आई एन वी सी ,
भोपाल,
ेजय प्रकाश अस्पताल में पहले दिन सुबह ११ बजे से शुरू हुए यह आपरेशन देर रात तक चले। वहीं शेष पीडि़तों का आपरेशन रविवार और सोमवार को किए जाएंगे। शाम 5 बजे तक विशेषज्ञों की टीम ने 8 सफल आपरेशन किए थे। इसी के साथ अस्पताल में पीडि़तों का कैंसर शिविर में परीक्षण किया जा रहा है। जेपी की सिविल सर्जन डॉ. वीणा सिन्हा ने बताया, यह शिविर में 22 अप्रैल आयोजित किया गया है। कैंसर शिविर में आपरेशन करने वालों में इंदौर कैंसर फाउण्डेशन के कैंसर सर्जन डॉ. दिगपाल धारकर के साथ डॉ. बलदेव डिम्बानी, डॉ. रवि सोनी, डॉ. जितेन्द्र बरानिया, डॉ. हंसा नन्दिनी, डॉ. निलेश, विकास और जेपी के डॉ. एसके सक्सेना, डॉ. आईके चुग, डॉ. एमएस खान, डॉ. यूडी सक्सेना, डॉ. रेणु चुग, डॉ. पवार, डॉ. कुकरेजा और डॉ. चतुर्वेदी शामिल हैं। कैंसर पीडि़तों के आपरेशन में व सर्जरी में इन्दौर कैंसर फाउण्डेशन और जेपी चिकित्सालय के पैरामेडीकल का स्टॉफ भी अपनी सेवाएं दे रहा है। उल्लेखनीय है कि संभागस्तरीय इस शिविर के सफल आयोजन में कमिश्नर एसबी सिंह, कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने महत्ती भूमिका निभाई है।
-अंगूरीबाई: प्रायवेट से कम नहीं जेपी
सरकारी अस्पतालों के बारे में जैसा सुना था, ठीक उससे उलट मैंने आज देखा। यह बोल हैं, नरसिंहगढ़ के छोटे किसान शिवराज सिंह की पत्नी अंगूरीबाई ने कैंसर के ेसफल आपरेशन के बाद कहे। मैं नहीं जानती थी ऐसा भी हो सकता है। उन्होंने बताया, उनके पति को शिविर के बारे में जानकारी थी। पैसा न होने के चलते बड़े अस्पतालों में इलाज नहीं कर सकते थे, लिहाजा शिविर में परीक्षण कराया। अस्पताल में भर्ती होने को कहा, पहले दिल में थोड़ा डर था- जाने कैसे आपरेशन होगा? पर अस्पताल में मिली सुविधाएं चिकित्सकों एवं पैरामेडीकल स्टॉफ का व्यवहार प्रायवेट से कम नहीं है। शिविर में परीक्षण के दौरान पता चला कि मुझे कैंसर है। परिजनों ने शिविर में आपरेशन कराने की जगह प्रायवेट अस्पताल में आपरेशन कराने को कहा, लेकिन नरसिंहगढ़ के ही कुछ डॉक्टरों ने कहा, शिविर में ख्याति प्राप्त डॉक्टर आपरेशन करेंगे। थोड़ी हिम्मत बंधी और सफल आपरेशन होने के बाद मेरा सरकारी अस्पतालों के प्रति नजरिया ही बदल गया है। अस्पताल में चिकित्सकों एवं पैरामेडीकल स्टॉफ की देख-रेख से सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में अंतर समझ आया। इस पूरे इलाज में एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ।
-मेहताब: नजरिए के उलट हुआ
नरसिंहगढ़ के ही मेहताब और शांति बाई ने बताया, २० वर्षीय बिटिया रीना बाई का शिविर में परीक्षण कराया। मेहताब ने कहा, बिटिया की तबीयत अक्सर खराब रहती थी। खेतों में मजदूरी करने के कारण बड़े अस्पतालों में इलाज कराना संभव नहीं था। परीक्षण में पता चला उसे कैंसर है। बीमारी का पता चलने पर परिवार के सभी लोग हैरान थे, लेकिन ेडॉक्टरों ने आश्वस्त किया कुछ नहीं होगा। आखिरकार हम आपरेशन के लिए तैयार हो गए। बिटिया का सफल आपरेशन और डॉक्टरों द्वारा देखे भाल को देख मेरा नजरिया ही बदल गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और शिविर डा. पंकज शुक्ला ने बताया, शिविर में जिन कैंसर मरीजों का आपरेशन किया जा रहा है और जिन्हें रक्त की आवश्यकता है। उनके लिए तत्काल रक्त की व्यवस्था की जा रही है। यह व्यवस्था ब्लड बैंक जेपी चिकित्सालय और ब्लड बैंक हमीदिया अस्पताल द्वारा की जा रही है।