आई एन वी सी ,
भोपाल,
८० फीट रोड, अशोका गार्डन स्थित वर्धमान ग्रीनपार्क कालोनी में कभी भी साईंबाबा नगर जैसा टंकी हादसा हो सकता है। दरसअल, कालोनाइजर व भूमाफिया पुनीत गोधा ने यहां करीब ६२ फीट ऊंची टंकी का निर्माण सारे नियम को ताक पर रख कर किया है। वहीं अधिकारियों ने भी निमयविरुद्ध होने वाले निर्माण को वैधानिक होने की अनुमति दी।
नियमानुसार किसी भी टंकी की ऊंची के डेढ़ गुना परिधि में किसी प्रकार की रहवासी या व्यवसायीक भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी जाती है। 62 फीट ऊंची इस टंकी के हिसाब से मकानों की दूरी १५५ फीट होनी चाहिए, जबकि यह दूरी महज ३२ फीट है। दूसरी तरफ टंकी से ३२ फीट की दूसरी पर एच-सीरीज के एमआईजी मकान निर्मित हैं। यह टंकी के दायीं ओर बने हैं। वहीं टंकी से पानी चू रहा है। लगातार बूंद-बूंद गिर रहे इस पानी से टंकी ढहने का भी खतरा बढ़ गया है। कुछ कालोनीवासियों का कहना है कि टंकी के निर्माण में भी पुनीत गोधा ने लापरवाही बरती। यही कारण है कि टंकी से पानी छह साल में ही टपकने लगा।
-यह मकान परिधि में
टंकी से दायीं तरफ एमआईजी, एच- सीरीज के 46 मकान बने हुए हैं। इसमें सीधे तौर पर एच-9 से एच-10 तक मकान जद में आ रहे हैं। टंकी से महज १० फीट सड़क भर की दूसरी पर जी-सीरीज के मकान खड़े हैं। जी-12 प्रताप सिंह ठाकुर और जी-13 सुनील गुप्ता का है। यदि टंकी ढही तो यह दोनों मकान सबसे पहले दबिश में आएंगे। इसी प्रकार एच-9 कमलेश शुक्ला, एच-10 नरेन्द्र सेन, एच-11 विजय रजक, एच-12 जगदीश अरोड़े के मकान प्रभावित होंगे।
-यह है नियम
आवास एवं पर्यावरण विभाग के भूमि विकास नियम धारा 49 एवं पीएचई के नियमानुसार ओवरहेड टैंक की कुल ऊंचाई के दो से ढाई गुना दूरी तक निर्माण कार्य को मंजूरी नहीं दी जा सकती। ६ दिसंबर, २०१२ को विधानसभा में नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने भी यह बात कही थी। उस वक्त वह आरिफ अकिल के प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। इस हिसाब से ६२ ऊंचाई की टंकी से निर्माण कार्य ढाई गुना अर्थात १५५ फीट से बाहर (47.25 मीटर) होना चाहिए।
वर्जन
हम इस टंकी का निरीक्षण अपनी एक्सपर्ट टीम से करा लेते हैं। टंकी का निर्माण नियम विरुद्ध अथाव निर्माण कार्य की गई गड़बड़ी मिलती है तो नोटिस जारी किया जाएगा। सबसे पहले कालोनीवासियों का हित देखेंगे।
सुनील श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता (प्रो)