आई एन वी सी,
पटना ,
लालू और नितीश की जुगल बंदी ने बिहार में जीतनराम मांझी सरकार ने अपना बहुतमत साबित कर दिया , भाजपा विधायकों के बहिष्कार और हंगामे के बीच बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी पेश किए गए विश्वास मत प्रस्ताव के पक्ष में सभी राजग और सदयू विधायको के साथ साथ इनके समर्थको ने सरकार के पक्ष में मतदान किया जिससे मांझी को विश्वास मत हासिल करने में कोई परेशानी नहीं हुई।
बिहार राज्य विधानसभा में, किल सदस्यों की संख्या 237 है, मांझी सरकार 145 विधायकों का समर्थन जुटाने में कामयाब रही। जेडीयू के 117 विधायकों के अलावा, आरजेडी के 12, कांग्रेस के चार, सीपीआई के एक और दो निर्दलीय विधायकों ने विश्वास मत के पक्ष में मतदान किया जबकि भाजपा के 88 सदस्यों ने वाकआउट किया !
68 वर्षीय जीतन राम मांझी 20 मई को बिहार के मुख्यमंत्री बनाए गए थे, जब हाल के आम चुनाव में जेडीयू के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद त्याग दिया था नितीश कुमार ने अपनी जगह इस कुर्सी के लिए मांझी के नाम का सुझाव दिया. मांझी नीतीश मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति-जनजाति मामलों के मंत्री थे पर फिर भी जदयू की सरकार नहीं बनती अगर लालू प्रसाद यादव जीतन राम मांझी को बहार से सम्रथन नहीं करते !