आई एन वी सी न्यूज़
रायपुर,
- निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान अत्याधिक प्रचार खर्चों, नकद अथवा घूस के रुप में वस्तुओं का वितरण, अवैध हथियार व गोला-बारुद, मदिरा और असामाजिक तत्वों की आवाजाही पर हो रही निगरानी
- मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा, आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन और संबद्ध शिकायतों के मामलों पर भी कार्रवाई करेगा उड़नदस्ता
एल खियांग्ते, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन-2019 को स्वच्छ, पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से कराए जाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से कई दिशा निर्देश दिए गए हैं. इस सिलसिले में निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान निर्वाचन क्षेत्र में अत्याधिक प्रचार खर्चों, नकद अथवा घूस के रुप में वस्तुओं का वितरण, अवैध हथियारों, गोला-बारुद, मदिरा या असामाजिक तत्वों आदि की आवाजाही पर निगरानी रखने के लिए उड़नदस्ता दल का गठन किया गया है. यह दल आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघनों और संबंद्ध शिकायतों के मामलों पर भी कार्रवाई करेगा. उन्होंने बताया कि व्यय संवेदनशील क्षेत्रों में परिस्थिति के आधार पर केंद्रीय अर्धसैनिक बल या राज्य सशस्त्र बल को भी उड़नदस्ता दल में शामिल किया जा सकता है. ज्ञात हो कि निर्वाचकों को प्रभावित करने के लिए नकदी अथवा घूस की कोई भी वस्तु का वितरण या बाहुबल का इस्तेमाल करना आईपीसी की धारा- 171 ख और 172 ग के अंतर्गत अपराध है और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 123 के अंतर्गत भ्रष्ट आचरण है. आईपीसी की धारा 171 ख के अनुसार कोई व्यक्ति निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी व्यक्ति को उसके मताधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्प्रेरित करने के उदेश्य से नकद या उपहार का लेन-देन करता है तो वह एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माना अथवा दोनों का भागी होगा.
दर्ज होंगी शिकायतें/ एफआईआर
श्री खियांग्ते ने बताया कि उड़नदस्ते के प्रभारी पुलिस अधिकारी द्वारा रिश्वत लेने व देने वाले व्यक्तियों, अन्य व्यक्ति जिनसे निषिद्ध वस्तुएं जब्त की गई हैं या एसे अन्य असामाजिक तत्व जो गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं के विरुद्ध शिकायतें / एफआईआर तत्काल दाखिल की जाएगी. शिकायत/ एफआईआर की प्रति सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रिटर्निंग अफसर के नोटिस बोर्ड पर भी प्रदर्शित की जाएगी और जिला निर्वाचन अधिकारी, सामान्य प्रेक्षक, व्यय प्रेक्षक और पुलिस प्रेक्षक को भेजी जाएगी.
नजदीकी पुलिस स्टेशन को देंगे सूचना
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि यदि उड़नदस्ते का घटनास्थल पर तत्काल पहुंच पाना संभव नहीं हो तो सूचना घटनास्थल के सबसे नजदीक मौजूद राज्य निगरानी दल या उस क्षेत्र के पुलिस स्टेशन को दी जानी है. इसके उपरांत इनके द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाएगी.
चेकपोस्ट पर स्थैतिक निगरानी दल तैनात
श्री खियांग्ते ने बताया कि स्थैतिक निगरानी दल (एसएसटी) में एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट तथा तीन-चार पुलिसकर्मी शामिल किए गए हैं. ये चेकपोस्ट पर प्रतिनियुक्त किए गए हैं. कुछ एक निगरानी दलों में क्षेत्र की संवेदनशीलता के आधार पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी शामिल किया जा रहा है. यह दल व्यय संवेदनशील बस्तियों पर चेकपोस्ट स्थापित करने और अपने क्षेत्र में अवैध शराब, रिश्वत की वस्तुओं या भारी मात्रा में नकदी, हथियार और गोला-बारुद के लाने-ले जाने तथा असामाजिक तत्वों की आवाजाही पर भी नजर रख रहे हैं. श्री खियांग्ते ने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा उड़नदस्ते और स्थैतिक निगरानी दलो का गठन करते हुए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है.