डॉ डीपी शर्मा की छलांग: चंबल घाटी से गूगल की अंतरराष्ट्रीय सूची के साथ राजस्थान के लिविंग लेजेंड की सूची में शामिल होने पर अमरीकी सेलेब्स-एज-विकी ने भी शामिल किया

0
37
गूगल की लिविंग लेजेंड 2022 डॉ डीपी शर्मा
गूगल की लिविंग लेजेंड 2022 डॉ डीपी शर्मा

डॉ डीपी शर्मा की छलांग: चंबल घाटी से गूगल की अंतरराष्ट्रीय सूची के साथ राजस्थान के लिविंग लेजेंड की सूची में शामिल होने पर अमरीकी सेलेब्स-एज-विकी ने भी शामिल किया

आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली ,

“परिस्थितियों ने मेरे शरीर को बार बार तोड़ा मगर मेरे हौसले आज भी रॉकिंग हैं”, यह कहना है धौलपुर के उस लिविंग लेजेंड का जिसने किस्मत की विपरीत हवाओं और जिंदगी के तूफानों में भी अपनी हिम्मत और हौसलों के चिराग को कभी बुझने नहीं दिया। अब उन्हें राजस्थान के टॉप लिविंग लेजेंड की सूची में भी शामिल किया गया है। इसके साथ-साथ गूगल की अंतरराष्ट्रीय लिस्ट में प्रख्यात राजस्थानी के रूप मे शामिल किए जाने के साथ ही उन्हें अमेरिकी सेलेब्स-एज-विकी द्वारा सेलिब्रिटी भी घोषित किया गया है।

An Untold Story about the Struggle and Determination of Dr. DP Sharma

 

राजस्थान के धौलपुर जिले की राजाखेड़ा तहसील में स्थित चंबल की घाटियों के बीच बसे अति पिछड़े गांव समौना के डॉ डीपी शर्मा गंभीर विकलांगता एवं शारीरिक बाधाओं को पार कर एक बार पुनः गूगल द्वारा राजस्थान के 51 लेजेंड यानी प्रख्यात लोगों की 2022-23 की सूची में लगातार पांचवीं बार शामिल किये गए हैं। यह खबर न केवल उनके चाहने वालों के लिए खुशी देने वाली है वल्कि उनके जन्म स्थान समौना, जिला धौलपुर एवं राजस्थान के लिए गौरव का अहसास कराने वाली है। इस सूची में ओलंपिक विजेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, इंग्लैंड के स्टील किंग लक्ष्मी नारायण मित्तल, विख्यात गजल गायक जगजीत सिंह, पूर्व उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, महाराजा जयपुर भवानी सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं अन्य प्रतिष्ठित लोगों को भी शामिल किया गया है।

Know a lot about Google’s Living Legend 2022 Dr. DP Sharma

 

ज्ञात रहे कि डॉ डीपी शर्मा अंतरराष्ट्रीय डिजिटल डिप्लोमेट, कंप्यूटर वैज्ञानिक होने के साथ-साथ आईएलओ (यूएन) से जुड़े आईटी के अंतरराष्ट्रीय परामर्शक भी हैं। सन 2017 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें एक स्वच्छ भारत मिशन के राष्ट्रीय एम्बेसडर के रूप में मनोनीत कर भारत में सेवाएं देने के लिए नामित किया था। डॉ डीपी शर्मा द्वारा चलाए गए कैंपेन से स्वच्छ भारत मिशन के तहत अनेकों स्वच्छता संबंधी सुधार जमीनी हकीकत के रूप में दृष्टिगत हैं।

डॉ शर्मा का नाम देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष के साथ लिविंग लीजेंड के रूप में शामिल होना अपने आप में एक अनुकरणीय संघर्ष और गौरव का उदाहरण है। इस अंतरराष्ट्रीय सूची में प्रथम स्थान पर आना इस बात की ओर इंगित करता है कि वे जीवन के संघर्षपूर्ण सफरनामे में शारीरिक चुनौतियों को भी चुनौतियां देते हुए दुनिया के पटल पर अपना नाम अंकित करवाने में सफल हुए हैं।

 

Dr. Sharma is honoured by Bhamashah Award for support to Education

 

बाएं हाथ और दाएं पैर की 50 फ़ीसदी से अधिक विकलांगता के बावजूद डॉ शर्मा ने कठिन संघर्ष करते हुए अपनी स्कूली शिक्षा जब प्रतिदिन 18 किलोमीटर पैदल चलकर पूरी की, तब किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि उनका असली रास्ता और मुकाम कहां तक जाएगा। आज वे कंप्यूटर की 22 पुस्तकों के लेखक, भारत, अमेरिका, बेल्जियम, फ्रांस, इथ्योपिया एवम जर्मनी के विश्वविद्यालयों में एक्सटर्नल फंडेड पीएचडी रिसर्च एडवाइजर एवं 54 अवार्ड (सरदार पटेल लाइफ टाइम अचीवमेंट इंटरनेशनल अवॉर्ड एवं शांति दूत अंतरराष्ट्रीय अवार्ड) से भी सम्मानित किए जा चुके हैं। अभी हाल में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्था ” इंस्टिट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स ” ने भी उन्हें कंप्यूटेशनल लिंग्विस्टिक्स के लिए अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है।

ईमानदारी, पुनर्वास एवं शिक्षा के क्षेत्र में किया गए अति विशिष्ट कार्यों के लिए सन 2001 में भी उन्हें गॉडफ्रे फिलिप्स (रेड एंड व्हाइट) नेशनल ब्रेवरी अवार्ड से भी सम्मानित किया चुका है। ज्ञात रहे कि उन्होंने सन 2005 में जॉब सर्च इंजन को विकसित किया था जिसकी थीम को आज भारत सरकार की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की वेबसाइट में दिव्यांग जनों के लिए जॉब सर्च हेतु इंटीग्रेट किया गया है और उससे पूर्व इस इनोवेशन को आईकॉनिक आविष्कार के रूप में सन 2008 में पीसीक्वेस्ट एसएमबी नामक अंतरराष्ट्रीय मैगजीन में कवर पेज स्टोरी के रूप में भी शामिल किया गया था।

वे दिव्यांगजनों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय हाईटेक विश्वविद्यालय की स्थापना पर भी कार्य कर रहे हैं। ज्ञात रहे कि डॉ शर्मा अब तक 150 अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च पेपर प्रकाशित कर 4 आविष्कारों पर पेटेंट प्राप्त कर चुके हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here