सांप्रदायिक सौहाद्र्र बनाम अंतर्जातीय विवाह

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thakre{ तनवीर जाफ़री } संप्रदाय के नाम पर समाज के ध्रुवीकरण का खेल खेलने में लगी दक्षिणपंथी शक्तियों द्वारा देश में ‘लव जेहाद’ नामक एक फुज़ूल का शिगूफा छोड़ा जा रहा है। वैसे तो इस बेबुनियाद शिगूफे की योजना नफरत फैलाने के विशेषज्ञों द्वारा कई वर्ष पहले ही तैयार कर दी गई थी। परंतु केंद्र में सत्ता में आने के बाद इन शक्तियों के हौसले काफी बुलंद हो गए हैं। और अब यह ताकतें अपने एजेंडे को गुपचुप तरीके से लागू करने के बजाए उनपर सरेआम अमल करते देखी जा रही हैं। किसी भी घटना के तथ्यों को जांचे-परखे बिना सीधे त्रौर पर एक्शन लेने का ढर्रा अपनाया जा रहा है। लव जेहाद नामक बेसिर-पैर के शब्द को गढ़ कर एक समुदाय के लोगों के दिलों में दूसरे समुदाय के लोगों के प्रति नफरत बिठाने की भरपूर कोशिश की जा रही है। समाज को धर्म के नाम पर बांटने के इस मिशन में सांप्रदायिक शक्तियों द्वारा झूठ-फरेब और मक्कारी का भी सहारा लिया जा रहा है। बड़े आश्चर्य का विषय है कि जहां हमारे देश का संविधान तथा कानून अंतर्धार्मिक व अंतर्जातिय विवाह की न केवल अनुमति प्रदान करता है बल्कि ऐसे विवाहों को प्रोत्साहित करने हेतु पुरस्कार स्वरूप धनराशी भी देता है। वहीं उसी देश में कुछ ताकतें ऐसी भी हैं जो अपनी पूर्वाग्रही व कट्टरपंथी सोच के चलते ऐसे रिश्तों को परवान नहीं चढऩे देना चाहतीं। और अपने इसी मकसद को पूरा करने के लिए यह शक्तियां हिंसा,झूठ तथा समुदाय विशेष के प्रति नफरत पैदा करने के लिए तरह-तरह के झूठे कहानी-िकस्से गढऩे का काम कर रही हैं।

भारतवर्ष में अंतधार्मिक या अंतर्जातिय विवाह का चलन कोई नई बात नहीं है। सम्राट अकबर से लेकर इंदिरा गांधी तक,किशोर कुमार व सुनील दत्त से लेकर ऋतिक रोशन,सचिन पायलेट तक, नवाब मंसूर अली खां पटौदी से लेकर शाहरुख खान तथा सैफ अली खान तक देश में हज़ारों ऐसे उदाहरण देखे जा सकते हैं जहां हिंदू व मुसिलम समुदाय के लोग परस्पर विवाह के बंधन में बंधे हैं। रामविलास पासवान जैसे भी कई उदाहरण हैं जो विवाह बंधन के द्वारा ऊंच-नीच का भेदभाव खत्म करते Rhithikदिखाई देते हैं। और तो और इस समय जिस भारतीय जनता पार्टी व उसके सहयोगी संगठनों द्वारा समाज में लव जेहाद के नाम पर नफरत फैलाने की मुहिम चलाई जा रही है उसी पार्टी में मुख्तार अब्बास नकवी व शाहनवाज़ हुसैन जैसे नेताओं द्वारा स्वयं अंतधार्मिक विवाह किया गया है। भारतीय जनता पार्टी के ही एक बड़बोले नेता तथा भारतीय मुसलमानों को मताधिकार से वंचित किए जाने का हौसला रखने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने स्वयं अपनी पुत्री का विवाह मुस्लिम परिवार में किया है। मुसलमानों के प्रति अक्सर ज़हरीली भाषा का इस्तेमाल करने वाले मुंबई के ठाकरे परिवार की एक बेटी अभी दो वर्ष पूर्व ही गुजरात के एक मुस्लिम डॉक्टर के साथ ब्याही गई है। इस देश में ऐसी लाखों मिसालें हैं जिन्हें देखकर हम इस निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं कि प्यार और मोहब्बत, धर्म व जाति जैसी संकुचित सीमाओं से कहीं ऊपर हैं। और यही वजह है कि कोई भी धर्म अथवा किसी भी देश का कानून धर्म व संप्रदाय तथा जाति के आधार पर एक-दूसरे से विवाह न करने जैसा तालिबानी निर्देश कहीं नहीं देता। हां धर्म के स्वयंभू ठेकेदारों,नफरत के सौदागरों द्वारा धार्मिक उन्माद फैलाकर वर्ग विशेष के मतों को अपने पक्ष में करने के लिए लव जेहाद जैसे शब्द गढ़ इसका हौव्वा ज़रूर खड़ा किया जा रहा है।

