भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु के सपनों का भारत !

1
60

– कमलेश कुमार गुप्ता –

65% युवा भारत के युवाओं को अपने राष्ट्र-निर्माण के लिए इन शहीद महानायकों जैसी अदम्य साहस, संकल्प, विश्वास एवं देश के प्रति कुछ कर गुजरने के जज्बात से ही संभव….✍

dream-of-bhagat-singh,rajguमहज 23 वर्ष के अदम्य साहसी युवा देश के आजादी का सपना अपने आँखों में संजोये हुए अपनी जान देने से भी पीछे नहीं हटे। अगर चाहते तो अंग्रेजो से माफी मांग कर जिंदा रह सकते थे। वह चाहते तो सिर्फ अपनी भलाई के बारे में भी सोच सकते थे। अपनी जिंदगी के बारे में सोच सकते थे। लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया और यही वजह है कि शहीद भगत सिंह देश के युवाओं के लिए आज भी प्रेरणा के धरोहर हैं।लेकिन अफसोस इस बात का है कि जिस आजाद भारत का सपना उन्होंने अपने आखिरी वक्त में देखा था वैसा भारत आज भी हमारे लिए एक सपना ही है।

आजकल भारत के युवाओं में एक सक्रमण रोग जैसे गंभीर बीमारी काफी तेजी से फल-फूल रहा है। वो है ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ इस मुहीम में देश के पढ़े लिखे युवा वर्ग भारी संख्या में देश द्रोह के नारा लगा रहें हैं। और अभिव्यक्ति की आजादी माँग रहे हैं। ताकि देश विरोधी नारे लगा सके और देश की सुरक्षा में तैनात सर पर कफन बांधे हुए सरहद पर २४ घंटा तैनात भारतीय सैनिकों पर पत्थर फेंकने वालों का मनोबल ऊँचा कर सकें। क्या आज देश निर्माण के सकारात्मक मुद्दों की कमीं हो गयी है। उदारहण स्वरूप: गरीबी से आजादी, बेरोजगारी से आजादी, जाति-धर्म और सम्प्रदाय के नाम पर तुष्टिकरण की राजनीती से आजादी, वंशवाद राजनीति से आजादी, भ्रष्टाचार से आजादी, कुशासन से आजादी एवं अनगिनत समाज में फैले कुरीतियों से आजादी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दा जिससे राष्ट्रनिर्माण एवं देश को समृद्ध बनाया जा सकता है।ऐसे गंभीर मुद्दें उन युवाओं को नजर क्यों नहीं आ रहे हैं। ऐसी विकट परिस्थिति में यह सवाल उठना लाजमी है कि आज देश के युवा वर्ग;गुलामी के जंजीर से जब देश जकड़ा हुआ था उसेआजाद कराने के लिए अपनी जान मुस्कुराते-मुस्कराते कुर्बान करने वाले इन महानायकों से प्रेरित नहीं होकर, इनके प्रेरणा का स्रोत कौन है? जिससे प्रेरित होकर देश द्रोह का नारा लगा रहें है। इस गंभीर विषय पर युवाओं को आत्मचिंतन करना चाहिए।

आज का युवा देश की तरक्की में नहीं बल्कि महंगे-महंगे गैजेट्स के इस्तेमाल में व्यस्त है। भारत के 75 फीसदी युवा गैजेट्स को अपनी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा मानते हैं। और अधिकतर युवा गैजेट्स की वर्चुअल दुनिया में खोए रहते हैं। उनमें देश के लिए कुछ बड़ा करने की कोई इच्छा नहीं है, कोई जज़्बात और जूनून नहीं। इसी सोच की वजह से आज के युवा हमारे समाज से और देश से कटे हुए हैं। आज के युवा अधिकतर नशे में डूब चुके हैं। दोस्तों के साथ पार्टी करना चाहते हैं। कम से कम मेहनत करके ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं। और हमेशा शॉर्टकट्स की तलाश में रहते है। आज का युवा जिम जाकर अपनी बॉडी बनाना अपना पुरुषार्थ समझता है। लेकिन जब किसी लड़की से छेड़छाड़ की घटना होती है तो सामने खड़े होकर तमाशा देखता रहता है। आज का युवा राष्ट्रीय भावना से प्रेरित होकर, जाति-सम्प्रदाय के संकीर्ण विचारों से आजाद नहीं हो जाता। तब तक भारत को शहीद भगत सिंह के सपनों का भारत नहीं कहा जा सकता।

