बिहार कि हार : नरेन्द्र मोदी , अमित शाह और भाजपा को RSS अब कैसे देखेगा ?

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Dr Mohan Bhagwat,RSS Dr Mohan Bhagwat, Dr Mohan Bhagwat RSS,  Mohan Bhagwat , RSS  Mohan Bhagwat, Mohan Bhagwat RSS– बालेन्द्र वाघेला  –

बिहार के चुनाव और नतीजो का देश की राजनीती ऊपर बहुत ही गहरा प्रभाव होने वाला हैं . ये बात सभी राजनितज्ञ लोग, देश और विदेश के आर्थिक बाबतो से जुड़े हुए लोग और संस्थाने जानते थे. बिहार चुनाव के ऊपर देश और विदेश के कई लोगो शुरुआत से ही नजर गडाके बेठे थे. सबको अपना अपना कारण था. लेकिन बिहार चुनाव देश और देश की राजनीती के लिए अहम था. इसी के साथ देश में मोदी और भाजपा की दिशा और दशा भी तय करनेवाला था वो बात भी राजनितिक गलियारों के लिए अहम् थी.

क्या हुआ मोदी के रथ को?  दिल्ही के बाद बिहारमे रथ रुक रहा हे. मोदी फेल हो रहे हे? मोदी अमित शाह को भाजप और संघ अब केसे देखेगा? ये सब आगे की बात हे. बिहार चुनाव और नतीजो  के बारे में देखे तो जेसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लोग जब इस चुनाव को अहमियत देके नजदीकी से देख रहे थे तो देश के एक्टिविस्ट लोग भी देख रहे थे. कोई भी लोग नतीजे के बारे मे इस तरह महागठबंधन को इतनी सीटे मिलेंगी एसा तो नहीं बता रहे थे लेकिंन कांटे की टक्कर हे या तो गठबंधन जित सकता हे एसा जरुर बता रहे थे. देश के विविध राज्यों के युवा अक्टिवीस्टो का लगभग दो महीने रहकर आकलन करने के बाद जमीनी हकीकत और वास्तविक विश्लेषणों को देखे तो  आज जो नतीजा आया हे उसके बारेमे महागठबंधन के प्रचार और प्रसार की  तिन बाते अहम् निकलकर सामने आई हे.

जब मोदीजी ने बिहार की चुनावी रेली में एक मंडी में बेठे वेपारी की तरह बिहार पैकेज को दिया, उसका बिहारी मतदारो के ऊपर बहुत गहेरा बुरा असर पड़ा था. लोगोमे ये बात व्यापकता से चली थी के जो प्रधानमन्त्री कालाधन और महंगाई का वचन अपने सत्ता काल के सवा साल बाद थोडा सा भी पूरा नहीं कर पाया हे, वो ये पैकेज केसे दे सकता हे? ये जूठ बोल रहा हे. इसी के साथ साथ बिहार में उसी दिनों में दाल के साथ साथ और चीजे भी महगी हुई थी.

महागठबंधनने इसी बात का भरपूर फायदा उठाया था और अपनी स्थानीय रेलियोमे ये बात भी चलायी थी की मोदीने बिहारी मतदाताओ को अपमानित किया हे, जेसे बिहार को खेरात मे पैकेज दे रहे हे. पैकेज अगर देते हे तो भी  देश का पैसा हे, मोदी, भाजप या संघ का नही हे. मतलब मोदी सच नहीं बोल रहे हे ये बात मतदाताओ में व्यापक होने लगी. दूसरी अहम् बात ये चली थी की ये प्रधानमंत्री देश में रहेने से ज्यादा विदेशोमे रहेता हे. देश की भाजपा सरकार को ज्यादातर बिहारी मतदाता शुरुआत से ही व्यपारियो की सरकार मानते थे और अब साबित हो चूका की वो मान्यता दृढ हुई हे.

कही कही महागठबंधन के चुनावी कार्यकर लोगो को ये समजाने में सफल हुए थे की मोदी का बार बार का विदेशी दोरा देश की सम्पति का सोदा करने के लिए ही होता हे. देश में क्या कम काम हे की बार बार विदेश जाना पड़े?  तीसरी बात युवाओ में महागठबंधन व्यापक रूप से ये चला पाया, वो ये थी की आजतक मोदी और भजपाने जो बाते कही थी उससे उल्टा ही किया हे. जब ब्राहमणवादी संघ शुरुआत से आरक्षण विरोधी हे तो मोदी केसे आरक्षण का रक्षण कर सकता हे? आखिर मोदी और भाजपा के लिए संघ ही सर्वोपरि हे.

चुनाव के पहेले, चुनाव के दोरान और वोटिंग के बाद मतदाताओ से बात करने से पता चलता था की बिहारी मतदाता भाजपा और मोदी को शंका की नजर से देख रहे थे. लेकिन ये पता नहीं चल रहा था की ये शंका नहीं विश्वास हे, जिसमे ये तीनो बाते बिहारी मतदाताओ के दिलोदिमाग पर सबसे ज्यादा असर कर गयी हे ये भी आज के नतीजो से दिख रहा हे.

कोई नेशनल मिडियाने इसका कही भी जिक्र नहीं किया, कही कही लोकल मिडियाने जरुर संज्ञान में लिया था, और भाजपा के लोगोने भी उसको अनदेखा कर दिया था. बिहार के कोई कोई सीनियर भाजपाई नेता इससे पूरी तरह वाकिफ थे लेकिन अमित शाह को बताने की किसीने हिम्मत नहीं की, उसका आज भी मानना हे की मोदी ने अगर ये रेली नहीं की होती या तो पैकेज देने का अंदाज बदला होता तो आज के नतीजे कुछ तो अलग आते.

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Bihar election result, Balendra Vaghela Social activist , Balendra Vaghela Social activist , Spokesperson Gujarat Congress Balendra VaghelaAbout the Author
Balendra Vaghela
Social activist and Spokesperson Gujarat Congress

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