नई दिल्ली । साल 2019 सोशल मीडिया में टिकटॉक के नाम रहा। दुनियाभर में टिकटॉक ने डेढ़ अरब यूजर्स बना लिए हैं। इनमें से 68 करोड़ साल 2019 में जुड़े हैं। इसमें टिकटॉक का चाइनीज अवतार डोइन भी शामिल है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में टिकटॉक के लगभग 30 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं। लेकिन इस पॉपुलैरिटी के बीच टिकटॉक पर सवाल भी उठ रहे हैं। अमेरिका में यूजर डेटा के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंता की जा रही है और इजरायल के साइबर सिक्योरिटी फर्म चेक पॉइंट ने हैकिंग के गंभीर खतरे बताए हैं। चेक प्वाइंट ने टिकटॉक की सुरक्षा पर सवाल उठाए है। यह एक साइबर सिक्योरिटी फर्म है, जिसका कहना है कि हैकर्स टिकटॉक के जरिए आपका यूजर अकाउंट कंट्रोल कर सकते हैं। इतना ही नहीं हैकर्स कंटेंट से छेड़छाड़ कर सकते हैं, और हैकर्स वीडियो डाल या हटा भी सकते हैं। यूजर का प्राइवेट डेटा चुरा सकते हैं। इसके अलाव यह भी खुलासा हुआ कि टेक्स्ट मैसेज फीचर के जरिए हैकिंग संभव है। टिकटॉक ने कमियां दूर कर लेने का दावा भी किया है। अमेरिका में भी टिकटॉक को लेकर आशंका जताई गई है और यूएस को सिक्योरिटी खतरे की आशंका है। टिकटॉक ने कहा है कि डेटा चीन से बाहर रखेंगे। चीन में टिकटॉक डूइन नाम से चलता है और इसके 150 करोड़ यूज़र हैं। डेटा रिसर्च फर्म सेन्सर टॉवर का दावा है कि 2019 में टिकटॉक के 68 करोड़ डाउनलोड हुए।सवाल उस वक्त भी उठे थे, जब हॉन्ग कॉन्ग के राजनीतिक आंदोलन को टिकटॉक ने अपने प्लेटफॉर्म पर आने से रोक दिया था। अब टिकटॉक ने साफ किया है कि वह किसी भी तरह की भ्रामक जानकारी, नफरत फैलाने के कैंपेन या फिर राजनीतिक अभियान को जगह नहीं देगा। PLC.
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