसी लातूर ने प्रदेश को दो पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री और नौ गृहमंत्री दिए थे। इन नौ गृहमंत्रियों का गृह जिला लातूर ही रहा है। ऐसी स्थिति में लातूर में जीत का भाजपा के लिए खास महत्व है। इस चुनाव की विशेषता ये भी रही कि भाजपा ने महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में भी अच्छा प्रदर्शन किया जबकि पार्टी की छवि एक शहरी दल के रूप में रही है। लातूर में जीत ग्रामीण महाराष्ट्र में भाजपा की बढ़ती पहुंच का ज्वलंत प्रमाण है।

सनद रहे कि ये चुनाव परिणाम साल 2014 में हुए विधान सभा चुनावों वाली कहानी भी दुहरा गए है। उस समयविधान सभा चुनाव में जहां भाजपा राज्य की कुल 288 सीटों में से 122 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी वहीं एनसीपी राज्य में चौथे स्थान पर फिसल गयी थी। 2014 में एनसीपी को 41 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 2009 के चुनाव में 62 विधायकों के साथ वो राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। एनसीपी इस नगर निकाय चुनाव में थाणे, पुणे और पिंपरी चिंतवाड में दूसरे स्थान पर रही है लेकिन उसके हाथ से निकली सीटों और भाजपा के पाले में गई सीटों से साफ है कि उसके वोट सत्ताधारी पार्टी की ओर खिसक रहे हैं। ये चुनाव मनसे प्रमुख राज ठाकरे के लिए भी अच्छे नहीं रहे। जहां उनके हाथ से नासिक महानगर पालिका फिसल गयी है वहीं बाकी प्रमुख महानगर पालिकाओं में भी वो टॉप 4 में नहीं दिख रही है। चुनावों के नतीजों से जाहिर है कि सबसे ज्यादा फायदे में भाजपा ही रही है और सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस व महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को हुआ है। शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को भी निराशा ही हाथ लगी है। इस चुनाव का भाजपा बनाम शिवसेना हो जाना भी कांग्रेस और राकांपा के लिए बहुत बड़ा झटका है।

कांग्रेस का हाल यह उस राज्य में हुआ जो कभी उसका लंबे समय तक गढ रहा है। जब 2004 में कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनी थी उसके पीछे दो राज्यों में कांग्रेस को मिली कामयाबी का ही बढा हाथ था- एक, आंध्र प्रदेश, और दूसरा, महाराष्ट्र। इसके बाद के लोकसभा चुनाव यानी 2009 में भी इन्हीं दो राज्यों में मिली कामयाबी यूपीए के पक्ष में निर्णायक साबित हुई थी। लेकिन पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के ये दोनों गढ़ उसके हाथ से निकल गए। यही नहीं, अब यहां कांग्रेस की स्थिति सुधरने के भी कोई संकेत नहीं मिल रहे है। इन नतीजों की एक ओर खास बात यह है कि देश की सबसे बड़े बजट वाली वृहन्नमुंबई महानगर पालिका पर कब्जे का शिवसेना का इरादा अब उतना आसान नहीं रह गया है, जितना मतगणना के शुरुआती रुझानों में लग रहा था। शिवसेना ने 2012 के मुकाबले बढ़त जरूर बनाई , लेकिन भाजपा की बढ़त का ग्राफ अपेक्षाकृत कहीं ज्यादा रहा है। बहरहाल चुनाव के नतीजे भाजपा और शिवसेना के लिए भले ही जश्न मनाने का कारण लेकर आए हों लेकिन कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के लिए तो बुरी खबर ही है। यह चुनाव शिवसेना और भाजपा के बीच तल्खी के लिए भी जाना जाएगा। चुनाव के दौरान उद्धव ठाकरे ने भाजपा और मोदी को लगातार निशाना बनाया था। क्या वे अब भी वैसा ही करेंगे, और अगर करेंगे, तो क्या भाजपा खामोश रहेगी?

इन सबके इतर ये चुनाव परिणाम एक नया बखेड़ा खड़ा कर गए है। चुनाव में भाजपा और शिवसेना को करीब- करीब बराबर सीटें मिली है, इसके चलते मेयर पद की लड़ाई दिलचस्प हो गई है। अब शिवसेना के साथ भाजपा ने भी संकेत दिए हैं कि वह मेयर पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करेगी। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विश्वास जताया है कि पार्टी स्थानीय निकाय में मेयर का पद बरकरार रखेगी। शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने भी इस बात को ही दोहराया कि हमारी दावेदारी मजबूत है और पार्टी जल्द ही रणनीति का खुलासा करेगी। हालांकि शिवसेना के दोनों नेता किसी के साथ गठबंधन के मुद्दे पर स्पष्ट बोलने से बचते नजर आए। इधर भाजपा ने भी महापौर के लिए अपनी ताल ठोंक दी है। मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष सेल्लार ने मेयर पद के लिए पार्टी की दावेदारी का संकेत देते हुए कहा कि हमने 81 सीटें जीती हैं और चार निर्दलीय पार्षदों ने हमें समर्थन दिया है। पार्टी इस बारे में आगे रणनीति तय करेगी। ऐसे में अगर भाजपा और शिवसेना अड़े रहते हैं तो मनसे, एनसीपी और निर्दलीयों के वोट अहम होंगे। अबकि बार 14 निर्दलीयों की भी नया मेयर चुनने में अहम भूमिका होगी। हालांकि भाजपा या शिवसेना दोनों को ही मेयर पद पाने के लिए इन तीनों को ही साथ लाना होगा। अभी दोनों ही दल 114 सीटों के बहुमत के आंकड़े से काफी दूर हैं। अब देखते कि चालीस हजार करोड़ के बजट वाली वृहन्नमुंबई महानगर पालिका की महापौर की कुर्सी पर कौन विराजमान होता है।

___________

sajnay rokdeपरिचय – :

संजय रोकड़े

पत्रकार ,लेखक व् सामाजिक चिन्तक

संपर्क – :
09827277518 , 103, देवेन्द्र नगर अन्नपुर्णा रोड़ इंदौर

लेखक पत्रकारिता जगत से सरोकार रखने वाली पत्रिका मीडिय़ा रिलेशन का संपादन करते है और सम-सामयिक मुद्दों पर कलम भी चलाते है।

Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely his  own and do not necessarily reflect the views of INVC NEWS.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here