संजीव कुमार बर्मन की पांच कविताएँ
Updated on 20 Nov, 2015 12:00 AM IST BY INVC Team
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कविताएँ
1. एक ही पल में वो रूठ जाते हैं
एक ही पल में वो रूठ जाते हैं
हमें घंटो उन को मनाने में लग जाते हैं
वो रूठने की वज़ह नही बताते
सीधे कोप भवन में चले जाते हैं
हम खोजी पत्रकार बन जाते हैं
वज़ह तलाश्ने की नाकाम कोशिश करते हैं
मद्द को बच्चो की पास जाते हैं
पर बैरंग लिफाफे की तरह लौटा दिए जाते हैं
वक्त की ग़मभीरता को भाप जाते हैं
और तुरंत एक साडी ले आते हैं
फिर हम भी कोप भवन में जाते हैं
साड़ी उन के हाथ में थमाते हैं
वो रोना, रूठ्ना सब भूल जाते हैं
ओर रूठने के वज़ह अंत तक नही बताते हैं
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2. जिस जगह से तुम रूठ कर गए थे
जिस जगह से तुम रूठ कर गए थे
हमारे पैर रोज़ खुद-ब-खुद उसी जगह हमें ले जाते हैं
यक़ीनन तुम एक बार तो उसी जगह आओगे
ये देखने को, किस हाल में हम जिंदा हैं
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3. मैं लिखने बैठा जिंदगी की बही
क्या खोया - क्या पाया, क्या ग़लत - क्या सही
मैं लिखने बैठा जिंदगी की बही
कुछ खोया, कुछ पाया
पर कभी किसी का दिल न दुखाया
कभी लाभ, कभी हानि
कभी दिमाग़ की तो कभी दिल की मानी
बहुत से आँसू भी पिए
पर हर पल से खुशी-खुशी जिए
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4. जब यादों की पोटली खुलती है
जब यादों की पोटली खुलती है
पुरानी सारी तस्वीरे पुन: जीवित हो जाती हैं
उन की शोखियां-शरारते, आँखो के सामने आ जाती हैं
हवा और फ़िज़ा में उमंग छा जाती हैं
अपनी की हुई ग़लतियों पर कभी रन्ज होता है
तो कभी हँसी आती हैं
जब यादें पर्त-दर-पर्त खुलती हैं
तो जीवन् में रोमांच और उर्जा भर देती है
यादो को संभाल कर रखिए
आज की जिंदगीं में रंग भरिए
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5. तन्हाई का गम अब सहा जाता नही
तन्हाई का गम अब सहा जाता नही
दिन तो कट जाता है, राते कटती नही
तुम्हें सपनो में दिखने से दिल भरता नही
तेरी तस्वीर को देखने से भी दिल बहलता नही
खुद आ कर अपना दीदार करा दो
आँखो को ठंडक, दिल को थोड़ा सुकुन दिला दो
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परिचय – :
संजीव कुमार बर्मन
हिन्दी कवि, गीतकार
प्रकाशित कृतियां – :
प्रथम काव्य संग्रह ‘सफर में फूल चुने मैंने’ अनुराधा प्रकाशन, दिल्ली से २०१४ में प्रकाशित हो चुका है , सांझा काव्य संग्रह ‘काव्य सुगंध’ अनुराधा प्रकाशन, दिल्ली से २०१५ में प्रकाशित हो चुका है
पत्र पत्रिकाएं – :
राम लाल आनंद कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय की पत्रिकाएं , समाचार पत्र दैनिक प्रभात , उत्कर्ष मेल – हिन्दी पत्र पाक्षिक, अनुराधा प्रकाशन, दिल्ली में प्रकाशित , श्री खाटू श्याम शरणम हिन्दी पत्रिका मासिक, अनुराधा प्रकाशन, दिल्ली में प्रकाशित l
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