23 तक बच गई कुर्सी

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bhopalहेमंत पटेल ,
आई एन वी सी ,
भोपाल,
-जिपं अध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास का मामला
-जिपं अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ सदस्य लाए हैं प्रस्ताव

जिला पंचायत अध्यक्ष मीना हिम्मत सिंह गोयल कुर्सी 23 मई तक बच गई है। दरअसल, शनिवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रदेश संगठन महामंत्री अरविंद मेनन ने अध्यक्ष-उपाध्यक्ष सहित अन्य सदस्यों को बुलाया था। उनके परिवार में गमी होने के चलते बैठक २२ तक टाल दी है।
अब २३ मई को बैठक होगी। इससे पहले शुक्रवार को जिला पंचायत सदस्यों को उन्होंने बुलाया था, लेकिन भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन के अल्प प्रवास व कार्यक्रम होने से बैठक नहीं हो सकी थी। उल्लेखनीय है कि जिपं सदस्यों द्वारा अध्यक्ष मीना हिम्मत सिंह गोयल और उपाध्यक्ष कल्पना मीना के खिलाए अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर १० मई को वोटिंग रखी गई थी, किन्तु सुबह ११ बजे से शाम करीब 5 बजे तक कलेक्टोरेट सभागार में जब कोई नहीं पहुंचा तब पीठासीन अधिकारी ने अविश्वास प्रस्ताव को स्वत: ही असफल मानते हुए प्रक्रिया समाप्त कर दी थी। हालांकि तभी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के भविष्य को लेकर सदस्यों में उठापटक तेज हो गई थी।
वहीं बात अध्यक्ष की तरफ से उनके पति हिम्मत गोयल ने संकेत दिए थे कि १० दिन के भीतर मीना अपने अध्यक्षीय पद से इस्तीफा दे देंगी। इस्तीफे की बात पर उन्होंने रुख साफ नहीं किया था। इसके बाद अरविंद मेनन ने इसमें रुचि लेते हुए सदस्यों को तलब किया था। दूसरी ओर कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह नजर बनाए हुए हैं।

-तब बन गया था मजाक
१० मई को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग रखी गई थी, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव मजाक बनकर रह गया था। ऐसा अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सदस्यों के कलेक्टर सभागार में उपस्थित न होने के कारण हुआ। सुबह ११ से शाम करीब 5 बजे तक यहां कोई सदस्य नहीं पहुंचा तो पीठासीन अधिकारी ने अविश्वास प्रस्ताव को स्वत: ही असफल मानते हुए प्रक्रिया समाप्त कर दी थी। दूसरी ओर कांगे्रस सदस्यों की तरफ से जारी प्रेस विज्ञाप्ति में कहा गया कि हिम्मत सिंह गोयल ने कहा है, अध्यक्षा १० दिनों में स्वयं इस्तीफा दे देंगी। वहीं हिम्मत सिंह गोयल ने कहा था, सदस्यों के बीच जो भी मन मुटाव है उसे एक सप्ताह के भीतर दूर करने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही कांग्रेस व भाजपा सदस्यों के बीच गठ जोड़ की बातें भी होने की बातें भी सामने आई थीं।

-कलेक्टर को सौंपा था प्रस्ताव
26 अप्रैल को जिला पंचायत के छह सदस्यों ने कलेक्टर श्री श्रीवास्तव को अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर सौंपा था। इस पर कलेक्टर ने वोटिंग की तारीख 10 मई को नियत की थी। इसमें दोनों पार्टियों ने अपनी-अपनी जीत के दावे प्रस्तुत किए थे। पर वोटिंग न होने से स्थिति से पर्दा ही नहीं उठ पाया। जिपं अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव में चार कांग्रेसी और दो भाजपाई सदस्य हैं।

अविश्वास प्रस्ताव में ये लगाए थे आरोप –
अध्यक्ष
– जिपं अध्यक्ष मीना गोयल के लाल बत्ती वाहन का दुरुपयोग उनके पति हिम्मत गोयल कर रहे हैं।
– जिपं अध्यक्ष के लेटर पेड का इस्तेमाल अधिकारी एवं कर्मचारियों की झूठी शिकायत करने में किया जा रहा है।
– जिला पंचायत अध्यक्ष होने के नाते प्रतिमाह जिपं की बैठक आयोजित करना चाहिए, जो नहीं की जाती है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में विकास पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है।
– जिला पंचायत भोपाल का वास्तविक बजट वित्तीय वर्ष में प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है। इससे जिला पंचायत का आय-व्यय का ब्यौरा संदिग्ध होता जा रहा है।
– आय-व्यय के संबंध में सदस्यों को कोई जानकारी नहीं दी जा रही है, जो अध्यक्ष के नियंत्रण से परे है।
– जिपं अध्यक्ष द्वारा वाहन में पात्रता अनुसार डीजल व्यय न करके अधिक मात्रा में किया जा रहा है, जो पद के दुरुपयोग की श्रेणी में आता है।

उपाध्यक्ष
– जिपं उपाध्यक्ष प्रतिमाह शिक्षा समिति की बैठक आयोजित ही नहीं करती हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा से संबंधित कार्य एवं विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है।
– जिपं उपाध्यक्ष की पीली बत्ती का उपयोग पति बृजेश मीणा निजी वाहन पर लगाकार कर रहे हैं। यहीं नहीं वह शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को डराते-धमकाते हैं।
– उपाध्यक्ष ग्रामीण विकास के संबंध में किसी प्रकार की रूचि नहीं लेती हैं। इससे सदस्यों में निराशा है।

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