नफरत फैलाने के इस मिशन के अंतर्गत नफरत के सौदागरों द्वारा मोबाईल फोन पर एक एसएमएस भेजा जा रहा है। इस एसएमएस में यह बताने की कोशिश की जा रही है कि मुस्लिम धर्म के लोग विदेशी ताकतों के इशारे पर योजनाबद्ध तरीके से हिंदू लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फंसा कर अपनी जनसंख्या बढ़ाने का काम कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि मुसलमान चार शादियां करते हैं और प्रत्येक पत्नी से कम से कम पांच बच्चे पैदा करते हैं। इस प्रकार इनकी जनसंख्या इतनी तेज़ी से बढ़ रही है कि आने वाले समय में भारतवर्ष में मुसलमान बहुसंख्या में हो जाएंगे।लिहाज़ा मुस्लिम युवकों द्वारा चलाए जा रहे लव जेहाद से बचें। यह ऑडियो एसएमएससुनने में प्रथम दृष्टया निश्चित रूप से ऐसा लगता है गोया भारत के हिंदू समाज के साथ मुसलमानों द्वारा एक बड़ी साजि़श रची जा रही है। परंतु दरअसल भय व नफरत फैलाने वाले इस चेतावनी संदेश का ज़मीनी हकीकत से कोई वास्ता नहीं। यदि सरकार चाहे तो एक व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के द्वारा इस बात का पता लगा सकती है कि मुस्लिम धार्मिक कानून मुस्लिम मर्द को बहुविवाह की इजाज़त देता है इसके बावजूद देश में कितने मुसलमान ऐसे हैं जिनके 534 के हिसाब से 20 बच्चे हैं?और इस सर्वेक्षण के साथ-साथ एक सर्वेेक्षण इस विषय पर भी किया जाना चाहिए कि बच्चों की लंबी फौज पैदा करने का संबंध धर्म अथवा धार्मिक शिक्षा से हैं या गरीबी तथा जहालत से? इस प्रकार का सर्वेक्षण होने के बाद स्वयं यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि मुसलमान वास्तव में दर्जनों बच्चे पैदा करते हैं या जाहिल व अनपढ़ हिंदू अथवा मुसलमान दोनों ही बच्चों की फ़ौज तैयार करते हैं? कुछ दशक पूर्व तक तो समाज का पढ़ा-लिखा तबका भी बच्चों की ‘क्रिकेट टीम बनाने से नहीं हिचकिचाता था। क्योंकि उस समय मंहगाई व शिक्षा की हालत ऐसी नहीं थी जो हमें आज दिखाई दे रही है।

परंतु इन वास्तविकताओं को जानने व समझने के बावजूद सांप्रदायिक ताकतें छोटी-छोटी घटनाओं को हिंसा व सांप्रदायिकता का रंग देने से बाज़ नहीं आ रही हैं। इस प्रकार की घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देकर उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फऱनगर जैसे पारंपरिक रूप से शांतिपूर्ण रहने वाले तथा सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश करने वाले क्षेत्र को वैमनस्य की आग में झोंक दिया गया। और पिछले लोकसभा चुनावों में इसी सांप्रदायिक तनाव का लाभ उठाकर चुनाव में भारी सफलता हासिल कीsaif गई। पिछले दिनों झारखंड की राजधानी रांची में तारा शाहदेव नामक एक खिलाड़ी द्वारा पुलिस को लिखाई गई एक रिपोर्ट मात्र पर सीधी कार्रवाई करते हुए झारखंड राज्य में भी सांप्रदायिक तनाव फैलाने की पूरी कोशिश की गई। सडक़ों पर तोड़-फोड़ ,हिंसा व उत्पात मचाया गया। जबकि इस मामले में चल रही तफ्तीश िफलहाल तारा शाहदेव के उन आरोपों से मेल नहीं खा रही है जिसमें कि उसने यह शिकायत कराई थी कि रकीबुल हसन नामक एक मुस्लिम व्यक्ति ने अपना नाम रंजीत कोहली बताकर उससे धोखे से शादी की है। रंजीत कोहली का कहना हैकि वह एक सिख पिता की संतान है तथा स्वयं भी सिख है और उसका वास्तविक नाम भी रंजीत कोहली ही है। परंतु सांप्रदायिकता के शोले भडक़ाने वाले पेशेवर लोगों ने रंजीत कोहली की कोर्ट में पेश की जाने वाली पूरी दलील को सुनना ही गवारा नहीं किया। और रांची सहित पूरे राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को तहस-नहस करने की राह पर चलना शुरु कर दिया।

