आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा के 10 एकदम सरल उपाय

0
28

धार्मिक धार्मिक शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा को आषाढ़ी पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इस वर्ष शुक्रवार, 23 जुलाई 2021 को पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी और शनिवार, 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। आओ जानते हैं कि आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन ऐसे कौनसे 10 सरल उपाय करें जिससे जीवन में लाभ मिले।
1. मान्यता अनुसार हर पूर्णिमा के दिन पीपल में मां लक्ष्मी का वास होता है। प्रात:काल पवित्र होकर पीपल में मीठा दूध चढ़ाकर माता का आशीर्वाद पाएं।

2. दाम्पत्य जीवन की सफलता के लिए पति या पत्नी में से कोई एक चंद्रदेव को अर्ध्य अर्पित करें।
3. यदि आर्थिक संकट से जुझ रहे हैं तो पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चन्द्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर ‘ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम:’ या ‘ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:. ” मन्त्र का जप करते हुए अर्ध्य देना चाहिए।

4. धन-सम्पदा में बढ़ोतरी हेतु स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद भगवान विष्णु की विधि-पूर्वक पूजा करें। पूजा के दौरान विष्णु गायत्री मंत्र का जाप करें मंत्र है- ‘ऊँ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात्’। इसके बाद चंद्रोदय के समय चंद्रदेव को अर्घ्य दें।

5. पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी के चित्र पर 11 पीली कौड़ियां चढ़ाकर उन पर हल्दी से तिलक करें। दूसरे दिन सुबह इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख लें। इस उपाय से घर में धन की कोई भी कमी नहीं रहेगी।

6. आकाश की ओर मुंह करके अच्युत अनंत गोविंद’ नाम का 108 बार उच्चारण करें। इसके बाद आटे की पंजीरी में केले के टुकड़े मिलाकर भोग लगाकर प्रसाद बांटे। इससे सेहत संबंधी समस्या का समाधान होगा।
7. हर पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी के मंदिर में जाकर उन्हें इत्र और सुगन्धित अगरबत्ती अर्पित करें। इससे धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य बना रहेगा।

8. किसी कार्य को जल्दी करना चाहते हैं तो लक्ष्मी-नारायण के मंदिर जाकर पहले दोनों की विविवत पूजा करें। फिर नारियल के गोले के टुकड़े और मिश्री का प्रसाद अर्पित करना चाहिए और कार्य के जल्दी पूरा होने की प्रार्थना करें। आपका काम जल्दी ही पूरा होगा।

9. व्यापार में तरक्की चाहते हैं या चाहते हैं कि साझेदार आपकी बात मानें तो नारायण के मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- ‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय।’

10. प्रात: स्नान करने के बाद घर के मंदिर में विधिवत पूजा करें और रोली घोलकर अपने पूजाघर के बायीं और दायीं दोनों तरफ स्वास्तिक का चिन्ह बनाइये और मंदिर के आगे एक दीपक जलाएं। ऐसा करने से सुख-समृद्धि बनी रहेगी। PLC

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here