संयुक्त राष्ट्र की जिस फूड प्रोग्राम संस्था को इस साल नोबेल पुरस्कार दिया गया, वो अस्ल में इस बात का संकेत है कि अगले साल यानी 2021 में इस संस्था के सामने और कड़ी चुनौती होने वाली है. माना जाए तो एक तरफ, अर्थव्यवस्थाएं झटके में हैं तो अगले साल बढ़ती गरीबी की हालत में भुखमरी की समस्या और विकराल होने को है. WFP के प्रमुख डेविड बीस्ले ने यह चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि इस तरफ दुनिया के प्रमुख देशों ने समय से ध्यान नहीं दिया तो एक भयानक संकट मुंह बाए खड़ा है.बीस्ले ने साफ कहा है कि कोविड 19 के प्रकोप के शुरूआती दौर में इस साल अप्रैल में ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि भुखमरी एक वैश्विक महामारी बनने जा रही है, अगर फौरन इस दिशा में कदम नहीं उठाए गए. कुछ देशों ने राहत पैकेजों और कर्ज़ माफी जैसे कदम उठाकर भुखमरी की समस्या को इस साल थोड़ा कम करने या टालने में तो सफलता पाई लेकिन अब 2021 में यह संकट और बड़ा होने वाला है.बीस्ले क्यों ऐसी चेतावनी दे रहे हैं और इसका पूरा अर्थ क्या है? इसके साथ ही, आपको यह भी समझना चाहिए कि कोविड 19 अगले साल और क्या भयानक तस्वीर दिखा सकता है? क्या वाकई अगला साल और ज़्यादा मुश्किलों से भरा होने वाला है?
क्यों बदतर हो सकता है 2021?
बीस्ले की मानें तो इस साल प्राकृतिक प्रकोप सामने आया तो देशों के कोषों में रकम थी, लेकिन महामारी से अर्थव्यवस्थाएं सिकुड़ी हैं और गिरावट लगातार जारी है इसलिए अगले साल धन का संकट होगा. इसके अलावा, कम और मध्यम आय वाले देशों में आर्थिक संकट कहर ढाएगा, तो जिन देशों में कोविड 19 की अगली लहरों के कारण फिर लॉकडाउन और शटडाउन की नौबत आ रही है, उन्हें खास तौर से सचेत रहना होगा. कोरोना वायरस के चलते चूंकि माइग्रेशन, बेरोज़गारी और गरीबी बढ़ी इसलिए करीब तीन दर्जन देश संभवत: अकाल जैसे हालात से दो चार होंगे. इस स्थिति को टालना है तो बीस्ले के मुताबिक डब्ल्यूएफपी के पास पर्याप्त पैसा होना चाहिए.
अर्थव्यवस्था और महामारी का अगला साल?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैक्सीन आ भी जाती है तो भी 2025 तक सर्दियों के हर मौसम में कोरोना वायरस संक्रमण बड़ी समस्या होगा. वहीं, अमेरिका में तो अनुमान और भयानक तस्वीर दिखा रहे हैं. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि 1918 के स्पैनिश फ्लू से अमेरिका में 6,75,000 मौतें हुई थीं और 2021 के आखिर तक कोविड 19 से होने वाली मौतों का आंकड़ा इसके बहुत करीब पहुंच जाएगा. आने वाले सालों में स्पैनिश फ्लू से हुई मौतों के आंकड़े को कोविड पार कर जाएगा.
रही बात अर्थव्यवस्थाओं की, तो 2021 में बेहतर होने की उम्मीद तो है, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक दुनिया की अर्थव्यवस्था बहुत धीमी रफ्तार से रिकवर होगी. यह भी आशंका है कि वैश्विक मंदी यानी रिसेशन की भी दूसरी लहर अगले साल देखी जाएगी. कोविड की अगली वेव्स को देखते हुए ज्यादातर विशेषज्ञ मान रहे हैं कि 2021 के आखिर तक भी कई देशों की अर्थव्यवस्था महामारी से पहले की स्थिति में नहीं पहुंच सकेगी. यानी धन संकट और बड़ा होता साफ दिख रहा है.
क्या होगा वैक्सीन का रोल?
बीस्ले ने यह भी अनुमान जताया कि कोविड 19 के खिलाफ वैक्सीन से यह उम्मीद की जा सकती है कि कम से कम विकसित देशों की अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा. लेकिन गरीब देशों के लिए मुश्किल इसलिए है कि जो कर्ज़ माफ किया गया है उसे वसूलने की कवायदें जनवरी 2021 से फिर शुरू होंगी. नए लॉकडाउन और महामारी की अगली लहरों के चलते चिंता तो और बड़ी हो ही जाती है. PLC.