इन्हीं सांप्रदायिक शक्तियों द्वारा केरल की कई घटनाओं का हवाला देते हुए तरह-तरह के दुष्प्रचार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि मिशन लव जेहाद के द्वारा केरल में हज़ारों लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है। जबकि केरल में ही सीआईडी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लव जेहाद नाम का न तो कोई मिशन है न ही इस प्रकार की योजना किसी धर्म विशेष द्वारा चलाई जा रही है। दुष्प्रचार करने वाली शक्तियों द्वारा केरल के हवाले से ही यह बताया जा रहा था कि राज्य में तीन हज़ार से अधिक लड़कियों का मुस्लिम लव जेहादियों द्वारा धर्म परिवर्तन कराया गया। और यह सभी लडकियां अपने-अपने घरों से लापता हो चुकी हैं। परंतु जब इस अफवाह की पड़ताल की गई तो पता चला कि अपने घरों से लापता होने वाली इन लड़कियों की संख्या तीन हज़ार नहीं बल्कि तीन सौ से भी कम है। और इनमें से भी कम से कम 250 लड़कियां अपने प्रेम प्रसंग के चलते हिंदू युवकों के साथ ही अपने घरों से भागी हैं। परंतु दहशत व नफरत का वातावरण पैदा करने के लिए बिना तथ्यों की गहराई में गए हुए सीधा इल्ज़ाम मुस्लिम युवकों पर सिर्फ इसलिए मढ़ दिया गया ताकि समाज में सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण किया जा सके जिसका लाभ सत्ता के सौदागरों को चुनाव में मिल सके।

निश्चित रूप से देश इस समय बहुत नाज़ुक दौर से गुज़र रहा है। पिछले दरवाज़े से सांप्रदायिकता का अपना मिशन चलाने वाली ताकतें अब सत्ता पर काबिज़ होते ही अपने एजेंडे के साथ मैदान में खुलकर आ चुकी हैं। मुज़फ्फरनगर दंगों के आरोपी संजय बलियान को मोदी सरकार में मंत्री बनाकर उनकी कारगुज़ारियों के लिए पुरस्कृत किया गया है तो दूसरे आरोपी संगीत सोम को ज़ेड सुरक्षा दी गई है। इसी प्रकार योगी आदित्यनाथ जोकि शुद्ध रूप से सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने की ही राजनीति करते हैं उनका पिछले दिनों जिस दिन यह विवादित वीडियो सामने आया जिसमें वह यह कहते सुने व देखे जा रहे हैं कि यदि किसी एक हिदू लडक़ी का धर्म परिवर्तन होगा तो हम सौ मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराएंगे,इस वीडियों के प्रचारित होने के साथ ही उन्हें उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों में भाजपा की ओर से चुनाव प्रचार का प्रभारी बनाकर समाज में सीधा संदेश दिया गया है। परंतु ऐसे सभी प्रयास बहुमत व सत्ता प्राप्त करने के लिए तो लाभकारी साबित हो सकते हैं परंतु देश में सांप्रदायिक सौहाद्र्र बनाए रखने में अंतर्जातिय व अंतर्धार्मिक विवाह की प्रासंगिकता से इंकार नहीं किया जा सकता।
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Tanveer Jafri **Tanveer Jafri

columnist and AuthorAuthor Tanveer Jafri, Former Member of Haryana Sahitya Academy (Shasi Parishad),is a writer & columnist based in Haryana, India.He is related with hundreds of most popular daily news papers, magazines & portals in India and abroad. Jafri, Almost writes in the field of communal harmony, world peace, anti communalism, anti terrorism, national integration, national & international politics etc. He is a devoted social activist for world peace, unity, integrity & global brotherhood. Thousands articles of the author have been published in different newspapers, websites & news-portals throughout the world. He is also a recipient of so many awards in the field of Communal Harmony & other social activities.Contact Email :tanveerjafriamb@gmail.com1622/11, Mahavir Nagar AmbalaCity. 134002 Haryanaphones 098962-19228 0171-2535628

 

*Disclaimer: The views expressed by the author in this feature are entirely his own and do not necessarily reflect the views of INVC. 

 

 

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