“इंडिया में पड़ा हीरोइनों का अकाल”

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आई.एन.वी.सी,,
मुंबई,,

वैसे तो बहुत पहले से हिंदी फिल्मों के निर्माता निर्देशक अपनी फिल्मों में विदेशी बालाओं को बतौर नायिका अभिनय करने का मौका देते रहे हैं लेकिन आजकल यह कुछ ज्यादा ही हो गया है जिसे देखो वही अपनी फिल्म में विदेशी लड़कियों को मौका दे रहा है. क्या हमारे यहाँ इंडिया में हीरोइनों का अकाल पड़ गया है या कुछ खास वजह है इसकी.

ऐसी ही एक फिल्म है जीत लेगें जहाँ, जिसका जिक्र हम करने जा रहे हैं इसमें दोनों ही हीरोइने इंडिया के बाहर की हैं जिसमें से एक तो हैं श्रीलंका की, जिनका नाम नीलाम्बरी पेरूमल है और दूसरी ऐना जो की जोर्जिया की है. नीलाम्बरी की यह पहली हिंदी फिल्म है लेकिन इससे पहले उन्होंने मलयालम फिल्म “ बॉम्बे मित्तई” में अभिनय किया है और ऐना भी दो — तीन हिंदी फिल्मों में अभिनय कर रही हैं.

निर्देशक ललित से पूछने पर की क्या कोई खास वजह है इसकी कि, आपकी इस फिल्म में दो हीरोंइने विदेश की हैं ? क्या इंडिया की कोई भी नायिका आपको पसंद नही आयी अपनी फिल्म के लिए? उन्होंने कहा कि, “नही ऐसी कोई भी बात नहीं है बस यह इतिफाक की बात है. नीलाम्बरी जो की हैं तो श्रीलंका की लेकिन वो हमेशा इंडिया में ही रही हैं वो पढ़ी लिखी भी यही हैं और जहाँ तक ऐना की बात है हमने उसे इसलिए लिया है क्योंकि हमें फिल्म में एक गोरी यानी विदेशी लड़की की जरूरत थी. नीलाम्बरी और ऐना दोनों ने ही बहुत ही अच्छा काम किया है फिल्म में.”

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