आज बैंक ऑफ इंडिया की मेज़बानी में वित्त मंत्रालय ,वित्तीय सेवाएँ विभाग,भारत सरकार के मार्गदर्शन में विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी के वैश्विक चिंतन पर अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया ।कार्यक्रम का उदघाटन माननीय राजन कुमार,आर्थिक सलाहकार वित्त मंत्रालय के कर-कमलों से सम्पन्न हुआ। उदघाटन सत्र में वित्त मंत्रालय ,वित्तीय सेवाएँ विभाग के संयुक्त निदेशक श्री वेद प्रकाश दूबे जी एवं बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक श्री राधानाथ कर, अंचल प्रमुख श्री मृत्युंजय कुमार गुप्ता जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे । सम्मेलन में स्वागत भाषण श्री मृत्युंजय कुमार गुप्ता द्वारा दिया गया । इस अवसर पर हिन्दी की 5 कृतियों का विमोचन हुआ । इन कृतियों में डा. जयंती प्रसाद नौटियाल ,उप महाप्रबंधक,कार्पोरेशन बैंक शोध रिपोर्ट 2015 तथा अवध स्टार एवं मैकाले के हिन्दी थोपने संबंधी विचारों पर पठनीय सामग्री के निबंधों का हस्तलिखित संग्रह सम्मिलित था।विमोचन का मुख्य आकर्षण वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आदेशों का संग्रह रहा।
इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में श्री राजन कुमार ने सरल हिन्दी के उपयोग पर बल दिया व बैंकिंग के सामान्य काम काज में भी हिन्दी के अधिकतम उपयोग करने का सुझाव दिया।अपने सम्बोधन में बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक श्री राधानाथ कर ने अपने वैश्विक अनुभवों के आधार पर हिन्दी के वैश्विक परिदृश्य पर सारगर्भित भाषण दिया ।
इस सम्मेलन के मुख्य सम्बोधन के अवसर पर वित्त मंत्रालय ,वित्तीय सेवाएँ विभाग के संयुक्त निदेशक श्री वेद प्रकाश दूबे ने अपने ओजस्वी वक्तव्य में विश्व में हिन्दी के प्रथम स्थान पर शोध का उल्लेख करते हुये कहा कि यह विश्व स्तरीय शोध हिन्दी की लोकप्रियता का प्रमाण है। उन्होंने सहभागियों से यह संकल्प भी लेने का आग्रह किया कि समस्त भारतीय भाषाओं का विकास होना चाहिए।प्रत्येक बैंक अपने अपने बैंक में क्षेत्रीय भाषाओं का शिक्षण प्रारम्भ करें ।
इस सम्मेलन में निम्नलिखित विषयों पर गंभीर चिंतन हुआ :
- वैश्विक परिदृश्य में हिन्दी की स्थिति
- हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं की कार्य व्यवहार में उपयोगिता एवं राजभाषा शब्दावली में उनकी उपयोगिता पर विचार प्रस्तुति व चर्चा
- आर्थिक व समाजोन्मुख बैंकिंग गतिविधियों जैसे वित्तीय समावेशन,वित्तीय साक्षरता,ग्राहक सेवा,महिला सशक्तीकरण,जन धन योजना,जागरूकता शिविर आदि में राजभाषा का उपयोग- प्रस्तुति व चर्चा
- संसदीय राजभाषा समिति द्वारा दिये गए अनुदेशों का अनुपालन
प्रबुद्ध वक्ताओं ने इस अवसर पर इन विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए ।
इस प्रकार सार्थक चर्चा और मस्तिष्क-मंथन के उपरांत यह सम्मेलन सम्पन्न हुआ। उप आंचलिक प्रबन्धक श्री सुनील कुमार वोहरा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन व्यक्त किया गया।