आज की सामाजिक व्यवस्था काफी दूषित एवं भ्रष्ट हो गई है। लेकिन, लोग उसी व्यवस्था में शामिल होकर जीने को अपना किस्मत मान बैठे हैं। और बदलाव एवं परिवर्तन के विचार से ही अपना कदम पीछे करने लगते हैं यह कहकर  कि हमें क्या है? जिसको परेशानी है वह अपना समझ लेगा। आज जरूरत है इसी भीरुता और निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना में मोड़ देने की और यह तभी संभव है जब चरित्रवान, ईमानदार और राष्ट्रीय भावना से प्रेरित लोग एक प्लेटफार्म पर आकर सकारात्मक पहल जब-तक नहीं करते।

क्योकि… आज देश के सामने कई गंभीर चुनौतियाँ एवं समस्यायें बरकरार है,जैसे: गरीबी और बेरोजगारी, आर्थिक और सामाजिक विषमता, भ्रष्टाचार और प्रशासकीय अकुशलता, कार्य-संस्कृति का अभाव, शिक्षा का लगातार गिरता स्तर आदि प्रमुख रूप से हमसब के सामने है। इन सभी मुद्दों के समाधान की दृष्टि से देखे तो अबतक सामान्यतः नाकामयाबी और निराशा ही नजर आयेगी।इसके पीछे एक जो बड़ा कारण है वह-दूर-द्रष्टा, स्वप्न-द्रष्टा, योग्य-दक्ष, ईमानदार, नैतिक-चरित्र एवं राष्ट्रप्रेमी कुशल नेतृत्वकर्ताओं का अभाव। आज समाज राज्य और देश में जो राजनीतिक नेतृत्व प्रदान करने वाले हैं, उनमें से अधिकतर अपराधी-प्रवृति, आर्थिक-भ्रष्टाचारी, चरित्रहीन, बाहुबली, अकुशल, अनपढ़, क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय मुद्दों की समझदारी का अभाव जैसे अन्य और अपर्याप्त गुणों से लैस होकर आज संपूर्ण व्यवस्था पर हावी हो गए हैं। ऐसे नेतृत्वकर्ताओं का प्रमुख एजेंडा जाति धर्म  के नाम पर हिंसा और तनाव फैलाना, आरक्षण के नाम पर सामाजिक व आपसी संबंद्धो को तोड़कर सड़क पर लाना, वंशवाद के वर्चस्व कायम रखने के लिए योग्य व्यकि को रास्ते से अलग कर देना, पद पर बने रहने के लिए चापलूसी करने जैसे प्रमुख गुणों से युक्त होकर समाज और देश को तोड़ने एवं एकता और अखंडता को नष्ट करने का काम कर रहे हैं।

समय आ गया है…युवा देश भारत के युवाओं कोदृढ इच्छाशक्ति के साथ संकल्प लेकर, अपने दिल में राष्ट्रके प्रति निष्ठा, ईमानदारी, दक्षता एवं योग्यता के साथ भारत को समृद्ध बनाने का सपना,तभी शहीद भगत सिंह,राजगुरु एवं सुखदेव नेजिस आजाद भारत का सपना देखा था।वह पूरा हो सकेगा और इनवीर सपूतमहानायकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

__________

Kamlesh-Kumar-Guptaपरिचय – :

कमलेश कुमार गुप्ता

सामाजिक व राजनीतिक चिन्तक

संपर्क – :
हरमू हाउसिंग क्लोनी, राँची-834002 ,  झारखण्ड (भारत)

E: kamleshg09@gmail.com ,  M. +91-7677184040

_______________

Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely his own and do not necessarily reflect the views of INVC NEWS.

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here